पूर्व वरिष्ठ IPS अधिकारी गुंज्याल के भाई की बहुचर्चित हत्या मामले में आरोपी को मिली आजीवन कारावास के विरुद्ध हाइकोर्ट में अंतिम सुनवाई 13 अक्टूबर को – Latest News Today, Breaking News, Uttarakhand News in Hindi

पूर्व वरिष्ठ IPS अधिकारी गुंज्याल के भाई की बहुचर्चित हत्या मामले में आरोपी को मिली आजीवन कारावास के विरुद्ध हाइकोर्ट में अंतिम सुनवाई 13 अक्टूबर को

देहरादून/नैनीताल

उत्तराखंड के बहुचर्चित थाने में कॉन्स्टेबल की हत्या मामले में नैनीताल हाईकोर्ट में सोमवार को अहम सुनवाई हुई। यह मामला पूर्व आईपीएस अधिकारी विमला गुंज्याल के भाई और हल्द्वानी थाने में तैनात रहे कॉन्स्टेबल सुरेंद्र सिंह की वर्ष 2014 में हुई हत्या से जुड़ा है।

सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुपालन में अब हाईकोर्ट ने हत्या के आरोपी राजेंद्र कुमार आर्या को मिली आजीवन कारावास की सजा के विरुद्ध दायर अपील पर 13 अक्टूबर 2025 को अंतिम सुनवाई की तारीख तय की है।

इस प्रकरण में सर्वोच्च न्यायालय ने पूर्व में उत्तराखंड हाईकोर्ट को आदेश दिया था कि अभियुक्त की अपील की सुनवाई प्राथमिकता से की जाए और उसे जेल से सुरक्षा के साथ कोर्ट में पेश किया जाए।

बीते 22 सितंबर को आरोपी राजेंद्र कुमार को सुरक्षा के बीच अदालत में पेश किया गया था।

सुनवाई के दौरान अभियुक्त का अधिवक्ता उपस्थित न होने के कारण अदालत ने वरिष्ठ अधिवक्ता अरविंद वशिष्ठ को इस केस में न्याय मित्र (Amicus Curiae) नियुक्त किया है।

मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति रविंद्र मैठाणी और न्यायमूर्ति आलोक मेहरा की खंडपीठ में हुई। अदालत ने अगली व अंतिम सुनवाई की तिथि 13 अक्टूबर 2025 निर्धारित की है।

वर्ष 2014 में हल्द्वानी थाने में तैनात कॉन्स्टेबल सुरेंद्र सिंह की हत्या थाने परिसर में ही राजेंद्र कुमार आर्या द्वारा सरिया घोंपकर कर दी गई थी।

मृतक सुरेंद्र सिंह, उस समय उत्तराखंड की वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी विमला गुंज्याल के भाई थे।

घटना के दौरान विमला गुंज्याल इंडियन रिजर्व बटालियन, सेलाकुई में कमांडेंट पद पर कार्यरत थीं।

मामले में हल्द्वानी कोर्ट ने साल 2017 में आरोपी राजेंद्र कुमार को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।

आरोपी राजेंद्र कुमार का कहना है कि उसे पुलिस द्वारा बार-बार पूछताछ के नाम पर थाने बुलाकर प्रताड़ित किया जाता था, जबकि वह किसी भी आपराधिक केस में शामिल नहीं था।

राजेंद्र का आरोप है कि निचली अदालत ने गवाहों की जिरह पूरी किए बिना ही उसे दोषी ठहराकर सजा सुना दी।

इससे पहले आरोपी द्वारा पैरोल पर रिहाई के लिए भी हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी, जिसे अदालत ने आधारहीन बताते हुए खारिज कर दिया था।

इसके बाद अभियुक्त ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर शीघ्र सुनवाई की मांग की, जिस पर शीर्ष अदालत ने उत्तराखंड हाईकोर्ट को निर्देश दिए कि इस मामले का जल्द से जल्द निस्तारण किया जाए।

न्यायालय ने अब इस पूरे प्रकरण में अंतिम सुनवाई 13 अक्टूबर को करने का आदेश दिया है। माना जा रहा है कि इस सुनवाई में राजेंद्र कुमार आर्या की अपील पर हाईकोर्ट अंतिम फैसला सुनाने जा रहा है।

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