देहरादून/रुद्रप्रयाग
प्रदेश के पहाड़ों में हुई भारी बारिश के बीच हुई तबाही के बाद एक चमत्कार भी देखा गया जिसको अंजाम दिया SDRF के जवानों की टीम ने,जिन्होंने चट्टान के नीचे दबे एक व्यक्ति को सुरक्षित बाहर निकालकर उसे नया जीवनदान दिया। यह रेस्क्यू लगातार 09 घंटे चला जो उत्तराखंड के इतिहास में भी दर्ज हो गया।
प्राप्त जानकारी के अनुसार 31 जुलाई 2024 को चौकी लिनचोली से मिली सूचना पर एसडीआरएफ की एक टीम गायब हुए कुछ व्यक्तियों की खोज के लिए छोटी लिनचोली की ओर पहुंची, जैसे ही टीम ने मौके पर खोज शुरू की ठीक उसी समय भारी बारिश और भूस्खलन की स्थिति उत्पन्न हो गई, जिससे लोग भयभीत होकर इधर-उधर भागने लगे। टीम ने स्थिति को संभालते हुए लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने का कार्य किया।
रात के अंधेरे के साथ ही सुबह तक टीम ने रेस्क्यू जारी रखा। जब टीम लिंचोली से दो किलोमीटर पहले पहुंची, तो उन्हें किसी व्यक्ति की मदद की पुकार सुनाई दी। उन्होंने पाया कि एक व्यक्ति थारू कैंप के पास बड़े पत्थरों के नीचे दबा हुआ था, जबकि अन्य व्यक्ति मृत पाए गया।
लगभग 9 घंटों की कठिन और साहसिक कोशिशों के बाद, एसडीआरएफ की टीम ने केदारनाथ और एनडीआरएफ की सहायता से 1 व्यक्ति गिरीश निवासी चमोली को सुरक्षित रूप से बचाया और उसे तत्काल चिकित्सा सहायता के लिए हेलीकॉप्टर से उच्च चिकित्सा केंद्र भेजा गया।
इसके अलावा एक मृत व्यक्ति को भी निकालकर चौकी लिनचोली को सौंपा गया।
एसडीआरएफ की इस रेस्क्यू टीम में एसआइ प्रेम सिंह, हेड कांस्टेबल प्रेम, आरक्षी दिगंबर, कांस्टेबल रामनरेश, कांस्टेबल धर्मेंद्र गोसाई, होमगार्ड अरुण व अशोक कुमार शामिल थे। एसडीआरएफ के कमांडेंट मणिकांत मिश्रा ने सफल रेस्क्यू पर अपनी टीम के जवानों की पीठ थपथपाई।

