देहरादून
उत्तराखंड सरकार ने चारधाम यात्रा की तर्ज पर अब मसूरी आने वाले पर्यटकों के लिए भी ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन अनिवार्य कर दिया है। यह व्यवस्था 1 अगस्त से लागू हो गई है। बताया गया कि यह कदम मसूरी में बढ़ती भीड़, ट्रैफिक जाम, और पर्यावरणीय दबाव को नियंत्रित करने के उद्देश्य से उठाया गया है।
उत्तराखंड पर्यटन विभाग के मुताबिक, मसूरी आने वाले हर पर्यटक को यात्रा से पहले
https://registrationtouristcare.uk.gov.in पोर्टल पर पंजीकरण करना अनिवार्य होगा।1 इसके अंतर्गत यात्रियों को अपना नाम, यात्रा की तारीखें, यात्री संख्या, मोबाइल नंबर, वाहन का विवरण और आईडी प्रमाण जैसे विवरण भरने होंगे।
पंजीकरण के बाद एक QR कोड जनरेट होगा, जिसे चेकपोस्ट या होटल पर स्कैन करना अनिवार्य है।
राज्य सरकार ने मसूरी के सभी होटल, रिसॉर्ट और होमस्टे मालिकों को भी पोर्टल पर पंजीकरण करने का आदेश दिया है। उन्हें हर पर्यटक के आगमन के समय उनकी जानकारी पोर्टल पर दर्ज करनी होगी। प्रशासन ने साफ कहा है कि अगर कोई पर्यटक बिना पंजीकरण के पहुंचता है, तो होटल उसे चेक‑इन की अनुमति नहीं देगा।
मसूरी के प्रमुख प्रवेश बिंदुओं — किमाड़ी, कुथालगेट और केम्पटी फॉल — पर QR कोड स्कैनिंग, ANPR कैमरे (ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रिकग्निशन) और रियल-टाइम डाटा विश्लेषण की व्यवस्था की गई है। इससे अधिकारियों को यह जानकारी मिल सकेगी कि किस दिन कितने लोग मसूरी में हैं, और ट्रैफिक या आपात स्थिति में क्या कदम उठाने हैं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा,“यह कदम पर्यटकों को रोकने के लिए नहीं बल्कि उन्हें एक संरचित और सुरक्षित यात्रा अनुभव देने के लिए है। मसूरी की सीमा क्षमता (carrying capacity) सीमित है, और हमें पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखते हुए पर्यटन को बढ़ावा देना है। रजिस्ट्रेशन प्रणाली इसके लिए एक आवश्यक कदम है।”
उन्होंने कहा कि आने वाले समय में इस प्रणाली को और स्मार्ट बनाया जाएगा ताकि यात्रियों को रीयल टाइम सूचना, पार्किंग की स्थिति और मौसम जैसी जानकारी पहले से मिल सके।