चर्चित उत्तराखंड 2025..जनकवि अतुल शर्मा का साल 2025 रहा बेहद पॉजिटिव,साल भर मिली चर्चा पे चर्चा, बड़ी उपलब्धियां हुई हासिल – Latest News Today, Breaking News, Uttarakhand News in Hindi

चर्चित उत्तराखंड 2025..जनकवि अतुल शर्मा का साल 2025 रहा बेहद पॉजिटिव,साल भर मिली चर्चा पे चर्चा, बड़ी उपलब्धियां हुई हासिल

देहरादून

दिसम्बर 25 की सर्दी और ये बीता साल

( कुछ,जो याद रहा)

जनकवि डा.अतुल शर्मा की कलम से…

सुबह शाम की सर्दी और दिन की धूप के बीच ठंडी हवाओं वाला दिसम्बर उपस्थित है।

पिछले कई दिसम्बर महीने मे कोहरा बारिश और मसूरी मे बर्फ भी पड़ती देखी है हमने। पर अब ऐसा नही है। काफी कुछ बदल चुका है कुछ बदल रहा है।

हमारे चारों ओर कुछ भीड़ और जरूर बढ़ गयी है और कुछ महगाई भी। हालांकि आज लिखते समय सुबह से ही हल्के बादलों मे सूर्य देवता छिपे गये है।

गुज़रे साल और कुछ विशेष लोग बहुत याद आये।

कुछ नये परिचय भी सुखद रहे।

इस साल एक फोन बेहद यादगार बन गया जब कॉल उठने पर उधर से आवाज आई कि अतुल भाई इस बार का लाइफ टाइम एचीवमेंट अवार्ड,उत्तराखंड भाषा संस्थान

आपको प्रदान कर रहा है ।

बता दूं कि दीर्घ कालीन साहित्य सेवी सम्मान, उत्तराखंड का एक प्रतिष्ठित सम्मान है जो कि 14 सितम्बर 2025 को एक भव्य समारोह मे प्रदान किया गया जिसमें स्मृति चिन्ह्, सम्मान पत्र के साथ ही सम्मान राशि पांच लाख रुपये भी प्राप्त हुई।

बिना कोई समझौता किये, पांच दशक साहित्य सृजन के लिए यह सम्मान मुख्यमंत्री उत्तराखंड व भाषा मंत्री द्वारा दिया गया सम्मान उस समय एक ऐतिहासिक संस्मरण बन गया जब नाम की घोषणा होते ही, उत्तराखंड जनांदोलन मे लिखे मेरा जनगीत हाल मे देर तक गूंजता रहा।

9 नवम्बर उत्तराखण्ड स्थापना दिवस पर बहुत जगह सम्मानित किया गया।

वहीं राज्य आन्दोलन कारी मंच व वरिष्ठ नागरिक जन सेवा समिति वाणी विहार ने भी सम्मिलित किया।

नवम्बर मे वैली आफ वर्ड के तहत लिट्रेचर फैस्टिवल मे ” कहो कविता ” कार्यक्रम मे मुझे आमंत्रित किया गया।

वन्दे मातरम् से संबंधित कार्यक्रम मे वाणी विहार स्कूल मे आमंत्रित किया गया और आकाशवाणी देहरादून प्रसार भारती ने भी इस संबंध मे इंटरव्यू लिया।

एक विशेष कविता गोष्ठी भी रेडियो स्टेशन मे रिकॉर्ड की गयी और मेरे गीत भी प्रसारित किये गये।

9 नवम्बर 25 उत्तराखंड स्थापना दिवस पर भाषा संस्थान ने एक ज़रुरी चर्चा आयोजित की। विषय था उत्तराखंड आन्दोलन मे साहित्य की भूमिका। इसमे जनकवि को आमंत्रित भी किया गया। मुझे बल्ली सिह चीमा और ज़हूर आलम को सम्मानित किया गया।

देहरादून मिनिस्ट्रीयल स्टाफ एसोसिएशन ने उत्तराखंड स्थापना दिवस मनाया। एक कार्यशाला मे मैने एक नुक्कड़ नाटक तैयार किया। वही के लोगो के साथ। सफल रहा। वहाँ विशिष्ट अतिथि के रुप मे उपस्थित रहा।

रिजर्व बैंक आफ इंडिया द्वारा हिन्दी सप्ताह के अंतर्गत मुख्य अतिथि के रूप से आमन्त्रित किया गया।

वरिष्ठ नागरिक जनसेवा समिति वाणी विहार ने हमारे निवास धरोहर मे समय समय कर गोष्ठी कीं।

सुशील यादव द्वारा निर्देशित एक

डाक्यूमेंट्री फिल्म ” बंजारा जनकवि डा अतुल शर्मा बनाई गई।

एसजीआरआर पीजी कालेज देहरादून (गढ़वाल विश्व विद्यालय से संबद्ध) द्वारा साहित्य श्रेत्र भ्रमण। साहित्य कारो के घर जाकर साहित्य चर्चा और साहित्य पर शोध करने के लिए छात्र छात्राओं का एक दल डा. सुमंगल सिह (विभागाध्यक्ष) के साथ हमारे घर पर पुस्तक खुशबू नेगी आरती, अंजली श्रेत्री, अभिलाष गुरुंग आदि ने मुझ पर व मेरे साहित्य पर लिखा। कवयित्री रंजना शर्मा व कहानीकार रेखा शर्मा सहित स्वाधीनता संग्राम सेनानी एवं कवि श्रीराम शर्मा प्रेम के विषय मे लिखा।

प्रेम और प्रकृति पर केंद्रित

कविताये लिखी व उपन्यास पर कार्य किया जो जारी है।

दून लाइब्रेरी एंव शोध केन्द्र मे हेम पंत की पुस्तकम घुघूती बसूति की समीक्षा के लिए बुलाया गया व एक कवि सम्मेलन मे भी रहा। गढ़वाल की विभूतियाँ नामक पुस्तक मे रमा शर्मा पर लेख छपा है। दिवान सिह कुमैया पर मेरा लेख छापा गया है।

राजकीय इंटर कॉलेज (जीआईसी) रुद्र प्रयाग मे उत्तराखंड की महान विभूतियों के साथ सभागार मे मेरा चित्र लगाया गया है।

राज्य अभिलेखागार द्वारा दून लाईब्रेरी मे उत्तराखंड आन्दोलन के दस्तावेज प्रदर्शनी मे मेरा चर्चित जन गीत लगाया गया।

रीजनल रिपोर्टर डिजिटल मे दो लेख आये। अभी इस वर्ष लिखा एक उपन्यास भी और एक कविता संग्रह भी छपने के लिए तैयार हो चुका है। जल्द ही आपके सामने आ जायेगा।

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