देहरादून
अपने जन्मदिन के खास मौके पर भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने देहरादून में राष्ट्रपति निकेतन (जिसे पहले राष्ट्रपति आशियाना कहा जाता था) का उद्घाटन किया। इसके साथ ही उन्होंने राष्ट्रपति उद्यान की आधारशिला भी रखी, जिसे आने वाले समय में दुनिया के सबसे सुंदर बागों में शामिल करने की योजना है।
राष्ट्रपति आशियाना का इतिहास 1838 से जुड़ा है। उस समय यह जगह गवर्नर जनरल की बॉडीगार्ड यूनिट के घोड़ों के लिए गर्मियों के कैंप के रूप में इस्तेमाल होती थी। 1920 में यहाँ एक बंगला बनाया गया था, जो उस यूनिट के अधिकारी के लिए था। 1976 में इसे राष्ट्रपति का विश्रामगृह घोषित किया गया। यह संपत्ति देहरादून के राजपुर रोड पर 237 एकड़ में फैली है, जिसमें मुख्य भवन, एक अतिरिक्त इमारत, अस्तबल, स्विमिंग पूल और फलदार बाग हैं। 2016 में इसका जीर्णोद्धार (मरम्मत और नवीनीकरण) किया गया था, जिसमें इसे भूकंपरोधी बनाया गया और पुराने जल चैनलों को फिर से ठीक किया गया।
अब इस जगह को राष्ट्रपति निकेतन के नाम से फिर से तैयार किया गया है।
सीपी कुक्रेजा आर्किटेक्ट्स नाम की फर्म ने इसे नया रूप दिया है। इसमें कई नई चीज़ें जोड़ी गई हैं जैसे एक घोड़ा मैदान, जो इसकी पुरानी घुड़सवारी परंपरा को दर्शाता है,एक कमल का तालाब जो देखने में सुंदर है और पर्यावरण के लिए भी अच्छा है,खुले रंगमंच जहां सांस्कृतिक कार्यक्रम हो सकें; पथरीला तालाब जिसे प्राकृतिक रूप दिया गया है और एक कैफेटेरिया जो हरियाली के बीच बैठकर खाने-पीने का अनुभव देगा। इन सबके ज़रिए इस ऐतिहासिक जगह को और भी खास और सुंदर बनाया गया है, जिससे लोग यहाँ आकर शांति महसूस करें और मिलकर समय बिता सकें।
इस मौके पर आर्किटेक्ट *दीक्षु सी. कुक्रेजा*, जो इस प्रोजेक्ट के प्रमुख हैं, ने कहा,
“हमारा मकसद इस जगह की पुरानी पहचान को बचाते हुए ऐसा वातावरण बनाना था, जहाँ लोग आराम से बैठें, प्रकृति के करीब आएं और दूसरों से जुड़ सकें। हमने जो नई चीज़ें बनाई हैं, वे सब इस सोच के साथ तैयार की गई हैं।”
इसके साथ ही राष्ट्रपति मुर्मू ने राष्ट्रपति उद्यान की भी नींव रखी, जो भविष्य में एक बहुत ही खास और सुंदर सार्वजनिक बाग बनने जा रहा है। यह बाग भारत की सांस्कृतिक और प्राकृतिक विरासत को ध्यान में रखकर बनाया जाएगा। राष्ट्रपति निकेतन अब आम लोगों के लिए भी खुला रहेगा, जहाँ वे गाइडेड टूर के ज़रिए इस ऐतिहासिक, वास्तुशिल्प और प्राकृतिक सुंदरता को करीब से देख सकेंगे।
बताते चलें कि सीपी कुक्रेजा आर्किटेक्ट्स (सीपीकेए) एक जानी-मानी वास्तुकला और डिज़ाइन कंपनी है, जिसका काम भारत, वियतनाम, जापान और अमेरिका तक फैला है। इसकी शुरुआत 1969 में दिवंगत सीपी कुक्रेजा ने दिल्ली में की थी। आज इसे दीक्षु सी. कुकरेजा चला रहे हैं। यह कंपनी ऐसे डिज़ाइन बनाती है जो पर्यावरण के अनुकूल हों और नई तकनीकों से जुड़ें। पिछले 50 वर्षों में कंपनी ने 40 से ज्यादा देशों में 1500 से भी अधिक प्रोजेक्ट किए हैं। इसमें 150 से ज़्यादा विशेषज्ञ काम करते हैं जो मिलकर अच्छे और टिकाऊ डिज़ाइन तैयार करते हैं।