जानिए..भारत की सेना की 73 वीं सेना दिवस 15 जनवरी को ही क्यों मनाते हैं और सेना से जुड़े कुछ रोचक तथ्य

देहरादून

 

क्या आप जानते हैं कि हर साल 15 जनवरी को आर्मी दिवस क्यों मनाया जाता है। आपको बताना चाहते हैं कि इसे फील्ड मार्शल केएम करियप्पा के सम्मान में मनाया जाता है करियप्पा ने इसी दिन 1949 में भारत के अंतिम ब्रिटिश कमांडर-इन-चीफ जनरल फ्रांसिस बुचर की सेना की बागडोर संभाली थी।

 

👉इंफ्रेट्री स्कूल के ऑफिसर ले.कर्नल प्रसाद बंसोड ने इंडिया की पहली इंडीजीनियस 9 एमएम मशीन पिस्टल का आविष्कार किया है।

 

👉 इंडियन आर्मी के ले. कर्नल जीवाईके रेड्डी ने डीआरडीओ के साथ मिलकर माइक्रोकॉप्टर बनाया है जो टेररिस्ट को ट्रेक करने में मदद करेगा।

 

👉मेजर अनूप मिश्रा ने दुनिया का पहला यूनिवर्सल बुलेटप्रूफ जैकेट शक्ति बनाया है।

 

भारतीय सेना की कुछ गौरवपूर्ण उपलब्धियां भी देखते हैं…

 

👉लद्दाख में बेली ब्रिज दुनिया का सबसे ऊंचा ब्रिज है जिसे इंडियन आर्मी ने बनाया है और वह इसे कंट्रोल करती है। इस तरह, इंडियन आर्मी दुनिया की सबसे ऊंचाई पर कनेक्टिविटी प्रोवाइड करने वाली सेना भी है।

 

👉 इंडियन आर्मी में सभी पर्सनल्स अपनी स्वेच्छा से सेवाएं दे रहे हैं यानि वॉलेंटेरिली सेवाएं दे रहे हैं और किसी भी इंडिविजुअल को कानून, आरक्षण या किसी अन्य प्रक्रिया से सेना का अंग बनने के लिए बाध्य नहीं किया जाता। इस लिहाज से इंडियन आर्मी दुनिया की सबसे बड़ी वॉलेंटरी फोर्स बन जाती है।

 

👉 इंडियन आर्मी को हाई एल्टीट्यूड फाइटिंग फोर्स के लिए सबसे एडवांस्ड और एक्सपीरिएंस्ड माना जाता है और 5000 मीटर से भी ज्यादा ऊंचाई पर स्थित सियाचिन ग्लेशियर को दुनिया का सबसे ऊंचा बैटलफील्ड माना जाता है। यहां इंडियन आर्मी का चौकस पहरा इस बात को दर्शाता है कि माइनस 60 डिग्री सेल्सियस तक के तापमान में इंडियन आर्मी वॉर केपेबल है। यही कारण है कि इंडिया के इस उपलब्धि की तुलना में अमेरिका, रूस और चीन तक की सेना नहीं ठहरती।

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