देहरादून
भारतीय नागरिकों को विदेशी में बंधक बनाकर उनसे साईबर ठगी करायी जा रही थी। रैस्क्यू कर भारत वापस लाये गये लोगों में से 7 नागरिक जनपद उधम सिंह नगर उत्तराखण्ड से सम्बन्धित पाये गये थे।
प्रकरण की गम्भीरता के दृष्टिगत पूर्व में दीपम सेठ पुलिस महानिदेशक उत्तराखण्ड एवं नीलेश आनंद भरणे पुलिस महानिरीक्षक एसटीएफ / साईबर क्राईम उत्तराखण्ड द्वारा जाँच कर आवश्यक कार्यवाही किये पजाने के उचित आदेश-निर्देश दिये गये थे ।
उक्त क्रम में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, एसटीएफ, नवनीत सिंह द्वारा जानकारी देते हुये बताया कि प्रकरण में रैस्क्यू अभियान के तहत थाईलैण्ड, म्यांमार, बैंकाक में नौकरी हेतु विदेश गये विभिन्न युवाओं को भारत वापस लाया गया है जिनको एजेन्टों के माध्यम से अच्छी नौकरी व सैलरी बताकर भारत से बाहर भेजा गया था।
विदेश से वापस भारत लाये गये जनपद उधम सिंह नगर के कुल 7 नागरिकों से गहन पूछताछ के पश्चात जानकारी प्राप्त हुयी कि जनपद में कुछ एजेण्टों द्वारा विदेशी एजेण्टों से सम्पर्क कर युवाओं को अच्छी नौकरी व सैलरी का लालच देकर मोटी धनराशि लेकर विदेशो में
भेजने का कार्य किया जा रहा था, जिनसे वहां पर जबरन साईबर ठगी का अपराध कराया जा रहा था। जिसमें बाद जाँच सुनील कुमार, अशोक, पिंकी, नीरव चौधरी, प्रदीप निवासीगण काशीपुर / जसपुर जनपद उधम सिंह नगर एवं धन्ञजय निवासी महाराष्ट्र के नाम प्रकाश में आये। जिसमें उच्चाधिकारियों द्वारा अभियोग पंजीकृत कर गहनता से विवेचना करने के आदेश दिये गये।
उक्त आदेश – निर्देशों के क्रम में साईबर क्राईम पुलिस स्टेशन कुमाऊँ परिक्षेत्र, रूद्रपुर में 22 नवम्बर 2025 को FIR NO. 28/2025 पंजीकृत किया गया तथा सहायक पुलिस अधीक्षक, साईबर क्राईम उत्तराखण्ड कुश मिश्रा के निकट पर्यवेक्षण में अभियोग की विवेचना प्रभारी निरीक्षक / विवेचक अरूण कुमार, साईबर क्राईम पुलिस स्टेशन, कुमाऊँ परिक्षेत्र, रूद्रपुर के सुपुर्द कर अभियोग के शीघ्र अनावरण हेतु आवश्यक दिशा निर्देश दिये गये ।
विवेचना के दौरान साईबर क्राईम पुलिस द्वारा एजेण्टों के विभिन्न बैंक खातों /मोबाइल नम्बरों / व्हाट्सअप आदि की जानकारी हेतु सम्बन्धित बैंकों, सर्विस प्रदाता कम्पनियों, मेटा आदि कम्पनियों से पत्राचार कर डेटा प्राप्त किया गया। प्राप्त डेटा के विश्लेषण से जानकारी में आया कि
एजेण्टों द्वारा पीडित युवाओं से विदेश भेजने हेतु मोटी धनराशि प्राप्त की गयी है, तथा व्हाटसप के माध्यम से युवाओं का डाटा विदेशी एजेण्टों को भी प्रेषित किया गया है।
विवेचना के दौरान नामजद अभियुक्त प्रदीप कुमार की मोबाईल की लोकेशन व अन्य डिजीटल साक्ष्य के आधार पर अभियुक्त प्रदीप कुमार के आवास पर पहुँचे जहाँ पर प्रदीप कुमार निवासी वार्ड न0 01 शिवनगर कालौनी निकट बालाजी मन्दिर, थाना काशीपुर जनपद ऊधम सिंह नगर मौजूद मिला। अभियुक्त को हिरासत में लेकर विस्तृत पूछताछ किये जाने पर प्रकाश में आया प्रदीप कुमार द्वारा मनीष चौहान निवासी दडियाल काशीपुर से चालीस हजार रूपये का कमीशन प्राप्त कर पीडित अयाज को बैंकांक थाईलैण्ड में डिजिटल मार्केट की नौकरी के लिये भेजा गया था माह अगस्त में अयाज बैंकाक (थाईलैण्ड) पहुँच गया इसके बाद अयाज सीधे मनीष चौहान के ही सम्पर्क में रहा।
मनीष ने पाँच हजार रूपये आनलाईन स्थानान्तरित किये थे मनीष ने अयाज के बदले आरोपी को पैतालीस हजार रुपये का कमीशन दिया था। अभियुक्त के कब्जे से प्राप्त मोबाईल फोन के व्हाटसप चैट्स का डाटा लिया गया। जिसका अवलोकन किया जायेगा अभियुक्त प्रदीप के विरूद्ध बीएनएस / आईटी अधि० के अन्तर्गत आवश्यक कानूनी कार्यवाही की जा रही है।
बरामदगी-
1- मोबाईल फोन 01
2- सिम कार्ड -01
अभियुक्त का नाम व पता-
प्रदीप कुमार पुत्र स्व० बाबू राम निवासी वार्ड न0 1 शिवनगर कालौनी निकट बालाजी मन्दिर थाना काशीपुर जनपद ऊधम सिंह नगर उम्र 34 वर्ष ।
पुलिस टीम में
1- निरीक्षक अरूण कुमार
2- अ०उ0नि0 सत्येन्द्र गंगोला
3-हे0कानि० सोनू पाण्डे
4-हे0कानि० मनोज कुमार शामिल थे।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसटीएफ उत्तराखण्ड नवनीत सिंह ने जनता से अपील की है कि किसी ऑनलाईन साईट, मोबाईल नम्बरों, तथा अन्जान व्यक्तियों के सम्पर्क में आकर विदेश जाने से पूर्व उसकी भली भांति पड़ताल कर लें।
विदेश जाने से पूर्व ऑफर लेटर की जांच करें, यदि किसी एजेन्सी के माध्यम से विदेश जा रहे हैं तो एजेंट/कंसल्टेंसी की वैधता की जाँच जरूर कर लें। केवल विदेश मंत्रालय (Ministry of External Affairs) से रजिस्टर्ड एजेंटों से ही संपर्क करें।