देहरादून/उत्तरकाशी
उत्तराखंड के चारधामों में प्रसिद्ध श्री गंगोत्री धाम के कपाट बुद्धवार को अन्नकूट के पावन पर्व पर अपराह्न 12:01 बजे वैदिक मंत्रोच्चार एवम पूजा -अर्चना के साथ विधि-विधान से शीतकाल के लिए बंद कर दिए गये।
इस अवसर पर देश विदेश केहजारो श्रद्धालु कपाट बंद होने के साक्षी बने।मां गंगा की उत्सव डोली समारोहपूर्वक जयकारों के साथ मुखबा गांव के लिए रवाना हुई। मां गंगा का रात्रि विश्राम आज मां चंडी देवी(मार्कण्डेय पुरी) मन्दिर में होगा। कल मां गंगा की उत्सव डोली भैया दूज के पर्व पर अपने मायके मुखबा (मुखीमठ) पहुंचेगी। शीतकाल में मां गंगा के शीतकालीन प्रवास मुखबा स्थित गंगा मंदिर में पूजा-अर्चना होगी।
बताते चलें कि इस वर्ष अक्षय तृतीया के मौके पर 3 मई को कपाट खुले थे। इस यात्रा वर्ष में 6 लाख 25 हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने माँ गंगा के दर्शन किये।
आज इस अवसर पर गंगोत्री विधायक सुरेश चौहान, पूर्व विधायक विजयपाल सजवान, गंगोत्री मंदिर समिति के रावल हरीश सेमवाल, सचिव सुरेश सेमवाल, जिलाधिकारी उत्तरकाशी अभिषेक रूहेला तथा पुलिस अधीक्षक अर्पण यदुवंशी सहित बड़ी संख्या में तीर्थपुरोहित, जन प्रतिनिधिगण एवं श्रद्धालुजन मौजूद रहे।
श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के मीडिया प्रभारी डा.हरीश गौड़ ने बताया कि कल 27अक्टूबर भैयादूज के अवसर पर श्री केदारनाथ धाम एवं श्री यमुनोत्री धाम के कपाट बंद होंगे तथा 19 नवंबर को श्री बदरीनाथ धाम के कपाट शीतकाल हेतु बंद हो रहे है।