कोविड-19 से उतपन्न समस्याएं एवम चुनौतियां विषय पर प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन – Latest News Today, Breaking News, Uttarakhand News in Hindi

कोविड-19 से उतपन्न समस्याएं एवम चुनौतियां विषय पर प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन

देहरादून

 

स्वास्थ्य संभागीय प्रशिक्षण केन्द्र चन्दरनगर देहरादून में कोविड-19 इश्यु एण्ड चैलेंज विषय पर एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया।

आपदा प्रबन्धन प्रकोष्ठ डाॅ0 रघुनन्दन सिंह टोलिया उत्तराखण्ड प्रशासन अकादमी नैनीताल के समन्वय से आयोजित कार्यशाला में कोविड-19 से उत्पन्न समस्यायं और चुनौतियों तथा कोविड-19 के पर्यावरण पर सकारात्मक और नकारात्मक प्रभावों पर विषय विशेषज्ञों द्वारा प्रजेन्टेशन के माध्यम से अवगत कराया गया। सर्वप्रथम डाॅ आर.एस टोलिया प्रशासनिक अकादमी नैनीताल के कार्यक्रम समन्वयक डाॅ0 ओमप्रकाश द्वारा आपदा प्रबन्धन के सम्बन्ध में संक्षिप्त प्रकाश डाला गया। तत्पश्चात मुख्य चिकित्साधिकारी देहरादून डाॅ अनूप कुमार डिमरी द्वारा कोविड-19 इश्यु और चैलेंज विषय पर, इसके पश्चात राष्ट्रीय आपदा प्रबन्धन संस्थान नई दिल्ली से आॅनलाईन के माध्यम से प्रो0 संतोष कुमार ने कोविड-19 इश्यू और चैलेंज विषय पर प्रजेन्टेशन दिया गया। इसके पश्चात कोविड-19 के पर्यावरण पर सकारात्मक व नकारात्मक प्रभाव विषय पर प्रो0 सूर्य प्रकाश राष्ट्रीय आपदा प्रबन्धन संस्थान नई दिल्ली द्वारा आॅनलाईन प्रजेनटेशन दिया गया। अन्त में प्रशिक्षण कार्यशाला में उपस्थित सदस्यों द्वारा सम्बन्धित विषय पर आपसी-चर्चा, शंका-समाधान फीडबैक इत्यादि लिया गया।

इस दौरान विषय विशेषज्ञों द्वारा अवगत कराया गया कि कोविड-19 वायरस की सर्वाइवल क्षमता अन्य वायरस के मुकाबले अधिक है जो लगभग 45 डिग्री सेल्सियस उच्च तापमान और -5 डिग्री सेल्सियस निम्न तापमान में भी सर्वाइवल कर पा रहा है। लेकिन अधिक पैनिक होने की बात नही हैं, क्योंकि इस वायरस से संक्रमित व्यक्तियों की रिकवरी प्रतिशत्ता बहुत अच्छी है ( 95 प्रतिशत् से अधिक है)। वायरस से केवल को-मोर्बिडिटिज ( किसी असाध्य बिमारी से पीड़ित व्यक्ति) से प्रभावित लोगों के लिए उच्च जोखिम की स्थिति बनती है अतः उनको विशेष सतर्कता बरतने की जरूरत है।

अतः सभी लोगों को कोविड-19 के बचाव से सम्बन्धित समय-समय पर जारी की गई गाइडलाईन का अनुपालन करने की नितांत आवश्यकता है। कोविड-19 से बचाव में मास्क पहनना, समय-समय पर हाथ सैनिटाइज करना अथवा साबुन से 20 सैकण्ड तक धोना, 1.5 मीटर (डेढ मीटर) की अनिवार्य सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखना, भीड़भाड़ वाली जगह पर जाने से बचना इत्यादि मुख्य बातों को अमल में लाने की जरूरत है।

विशेषज्ञों द्वारा कोविड-19 के पर्यावरण पर सकारात्मक-नकारात्मक प्रभावों के अन्तर्गत बताया गया कि कोविड-19 और पर्यावरण आपस में गहराई से एक-दूसरे से प्रभावित हो रहे हैं। अधिक प्रदूषण, गंदगी वाली जगह में कोविड-19 के प्रसार की अधिक संभावना रहती है जबकि स्वच्छता-सेनिटेशन से कोविड-19 से बचाव में आसानी होती है। अतः सभी को स्वच्छता पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। पौष्टिक आहार, विटामिन-सी, नियमित एक्सरसाइज से इम्युन सिस्टम को मजबूत करके कोराना को निष्प्रभावी किया जा सकता है।

सभी विषेशज्ञों ने इस बात पर जोर दिया कि लोगों तक कोविड-19 तथा इसके बचाव व एहतियात बरतने से सम्बन्धित बातों की ठीक से जानकारी पंहुचाना जरूरी है, ताकि इसके सम्बन्ध में लोगों के बीच किसी तरह का भ्रम ना रहे। इसके लिए सभी विभागों एजेंसियों, प्रशासन के विभिन्न घटक, एनजीओ, मीडिया और सभ्य नागरिक-समाज को आपस में बेहतर योगदान देने की जरूरत है। लोगों से कोविड-19 से बचाव से सम्बन्धित जरूरी बातों का अनुपालन करवाने की नितांत आवश्यकता है।

इस दौरान प्रशिक्षण कार्यशाला में निदेशक स्वास्थ्य डाॅ0 भारती राणा, अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व बीर सिंह बुदियाल, मुख्य चिकित्साधिकारी डाॅ अनूप कुमार डिमरी, प्रशिक्षण कार्यक्रम समन्वय प्रशासनिक अकादमी नैनीताल डाॅ ओमप्रकाश, जिला विकास अधिकारी सुशील मोहन डोभाल, अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डाॅ दिनेश चैहान, जिला बाल विकास अधिकारी डाॅ अखिलेश मिश्रा, जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डाॅ उत्तम सिंह चैहान, जिला सर्विलांस अधिकारी डाॅ दीक्षित, डाॅ त्यागी, सहित जनपद के जिला व उप जिला चिकित्सालय के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के चिकित्सा अधीक्षक, संभागीय प्रशिक्षण केन्द्र के चिकित्सा अधिकारी डाॅ एस.एस कण्डारी सहित सम्बन्धित सदस्य उपस्थित थे।

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