देहरादून
उत्तराखंड राज्य आंगनबाड़ी कर्मचारी संघ की पूर्व घोषित प्रदेश स्तरीय रैली में राज्य के प्रत्येक जिले से अधिकांश आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों एवं सहायिकाओं ने बढ़ चढ़कर हजारों की संख्या में भाग लिया, एवं सभी आंगनबाड़ी कार्यकत्रिया परेड ग्राउंड में एकत्रित होकर शांतिपूर्वक अपनी मांगों के समर्थन में नारे लगाती हुई सचिवालय की तरफ चली पुलिस ने सभी को रोकने का प्रयास किया , जिसमें आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों के साथ पुलिस ने धक्का मुक्की की लेकिन जोश से भारी आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों ने पुलिस को मात देकर आगे बढ़ गई लेकिन पुलिस ने सचिवालय पहुंचने से पहले ही बैरिकेटिंग लगाकर रोक दिया, लेकिन आंदोलन रथ कार्यत्रियों ने बैरिकेटिंग पर सरकार व शासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की व पुलिस के साथ संघर्ष के बाद वहीं धरने पर बैठ गई 3 बजे तक धरना स्थल पर मुख्यमंत्री के प्रतिनिधि के रूप में कोऑर्डिनेटर सीएम हरीश कोठारी पहुंचे, उन्होंने सभी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को आश्वासन दिया कि उनका ज्ञापन मुख्यमंत्री तक पहुंच जाएगा एवं 12 नवंबर 2025 को मुख्यमंत्री से हमारे उत्तराखंड राज्य आंगनबाड़ी कर्मचारी संघ के प्रतिनिधि मंडल से वार्ता कराई जाएगी और उन्होंने पूर्ण आश्वासन दिया की वार्ता के समय ज्ञापन में जो आपकी मांगों पर सकारात्मक निर्णय लिया जाएगा इस पर संघ की प्रदेश अध्यक्ष सुशीला खत्री ने स्पष्ट किया यदि हमारी मांगों पर सकारात्मक निर्णय नहीं लिए जाने तक हमारा कार्य बहिष्कार जारी रहेगा और सरकार से आर पार की लड़ाई लड़ने के लिए उत्तराखंड राज्य आंगनबाड़ी कर्मचारी संघ तैयार है और कार्यकत्रियों के हित में संघ मजबूती से जन आंदोलन करेगा।
मांगे निम्न प्रकार है …
1. आंगनबाड़ी कार्यत्रियों को राज्य कर्मचारी घोषित किया जाए। आंगनबाडी कार्यकत्रियों को जब तक राज्य कर्मचारी घोषित नहीं किया जाता तब तक उनके कार्य के
उचित दाम दिया जाए, उनका मानदेय 800/- रुपए प्रतिदिन के हिसाब से 24 हजार रुपए किया जाए।
2. मार्च 2024 में सरकार द्वारा मानदेय वृद्धि के लिए समिति का गठन किया गया था वर्तमान तक समिति द्वारा मानदेय वृद्धि पर समिति की क्या रिपोर्ट है उसकी जानकारी देने की कृपा करें।
3. प्रदेश में सुपरवाईजर के रिक्त पदों पर आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों के प्रमोशन से भरा जाए तुरन्त विज्ञप्ति जारी की जाये।
4. सेवा निवृत्ति होने पर पेंशन की सुविधा दी जाए। सेवा निवृत्ति पर, महिला कल्याण कोष से एक साथ मिलने वाली धनराशि को कम से कम 5 लाख रुपए किया जाए, साथ चिकित्सा अवकाश भी दिया जाये।
5. सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय अनुसार ग्रेच्युटी का लाभ दिया जाए।
6. एफ आर एस (फेस कैप्चर) प्रणाली को बंद किया जाए, इस प्रणाली के अंतर्गत वास्तविक लाभार्थी लाभ से वंचित हो रहे हैं।
