उत्तराखंड के पोड़ी जिले के अनिल चौहान बनेंगे चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ,उत्तराखंड खुद को गौरवान्वित महसूस कर रहा है…

देहरादून/नई दिल्ली

उत्तराखंड के लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान (से.नि.) बने भारत के दूसरे चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ।

 

उत्तराखंड के राज्यपाल ले. जन.(रि.)गुरमीत सिंह और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान (से.नि.) को भारत का CDS नियुक्त होने पर बधाई देते हुए कहा कि उत्तराखण्ड के सपूत को चीफ ऑफ डिफेंस स्टॉफ नियुक्त किए जाने पर प्रत्येक उत्तराखण्डवासी गौरवान्वित है।

बताते चलें कि इनसे पहले जन विपिन रावत ने भी इस पद की गरिमा बढ़ाकर देश में उत्तराखंड का नाम रोशन किया है।

उन्होंने कहा कि हमें पूर्ण विश्वास है कि नए CDS के रूप में लेफ्टिनेंट जनरल (रि.) अनिल चौहान के कुशल नेतृत्व में भारतीय सेना सदैव की भांति राष्ट्रीय सुरक्षा के क्षेत्र में नया कीर्तिमान स्थापित कर आगे बढ़ेगी।

रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान का करियर लगभग 40 वर्षों का है और वे कई महत्वपूर्ण पदों पर रहे हैं। जम्मू – कश्मीर और उत्तर-पूर्व भारत में आतंकवाद विरोधी अभियानों में उनका व्यापक अनुभव रहा है।

 

ले जन (रि) अनिल चौहान का करियर लगभग 40 वर्षों का है और वे कई महत्वपूर्ण पदों पर रहे हैं। जम्मू – कश्मीर और उत्तर-पूर्व भारत में आतंकवाद विरोधी अभियानों में उनका व्यापक अनुभव रहा है।

चौहान को 1981 में भारतीय सेना की 11 गोरखा राइफल्स में शामिल किया गया था। वह राष्ट्रीय रक्षा अकादमी, खडकवासला और भारतीय सैन्य अकादमी, देहरादून के पूर्व छात्र भी हैं।

मेजर जनरल के रैंक में उन्होंने उत्तरी कमान में एक महत्वपूर्ण सेक्टर बारामुला में एक इन्फैंट्री डिवीजन की कमान संभाली थी। बाद में लेफ्टिनेंट जनरल के रूप में, उन्होंने उत्तर पूर्व में एक कोर की कमान संभाली। सितंबर 2019 में वे पूर्वी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ बने और मई 2021 में अपनी सेवानिवृत्ति तक ये पदभार संभाला। उन्होंने सैन्य अभियानों के महानिदेशक के प्रभार सहित महत्वपूर्ण स्टाफ नियुक्तियों पर भी कार्य किया है। उन्होंने अंगोला में संयुक्त राष्ट्र मिशन के रूप में भी काम किया था। वह 31 मई, 2021 को भारतीय सेना से सेवानिवृत्त हुए।

सेना से सेवानिवृत्त होने के बाद भी, उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा और रणनीतिक मामलों में योगदान देना जारी रखा। सेना में विशिष्ट और शानदार सेवा के लिए, लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान (सेवानिवृत्त) को परम विशिष्ट सेवा पदक, उत्तम युद्ध सेवा पदक, अति विशिष्ट सेवा पदक, सेना पदक और विशिष्ट सेवा पदक से सम्मानित किया गया। लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के साथ राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय में राष्ट्रीय समुद्री सुरक्षा समन्वयक नियुक्त किया गया था।

इस साल जून में केंद्र ने सीडीएस की नियुक्ति के नियमों में संशोधन किया था। इसके तहत, 62 वर्ष से कम आयु का कोई भी सेवारत या सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल, एयर मार्शल और वाइस मार्शल और वाइस एडमिरल अब सीडीएस के पद के लिए पात्र हैं। भारत के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत के हेलिकॉप्टर दुर्घटना में मारे जाने के बाद से यह पद खाली चल रहा था।

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