देहरादून
मात्र 2 ही महीने में पहले दैनिक जागरण के ब्यूरो चीफ और अब अमर उजाला के ब्यूरो चीफ का देहांत,उत्तराखंड के मीडिया को बड़ी क्षति पहुंची है। ये पत्रकारिता के क्षेत्र में एक ऐसी रिक्तता है जिसको हम कभी नहीं भर पाएंगे।
उत्तराखंड की पत्रकारिता का अपना अलग मुकाम है। क्योंकि उत्तरप्रदेश केक्समी में भी देहरादून को विशेष महत्ता दी जाती रही है। उत्तरप्रदेश से अलग होने के बाद प्रदेश की राजधानी का दर्जा मिला देहरादून को और सभी अखबारों, चेनलों वगैरह ने अपने प्रदेश स्तरीय मुख्यालय यहीं बनाए। जिससे पत्रकारिता के मायने बदले और इसको बदलने में धुलिया और खंडूरी जैसे दिग्गज पत्रकारों ने बड़ी भूमिका निभाई।
बृहस्पतिवार को उत्तराखंड के पत्रकारिता जगत के लिए एक और दुखभरी खबर सामने आई जिसमें अमर उजाला समाचार पत्र के ब्यूरो चीफ राकेश खंडूड़ी का हृदय की बीमारी के चलते आकस्मिक निधन हो गया। राकेश खंडूड़ी न सिर्फ एक बेहतर पत्रकार थे, बल्कि एक जिंदादिल इन्सान भी थे।
उनका माउथ ऑर्गन की आवाज हमेशा हम सबकी यादों में गूंजता रहेगा।
डोईवाला निवासी राकेश खंडूरी ने हृदय की बीमारी से जूझते हुए ऋषिकेश एम्स में अंतिम सांस ली। खंडूरी लगभग 20 वर्षों से सक्रिय पत्रकारिता का हिस्सा थे, उन्होंने लंबे समय तक हिमाचल प्रदेश में भी अपनी सेवाएं दी।
51 वर्षीय वरिष्ठ पत्रकार राकेश खंडूड़ी की कुछ समय पहले ही हार्ट की बाईपास सर्जरी हुई थी, जो सफल रही थी, परंतु बीमारी से उबरने के बाद उन्हें अचानक दिल का दौरा पड़ गया। जिसके उपरांत उनको ऋषिकेश एम्स में भर्ती कराना पड़ा, लेकिन चिकित्सक भरसक प्रयास के बावजूद भी उनको बचा नहीं पाए।
उनके पार्थिव शरीर को डोईवाला स्थित आवास पर लाया गया यहीं से उनकी अंतिम यात्रा हरिद्वार के लिए रवाना हुई हरिद्वार के खड़खड़ी श्मशान घाट पर उनका अंतिम संस्कार किया गया।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, महानिदेशक बंशीधर तिवारी समेत उत्तरांचल प्रेस क्लब, पत्रकारों और विभिन्न राजनीतिक, सामाजिक दलों ने राकेश खंडूड़ी के निधन पर शोक व्यक्त किया। राकेश खंडूड़ी का निधन पत्रकारिता जगत के लिए अपूर्णीय क्षति है।
इस अवसर पर उत्तरांचल प्रेस क्लब और उत्तराखंड न्यूज कैमरामैन एसोसिएशन के सदस्यों द्वारा भी वरिष्ठ पत्रकार राकेश खंडूरी के निधन पर शोक व्यक्त किया गया है।