राज्य आंदोलनकारी मंच ने मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत से भेंटकर बताई आंदोलनकारियों की समस्याएं। – Latest News Today, Breaking News, Uttarakhand News in Hindi

राज्य आंदोलनकारी मंच ने मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत से भेंटकर बताई आंदोलनकारियों की समस्याएं।

देहरादून

 

आखिर वर्षों बाद सरकार को मिलने की राज्य आंदोलनकारियों की मंशा पूरी हो ही गयी। राज्य आंदोलकारी मंच ने मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत से लंबित विषयों को लेकर भेंट की।

 

इस बैठक के दौरान सीएम से मिलने पहुंचे राज्य आंदोलनकारी मंच के अध्यक्ष जगमोहन सिंह नेगी ने मुख्यमंत्री से मांग की कि सरकार मुजफ्फरनगर काण्ड के दोषियों की सही पैरवी हेतु एक अधिवक्ताओं का पैनल गठित करे अन्यथा राज्य आंदोलनकारी मंच को न्यायालय में पैरोकारी हेतु आर्थिक सहयोग करें।

 

राज्य आंदोलनकारियों के परिवारों को 10% शिथिलीकरण (क्षैतिज आरक्षण) की सुविधा प्रदान की जाए, चिन्हीकरण के लम्बित मामलों के निस्तारण हेतु पुनः व्यवस्था प्रारम्भ की जाय।

राज्य आन्दोलनकारियो की एक समान पेंशन कर वृद्धि की जाय। आश्रितो का शासनादेश शीघ्र जारी किया जाय।

 

खटीमा के साथ पौड़ी और बागेश्वर के चिन्हित आन्दोलनकारियो की सूची को तत्काल जारी कर सभी सुविधाएं प्रदान की जाय।

 

प्रदीप कुकरेती ने कहा कि वर्षो से एक्ट की फाइल राजभवन में दबी पड़ी है़ और हमारे नौजवान उम्रदराज हो गये। समूह ग में रोजगार कार्यालय की अनिवार्यता रखी जाय जिससे उत्तराखण्ड के बेरोजगारो को अवसर मिले।

 

वेद प्रकाश शर्मा ने मुख्यमन्त्री से मांग की कि सम्मान परिषद का शीघ्र गठन किया जाय एंव चिन्हीकरण कमेटी व पेंशन पट्टा जारी किया जाय।

 

चंद्रप्रकाश ने कहा कि परिसीमन भविष्य में क्षेत्रफल के आधार पर हो और लोकायुक्त का गठन करें साथ ही स्थाई राजधानी गैरसैण अविलंब घोषित हो।

 

ऋषिकेश में क्षतिग्रस्त हुए शहीद स्मारक तथा इन्द्रमणी बडोनी हाल के शीघ्र हस्तांतरण के शासनादेश जारी कर दिया जाय जिससे इन्द्रमणी की प्रतिमा को पुनः स्थापित कर आगामी एक सितंबर खटीमा दिवस पर श्रद्धांजली सभा की जा सके।

 

मुख्यमंत्री ने सकारात्मक रुख अपनाते हुए आश्वासन देते हुए कहा कि हम राज्य के आन्दोलनकारियो के लिए अवश्य कुछ करेंगे , इस कोरोना महामारी के कारण कुछ विलंब अवश्य हुआ है , पर अब स्थिति सामान्य होने पर सभी विषयों पर निदेहरादून

 

आखिर वर्षों बाद सरकार को मिलने की राज्य आंदोलनकारियों की मंशा पूरी हो ही गयी। राज्य आंदोलकारी मंच ने मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत से लंबित विषयों को लेकर भेंट की।

 

इस बैठक के दौरान सीएम से मिलने पहुंचे राज्य आंदोलनकारी मंच के अध्यक्ष जगमोहन सिंह नेगी ने मुख्यमंत्री से मांग की कि सरकार मुजफ्फरनगर काण्ड के दोषियों की सही पैरवी हेतु एक अधिवक्ताओं का पैनल गठित करे अन्यथा राज्य आंदोलनकारी मंच को न्यायालय में पैरोकारी हेतु आर्थिक सहयोग करें।

 

राज्य आंदोलनकारियों के परिवारों को 10% शिथिलीकरण (क्षैतिज आरक्षण) की सुविधा प्रदान की जाए, चिन्हीकरण के लम्बित मामलों के निस्तारण हेतु पुनः व्यवस्था प्रारम्भ की जाय।

राज्य आन्दोलनकारियो की एक समान पेंशन कर वृद्धि की जाय। आश्रितो का शासनादेश शीघ्र जारी किया जाय।

 

खटीमा के साथ पौड़ी और बागेश्वर के चिन्हित आन्दोलनकारियो की सूची को तत्काल जारी कर सभी सुविधाएं प्रदान की जाय।

 

प्रदीप कुकरेती ने कहा कि वर्षो से एक्ट की फाइल राजभवन में दबी पड़ी है़ और हमारे नौजवान उम्रदराज हो गये। समूह ग में रोजगार कार्यालय की अनिवार्यता रखी जाय जिससे उत्तराखण्ड के बेरोजगारो को अवसर मिले।

 

वेद प्रकाश शर्मा ने मुख्यमन्त्री से मांग की कि सम्मान परिषद का शीघ्र गठन किया जाय एंव चिन्हीकरण कमेटी व पेंशन पट्टा जारी किया जाय।

 

चंद्रप्रकाश ने कहा कि परिसीमन भविष्य में क्षेत्रफल के आधार पर हो और लोकायुक्त का गठन करें साथ ही स्थाई राजधानी गैरसैण अविलंब घोषित हो।

 

ऋषिकेश में क्षतिग्रस्त हुए शहीद स्मारक तथा इन्द्रमणी बडोनी हाल के शीघ्र हस्तांतरण के शासनादेश जारी कर दिया जाय जिससे इन्द्रमणी की प्रतिमा को पुनः स्थापित कर आगामी एक सितंबर खटीमा दिवस पर श्रद्धांजली सभा की जा सके।

 

मुख्यमंत्री ने सकारात्मक रुख अपनाते हुए आश्वासन देते हुए कहा कि हम राज्य के आन्दोलनकारियो के लिए अवश्य कुछ करेंगे , इस कोरोना महामारी के कारण कुछ विलंब अवश्य हुआ है , पर अब स्थिति सामान्य होने पर सभी विषयों पर निर्णय लिया जाएगा निर्णय लिया जाएगा ।

Leave a Reply

Your email address will not be published.