देहरादून/नैनीताल
उत्तराखंड वन विभाग शीर्ष पद को लेकर एक बार फिर से विवाद में है। मामला प्रमुख वन संरक्षक (HOF) की नियुक्ति को लेकर हुआ है, सबसे वरिष्ठ IFS अधिकारी बीपी गुप्ता ने इस निर्णय के खिलाफ नैनीताल हाईकोर्ट में याचिका दर्ज कर दी है।
हाल ही में हुई DPC बैठक के बाद 1993 बैच के रंजन कुमार मिश्र को विभाग का प्रमुख बनाया है। जबकि उनसे सीनियर 1992 बैच के बीपी गुप्ता विभाग में पहले से कार्यरत हैं और प्रशासन शाखा की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी संभाल रहे हैं।
HOFF पद पर सीनियर जूनियर वाला मामला पहली बार नहीं
वन विभाग में शीर्ष पद को लेकर विवाद नया नहीं है। इससे पहले राजीव भरतरी को HOF पद से हटाकर जूनियर अधिकारी विनोद कुमार को जिम्मेदारी मिली थी। राजीव भरतरी ने भी इस निर्णय को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी और कोर्ट ने उन्हें फिर से HOF बहाल करने का आदेश मिला था।
बीपी गुप्ता के अधिवक्ता अभिजय नेगी के माध्यम से हाईकोर्ट में दाखिल याचिका में आरोप है कि यहां सीनियरिटी सिद्धांत का पालन नहीं किया और बिना ठोस आधार के जूनियर अधिकारी को विभाग का मुखिया बना दिया।
हाईकोर्ट द्वारा इस मामले में DPC की पूरी प्रक्रिया, कारण और मिनट्स की तलब किया जा सकता है। हालांकि, यह भी संभावना है कि तकनीकी आधार पर कोर्ट उन्हें CAT जाने का सुझाव दे सकती है।
कुछ समय पहले अफसर पंकज कुमार ने भी अपने तबादले को लेकर हाईकोर्ट में चुनौती दी थी, जिसके बाद कोर्ट ने तबादला आदेश पर रोक लगा चुकी है।
बताते चलें कि प्रमुख वन संरक्षक समीर सिन्हा 30 नवंबर को सेवानिवृत्त हो गए थे और इसके दृष्टिगत 25 नवंबर को प्रमुख वन संरक्षक (हॉफ) के लिए डीपीसी हुई थी। बताया जाता है कि इसमें वन विभाग में दूसरे नंबर पर सबसे वरिष्ठ अधिकाारी और 1992 बैच के आईएफएस व प्रमुख वन संरक्षक प्रशासन बीपी गुप्ता समेत रजन मिश्रा भी पीसीसीएफ हॉफ के पद के लिए दावेदार थे।