देहरादून
धरातल संस्था द्वारा महान स्वतंत्रता सेनानी एवं राष्ट्रीय धारा के प्रमुख कवि श्रीराम शर्मा प्रेम की 110 वीं जन्म तिथि वाणी विहार जैनप्लोट मे उत्साह पूर्वक मनाई गयी।
जनकवि डा.अतुल शर्मा ने बताया कि शनिवार को स्वतंत्रता सेनानी श्रीराम शर्मा प्रेम का गौरवशाली स्मरण किया गया। इस अवसर पर कहानीकार रेखा शर्मा व कवयित्री रंजना शर्मा ने कविवर प्रेम की जेल में लिखी कविताओका सस्वर पाठ किया, करो राष्ट्र निर्माण बनाये मिट्टी से सोना , बिना हुए निर्माण राष्ट्र कल्याण नही होना।
इस महत्वपूर्ण अवसर पर मुख्य अतिथि के रुप मे पूर्व राज्य मंत्री रविन्द्र जुगरान ने कहा कि महान स्वतंत्रता सेनानी एवं राष्ट्रीय कवि श्रीराम शर्मा प्रेम ने 1944 मे दिल्ली सैंट्रल सैक्रेटिएट पर तिरंगा फहराया था। उसके बाद उन्हें फिरोजपुर जेल भेज दिया गया था जहां उन्हें दो वर्ष की कठोर कारावास की सज़ा हुई। उन्होंने जेलों की दीवारों पर कविताये लिखने का साहस किया। वे प्रेरणा के स्रोत है।
पूर्व पार्षद और वरिष्ठ नागरिक मंच के पदाधिकारी हुकम सिह गढ़िया और शेरसिंह राणा ने कहा कि स्वतंत्रता सेनानी के पुत्र डा अतुल शर्मा ने हमे राष्ट्रीय कवि प्रेम के विषय मे जानकारी दी कि उनका उल्लेख सूचना जनसम्पर्क विभाग की पत्रिका मे गौरवशाली तरह से किया गया है।
उन्होंने कहा कि वाणी विहार मे उनका निवास” धरोहर” अध्ययन का महत्वपूर्ण केन्द्र बन गया है। उत्तराखंड राज्य आन्दोलन कारी मंच के वरिष्ठ पदाधिकारी प्रदीप कुकरेती और राज्य आन्दोलन कारी रामलाल खंडूरी ने बताया कि स्वतंत्रता सेनानी व कवि श्रीराम शर्मा प्रेम का उल्लेख घंटाघर के नीचे शहीद स्तम्भ पर स्वर्णाक्षरो मे अंकित है। उनके पांच कविता संग्रह छपे, जलती निशानी युग चरण जलती निशानी जलती धरती झुलसे पाव और अंगारे जिसकी भूमिका लोकनायक जयप्रकाश नारायण ने लिखी थी।
राज्य आन्दोलन कारी विजय लक्ष्मी गुंसाई ने कवि प्रेम की ओजस्वी कविता का पाठ किया।
जनकवि डा अतुल शर्मा ने अनुसार उन्होंने स्वतंत्रता सेनानी कवि प्रेम पर पांच ग्रंथ प्रकाशित किये अग्नि पुरुष युग चरण अविराम शताब्दी के हस्ताक्षर सृजन यात्री व संस्करणों के हरे गुलाब। उनकी दो कविताये अमर शहीद श्रीदेव सुमन और मसूरी गढ़वाल विश्व विद्यालय के पाठ्यक्रम मे पढ़ाई जाती है।
जय प्रकाश पंवार जेपी ने उनपर एक महान डाक्यूमेंट्री बनाई व आकाशवाणी देहरादून ने उनपर विशेष रेडियो रुपक बनाया है। आन्दोलनकारी मंच की राधा तिवारी ने बताया कि महान स्वतंत्रता सेनानी और राष्ट्रीय धारा के प्रमुख कवि का उल्लेख भक्त दर्शन की पुस्तक गढ़वाल की दिवंगत विभूतियों मे किया गया है।
इस अवसर पर अतुल शर्मा रविंद्र जुगरान और विजयलक्ष्मी गुसाई के साथ मोनिका गौड़ ने भीं उनकी कविताओं का पाठ किया।
इस अवसर पर हुकम सिह गढ़िया प्रदीप कुकरेती पीडी लोहानी ओमप्रकाश नौटियाल गोविन्द सिह बिष्ट संतन सिह जयप्रकाश पंवार जेपी विक्रम पुंडीर सुशील यादव आदि ने कवि प्रेम के चित्र पर पुष्प चढ़ाकर श्रृद्धांजलि अर्पित की।
कार्यक्रम का संचालन कहानीकार रेखा शर्मा व रंजना शर्मा ने किया।