उत्तराखण्ड सरकार ने भी ब्लैक फंगस (म्यूकोर-माइकोसिस) को महामारी और सूचीबद्ध बीमारी घोषित कर दिया है। – Latest News Today, Breaking News, Uttarakhand News in Hindi

उत्तराखण्ड सरकार ने भी ब्लैक फंगस (म्यूकोर-माइकोसिस) को महामारी और सूचीबद्ध बीमारी घोषित कर दिया है।

देहरादून

कोरोना के बाद अचानक ही बीते कुछ दिनों से ब्लैक फंगस के देश के साथ प्रदेश में भी लगातार बढ़ते जा रहे हैं जो लगभग 9000 हो चुके हैं। देश भर के 15 राज्य ब्लैक फंग्स को महामारी घोषित कर चुके हैं। इन राज्यो में सबसे ऊपर गुजरात का नाम है जहां फिलहाल 2281 मरीज है,दूसरे नम्बर पर महाराष्ट्र है जहां 2000 मरीज है,तीसरे नम्बर पर आंध्र प्रदेश 910 फिर मध्य प्रदेश 720,राजस्थान 700,कर्नाटक 500,तेलंगाना 350,हरियाणा 250,दिल्ली 197उत्तर प्रदेश 124,बिहार 56 और पश्चिमी बंगाल में 6 मरीज मिले हैं।जबकि अकेले पर्वतीय प्रदेश उत्तराखण्ड में 55 मरीज सामने आए हैं।

 

ब्लैक फंगस से होने वाली मौत के मामले भी सरकार की चिंता का विषय हैं। इन सब बातों को देखते हुए सरकार ने इसे महामारी घोषित कर दिया है। शनिवार को हेल्थ सेक्रेटरी पंकज कुमार पांडेय ने इस बावत जारी आदेश में कहा कि ब्लैक फंगस बीमारी कोरोना के साइड इफेक्ट के रूप में सामने आ रही है।

 

ब्लैक फंगस और कोरोना का एकीकृत इलाज किए जाने पर इसे कोरोना के तहत ही सूचीबद्ध करते हुए महामारी घोषित किया जाता है। फिलहाल, यहां ये स्पष्ट है कि सरकार की ओर से ब्लैक फंगस को कोरोना के अंतर्गत महामारी घोषित करने से इसके अटल आयुष्मान योजना व आयुष्मान भारत योजना में निशुल्क इलाज होना है।

 

शासन द्वारा जारी की गई एसओपी के अनुसार….

 

👉 शासन ने इसके ट्रीटमेंट में यूज होने वाली मेडिसिन एफोटेरेसिन-बी के यूज को संशोधित गाइडलाइन जारी

 

👉केंद्र ने उत्तराखंड को पहली खेप के रूप में भेजी है एफोटेटेसिन बी की 50 डोज, समाप्ति के कगार पर.

 

👉संशोधित एसओपी में स्पष्ट, मेडिसिन केवल जिला कोविड अस्पताल, सरकारी मेडिकल कालेज और संस्थानों को ही दी जाएगी.

 

👉 निजी अस्पताल और व्यक्तिगत मांग पर यह उपलब्ध नहीं होगी.

 

डिटेल जानकारी देने के लिए इस्फोर्मत को प्रयोग करना होगा जिसके लिए हेल्थ सेक्रेटरी डॉ पंकज कुमार पांडेय की ओर से जारी एसओपी में मेडिसिन के लिए अस्पताल या मेडिकल कालेज के डॉक्टर मरीज के संबंध में पूरी जानकारी एक निश्चित फॉर्मेट में भरकर शासन द्वारा गढ़वाल व कुमाऊं में अधिकृत किए गए नोडल अधिकारियों को भेजेंगे। ये नोडल अधिकारी मेडिसिन की डिटेल पूरी धनराशि प्राप्त होने के बाद सुनिश्चित करेंगे।इसके लिए कुमाऊं मंडल में डा. रश्मि पंत और गढ़वाल मंडल में डा. कैलाश गुंज्याल को नोडल अधिकारी बनाया है।

 

सरकार ने इसके ट्रीटमेंट में इस्तेमाल होने वाली दवा एंफोटेरेसिन-बी के वितरण को लेकर एसओपी भी जारी कर दी है। SOP में साफ है कि मेडिसिन केवल जिला कोविड अस्पताल और सरकारी मेडिकल कालेज या संस्थाओं को ही जारी की जाएगी। हॉस्पिटल इस मेडिसिन के लिए सरकारी कार्यालयों के खुलने के दौरान आवेदन कर सकते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *