अंकिता मर्डर मिस्ट्री में नया मोड़,आरोपियों को वकीलों ने केस लड़ने से किया मना बोले बाहर के वकील को भी पैरवी करने नहीं देंगे – Latest News Today, Breaking News, Uttarakhand News in Hindi

अंकिता मर्डर मिस्ट्री में नया मोड़,आरोपियों को वकीलों ने केस लड़ने से किया मना बोले बाहर के वकील को भी पैरवी करने नहीं देंगे

देहरादून/पौड़ी गढ़वाल

 

अंकिता भंडारी मर्डर केस में नया मोड़ आ गया जब हत्यारोपियों की पैरवी करने से अधिवक्ताओं ने साफ इंकार कर दिया।

 

कोटद्वार की बार एसोसिएशन बैठक में निंदा प्रस्ताव पारित कर दिया गया है। बार एसोसिएशन कोटद्वार अध्यक्ष अजय पंत ने कहा कि सभी अधिवक्ता अंकिता के परिवार के साथ हैं।

जानकारी के अनुमुसार उत्तराखंड के साथ ही पूरे देश को हिलाकर रख देने वाले अंकिता भंडारी हत्याकांड के आरोपी पुलकित आर्य, अंकित और सौरभ भास्कर की कोर्ट में पैरवी करने से कोटद्वार के अधिवक्ताओं ने साफ इंकार कर दिया है। कोटद्वार बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अजय कुमार पंत की अध्यक्षता में बुधवार को हुई बैठक में निंदा प्रस्ताव पारित किया गया है। वहीं, कोटद्वार में वकीलों ने आरोपियों का मुकदमा नहीं लड़ने के फैसले के कारण सभी आरोपियों की जमानत पर सुनवाई नहीं हो पाई। जबकि आरोपियों की न्यायिक हिरासत 6 अक्टूबर को खत्म होने जा रही है।

 

कोटद्वार बार एसोसिएशन ने प्रदेश की बेटी अंकिता भंडारी के हत्यारोपियों की पैरवी नहीं करने का निर्णय लिया है। एसोसिएशन के अध्यक्ष अजय पंत ने कहा कि अंकिता हत्याकांड ने पूरे प्रदेश को झकझोर कर रख दिया है और यह दिल दहलाने वाला हादसा है। उन्होंने कहा कि सभी अधिवक्ता अंकिता के परिवार के साथ हैं।

 

वहीं जमानत याचिका दाखिल करने वाले अधिवक्ता ने भी जमानत अर्जी वापस ले ली है।

आरोपियों के वकील

एडवोकेट जितेंद्र रावत ने कोटद्वार न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी भावना पांडे की अदालत में बेल अर्जी लगाई थी। मगर अधिवक्ता ने सरेंडर करते हुए अर्जी वापस ले ली है। जिसके कारण जमानत याचिका पर बुधवार को सुनवाई ही नहीं हो पाई। एडवोकेट रावत का कहना है कि मामले की संदेवनशीलता के बाद आरोपियों की बेल की अर्जी का प्रार्थना पत्र वापस ले लिया है।

 

दूसरी ओर जानकारी के मुताबिक पुलिस ने भी अभी तक रिपोर्ट जमा नहीं की है। अधिवक्ता जितेंद्र रावत ने जानकारी देते हुए कहा कि बुधवार को एसआईटी की टीम ने वनंत्रा रिजॉर्ट में काम करने वाले कर्मचारियों के कलमबंद बयान दर्ज किए हैं। वहीं, आरोपियों से पूछताछ के लिए एसआईटी की तरफ से कोई प्रार्थना पत्र कोर्ट को नहीं दिया गया है। वकीलों के मुताबिक 302 के मामले में न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी की कोर्ट जमानत नहीं दे सकती है।

 

वकीलों का कहना था कि देवभूमि में ऐसे हादसे होना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है और दोषियों को ऐसा दंड मिलना चाहिए, जो पूरे देश में एक नजीर बन सके।

 

बार एसोसिएशन कोटद्वार के अध्यक्ष अजय पंत ने कहा कि अगर अंकिता हत्याकांड को लेकर कोई अधिवक्ता बाहर से आरोपियों की पैरवी करने आते हैं तो बार एसोसिएशन उसका पूरा विरोध करेगी। उन्होंने कहा कि अंकिता हम सबकी बेटी थी और मामला संवेदनशील है मैं खुद अंकिता और उनके परिवार की ओर से कोर्ट में पैरवी करूंगा।

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