पुलिस ने किया फर्जी डीएम गिरफ्तार,बेरोजगारों से नौकरी के नाम पर ठगी के साथ, अपनी मंगेतर से जमीन, कार,लाखो रुपए हड़पने के साथ अवैध संबंध बनाने का आरोप – Latest News Today, Breaking News, Uttarakhand News in Hindi

पुलिस ने किया फर्जी डीएम गिरफ्तार,बेरोजगारों से नौकरी के नाम पर ठगी के साथ, अपनी मंगेतर से जमीन, कार,लाखो रुपए हड़पने के साथ अवैध संबंध बनाने का आरोप

देहरादून/हरिद्वार

हरिद्वार पुलिस ने एक ऐसे व्यक्ति को गिरफ्तार किया है जो कि खुद को उधम सिंह नगर का जिलाधिकारी बता रहा था। इस व्यक्ति के खिलाफ नौकरी लगवाने का झांसा देने का मामला भी सामने आया है,जांच में यह बात भी भी सामने आई है कि इसने अपनी मंगेतर को भी नहीं बक्शा उसको भी लाखो का चुना लगाया है।

हरिद्वार एसएसपी प्रमेन्द्र डोभाल की ओर से जानकारी में बताया गया कि 21 सितंबर को ज्वालापुर कोतवाली में खन्ना नगर की रहने वाली चेतना अरोड़ा की ओर से एक मामला दर्ज कराया गया। मामले में बताया गया कि खन्ना नगर के ही रहने वाले निहार कर्णवाल ने उसे बताया कि वह उधम सिंह नगर का जिलाधिकारी है और वह महिला की नौकरी पीडब्ल्यूडी में समीक्षा अधिकारी के पद पर लगवा देगा। इसके एवज में महिला से 70 लाख रुपए की मांग की गई।

आरोप लगाया कि इस फर्जी डीएम और उसके दो साथियों ने मिलकर 70 लाख रुपए के लिए महिला के घर को अपने नाम करवा लिया और बाद में नौकरी लगवाने के नाम से मुकर गया। महिला द्वारा रुपए वापस मांगने पर इन तीनों ने उसे जान से मारने की धमकी भी दी।

अभी मामले की जांच चल ही रही थी कि एक और शिकायत सामने आई जिसे पुलिस के रोंगटे खड़े कर दिए।

आरोपी की मंगेतर ने रानीपुर कोतवाली में शादी का झांसा देकर नौकरी लगवाने के नाम पर उसके माता-पिता से प्लॉट और फर्जी दस्तावेज बनाकर कार हड़पने के साथ ही बिना इजाजत जबरन शारीरिक संबंध बनाने का मुकदमा दर्ज कराया।

इसके बाद पुलिस और सक्रिय हो गई। ज्वालापुर सीओ निहारिका सेमवाल, ज्वालापुर कोतवाल कुंदन सिंह राणा, रानीपुर कोतवाल नरेंद्र सिंह बिष्ट ने टीम बनाकर आरोपी की। ढूंढ शुरू की तो आरोपी निहार कर्णवाल को ऋषिकुल तिराहे मुख्य हाईवे के पास से गिरफ्तार कर लिया।

एसएसपी ने बताया कि आरोपी के दो साथी फरार हैं, आरोपी के साथी निशांत कुमार गुप्ता, निखिल बेनीवाल की तलाश की जा रही है।

वहीं सीओ निहारिका सेमवाल ने बताया कि आरोपी अपने साथी निशांत कुमार गुप्ता, निखिल बेनिवाल के साथ मिलकर एक गिरोह के तौर पर काम कर रहे थे। बेरोजगार युवक-युवतियों को साजिश के तहत फंसाकर नौकरी का लालच देकर ठगते थे। आरोपी खुद को डीएम बताता था इसलिए गाड़ियों और गनर का इंतजाम निशांत करता था। जाल में फंसे बेरोजगारों को नौकरी लालच देकर प्रॉपर्टी डीलर निखिल बेनीवाल के माध्यम से उसके परिवार के नाम जमीन को गिफ्ट करवा लेता था। बाद में मौका देखकर आगे दूसरी पार्टी को जमीन बेच दी जाती थी।

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