देहरादून
अपनी लंबित मांगों को लेकर लंबे समय से आंदोलनरत बेरोजगार नर्सिंग अधिकारियों ने सोमवार को मुख्यमंत्री आवास कूच कर दिया। दिलाराम चौक पर एकत्रित आंदोलनकारियों रैली के रूप में आगे बढ़ रहे थे, जिनको सालावाला-हाथीबड़कला पुल के पास पुलिस ने बेरिकेडिंग लगाकर रोक दिया। रोकने का प्रयास होते ही पुलिस और अभ्यर्थियों के बीच धक्का-मुक्की शुरू हो गई। इस दौरान कई नर्सिंग अभ्यर्थी चोटिल हो गए।
मधु उनियाल ने आरोप लगाते हुए कहा कि पुलिस ने उनके साथ अमानवीय व्यवहार किया है। उनका कहना है कि शांतिपूर्ण तरीके से कूच करने के बावजूद पुलिस ने बल प्रयोग करते हुए उन्हें जबरन वाहनों में बैठाया और एकता विहार धरना स्थल ले गई।
नर्सिंग एकता मंच के बैनर तले हुए इस कूच का नेतृत्व प्रदेश अध्यक्ष नवल पुंडीर ने किया। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार बार-बार आश्वासन देकर भी भर्ती प्रक्रिया में ठोस कार्रवाई नहीं कर रही है। कोविड काल में सेवा देने के बाद भी नर्सिंग बेरोजगारों को उपेक्षा का सामना करना पड़ रहा है।
अभ्यर्थी विनता ने बताया कि कोविड के दौरान उन्होंने ड्यूटी निभाई, लेकिन रोजगार को लेकर आज भी स्थिति जस की तस बनी है। वहीं अभ्यर्थी सपना ने आरोप लगाया कि कूच के दौरान महिला पुलिस ने उन पर हाथ उठाया। महिला पुलिस की ओर से इस तरह के बर्ताव के लिए कार्रवाई की जानी चाहिए।
राजेंद्र कुकरेती ने भी पुलिस पर मारपीट का आरोप लगाया। घटना के बाद पुलिस ने सभी अभ्यर्थियों को हिरासत में लेकर एकता विहार धरना स्थल पर छोड़ा, जहां उनका धरना जारी रहा।
शाम के समय पूर्व कैबिनेट मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डॉ. हरक सिंह रावत, यूकेडी और अन्य संगठनों के प्रतिनिधि धरना स्थल पहुंचे और आंदोलन को समर्थन दिया। डॉ. रावत ने कहा कि महिला नर्सों के साथ पुलिस का रवैया शर्मनाक है। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस अपनी वर्दी और पद का गलत इस्तेमाल कर रही है।
धरना स्थल पर मौजूद प्रमुख लोगों में नवल पुंडीर, अनिल रमोला, विकास पुंडीर, परवेश रावत, सुमन, शहाना, सरिता जोशी, गणेश, प्रमोद चमोली, अशुतोष, राज, लक्ष्मण बिष्ट, शिवम गोदियाल, मधु उनियाल, सुनिता, मीना रावत, नीतू शर्मा और प्रेमा शामिल रहे।
अभ्यर्थियों ने चेतावनी दी है कि जब तक उनकी मांगों पर सकारात्मक निर्णय नहीं लिया जाता, आंदोलन जारी रहेगा।

