प्रेजिडेंट पुलिस मेडल–गैलेन्ट्री से सम्मानित अर्द्धसैनिकों को 5 लाख रुपये की अनुदान राशि, जिन पूर्व अर्द्धसैनिकों या वीर नारियों को जीवन में एक बार राज्य में संपत्ति क्रय पर 25 प्रतिशत तक मिलेगी स्टाम्प शुल्क में छूट.. सीएम धामी – Latest News Today, Breaking News, Uttarakhand News in Hindi

प्रेजिडेंट पुलिस मेडल–गैलेन्ट्री से सम्मानित अर्द्धसैनिकों को 5 लाख रुपये की अनुदान राशि, जिन पूर्व अर्द्धसैनिकों या वीर नारियों को जीवन में एक बार राज्य में संपत्ति क्रय पर 25 प्रतिशत तक मिलेगी स्टाम्प शुल्क में छूट.. सीएम धामी

देहरादून/ हल्द्वानी

केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल कैंप मुख्यालय

गोलापार में आयोजित पूर्व अर्द्धसैनिक बल सम्मेलन को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि अर्द्धसैनिक बलों के जवान कश्मीर से कन्याकुमारी और कच्छ से अरुणाचल तक हर मोर्चे पर अदम्य साहस, शौर्य और समर्पण के साथ देश की सेवा करते हैं।

तिरंगे की शान को ऊँचा रखने में इन वीर सपूतों का योगदान अविस्मरणीय है। उन्होंने अर्द्धसैनिक बल को वीरता, साहस और राष्ट्रभक्ति का प्रतीक बताते हुए कहा कि ये जवान राष्ट्र की सच्ची शान हैं।

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि सैनिक कभी ‘भूतपूर्व’ नहीं होता, वह जीवनपर्यंत सैनिक ही रहता है। वे स्वयं सैनिक परिवार से आते हैं, इसलिए सैनिकों और उनके परिजनों की पीड़ा व चुनौतियों को भली-भांति समझते हैं। उन्होंने कहा कि शहीदों की शहादत का कोई मूल्य नहीं हो सकता, परंतु राज्य सरकार का दायित्व है कि उनके परिजनों को किसी भी प्रकार की कठिनाई का सामना न करना पड़े।

कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने अर्द्धसैनिक बलों के हित में कई महत्वपूर्ण घोषणाएँ कीं। उन्होंने कहा कि प्रेजिडेंट पुलिस मेडल–गैलेन्ट्री से सम्मानित अर्द्धसैनिकों को अब 5 लाख रुपये की अनुदान राशि दी जाएगी। जिन पूर्व अर्द्धसैनिकों या वीर नारियों के पास अपनी अचल संपत्ति नहीं है, उन्हें जीवनकाल में एक बार राज्य में संपत्ति क्रय पर 25 प्रतिशत तक स्टाम्प शुल्क में छूट दी जाएगी। उन्होंने उत्तराखंड अर्द्धसैनिक बल कल्याण परिषद को सक्रिय करने और पुलिस मुख्यालय में इसके लिए कार्यालय उपलब्ध कराने की भी घोषणा की। सैनिक कल्याण निदेशालय में उपनिदेशक (अर्द्धसैनिक) और बड़े जिलों में सहायक जिला सैनिक कल्याण अधिकारी (अर्द्धसैनिक) के पद स्वीकृत किए जाएंगे, जिन पर पूर्व अर्द्धसैनिकों की संविदा पर नियुक्ति होगी। अर्द्धसैनिक बलों के बच्चों को शादी में सैनिकों की भांति सहायता राशि देने तथा सीजीएचएस भवन निर्माण के लिए भूमि चयन करने के निर्देश भी मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी को दिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने शहीदों के परिजनों की अनुग्रह राशि 10 लाख से बढ़ाकर 50 लाख रुपये कर दी है। अशोक चक्र, कीर्ति चक्र और शौर्य चक्र अलंकृत वीरों की पुरस्कार राशि और वार्षिक अनुदान में भी महत्वपूर्ण बढ़ोतरी की गई है। शहीद स्मारकों के निर्माण का कार्य गति पकड़ चुका है और इस वर्ष 10 नए स्मारकों को स्वीकृति दी गई है। शहीदों के परिजनों के एक सदस्य को सरकारी नौकरी में समायोजित करने की नीति भी लागू है।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश तेजी से रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर हुआ है और स्वदेशी हथियारों की क्षमता को विश्व स्तर पर ‘ऑपरेशन सिंदूर’ ने साबित किया है।

मुख्यमंत्री ने बताया कि पर्वतीय क्षेत्रों में अवैध बसावट और अनुचित गतिविधियों के खिलाफ सरकार कड़े कदम उठा रही है। अब तक 10,000 एकड़ से अधिक सरकारी भूमि कब्जामुक्त कराई जा चुकी है और 550 से ज्यादा अवैध संरचनाएँ ध्वस्त की गई हैं। राज्य में समान नागरिक संहिता, धर्मांतरण विरोधी कड़ा कानून, दंगा-रोधी कानून और भू-कानून लागू कर सामाजिक समरसता और आंतरिक सुरक्षा को मजबूती प्रदान की जा रही है।

उन्होंने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड वीरभूमि भी है और यहां की संस्कृति, धरोहर व परंपरा की रक्षा करना हम सबका सामूहिक दायित्व है। राज्य सरकार “विकल्प रहित संकल्प” के साथ उत्तराखंड को देश का श्रेष्ठ राज्य बनाने की दिशा में सतत कार्य कर रही है।

कार्यक्रम में सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी, मेयर गजराज सिंह बिष्ट, जिला पंचायत अध्यक्ष दीपा दरमवाल, विधायक राम सिंह कैड़ा, दायित्वधारी डॉ. अनिल डब्बू, शंकर कोरंगा, रेनू अधिकारी, आईजी रिद्धिम अग्रवाल, जिलाधिकारी ललित मोहन रयाल, सीआरपीएफ डीआईजी शंकर दत्त पांडे, एसएसपी डॉ. मंजूनाथ टीसी, पूर्व अर्द्धसैनिक संगठन के अध्यक्ष एस.एस. कोटियाल, सेवानिवृत्त आईजी एम.एल. वर्मा, एच.आर. सिंह, भानु प्रताप सिंह सहित बड़ी संख्या में पूर्व सैनिक एवं गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।

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