स्पेक्स ने संयुक्त रूप से अन्तराष्ट्रीय महिला एवं बालिका विज्ञान दिवस पर महिला वैज्ञानिकों को किया विज्ञान संचारक सम्मान 2023 से सम्मानित

देहरादून
अन्तराष्ट्रीय महिला एवं बालिका विज्ञान दिवस के उपलक्ष्य में महिला वैज्ञानिकों को प्रोत्साहित करने हेतु किया विज्ञान संचारक सम्मान 2023 से सम्मानित।
सनराइज एकेडमी, मंथन वेलफेयर सोसाइटी, स्पैक्स और कुसुम कान्ता फाउंडेशन के संयुक्त सौजन्य से एक सम्मान समारोह आयोजित किया गया, जिसमें मुख्य अतिथि डील की सेवानिवृत्त वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ.संगीता खरे उपस्थित थे।
कार्यक्रम का शारंभ दीप प्रज्वलित कर किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि डॉ० संगीता खरे ने विज्ञान के क्षेत्र में सराहनीय योगदान देने वाली महिला वैज्ञानिकों का जिक्र करते हुए उनका परिचय दिया। उन्होंने छात्राओं को विज्ञान और तकनीकी के क्षेत्र में आगे आने के लिए प्रेरित किया।

समारोह में डॉ संगीता खरे, डॉ.अलका पाण्डेय, डॉ० पारूल सिंहल, शिवानी कोटनाला, तुलसी मेहरा को अपने-अपने क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ कार्य करने के लिए सम्मानित किया गया।
डॉ.पारूल सिंहल माया ग्रुप ऑफ कालेज में एसोसिएट प्रोसेफर के पद पर कार्यरत है। डॉ.अलका पाण्डेय खादी ग्रामोद्योग बोर्ड में जिला ग्रामोद्योग अधिकारी के पद पर कार्यरत है। शिवानी कोटनाला थेरेपिस्ट और शिक्षाविद है। तुलसी मेहरा ने एक स्वयं सहायता समूह का गठन कर महिलाओं को स्वावलम्बी बनाया।
स्पेक्स की उपाध्यक्ष मोना बाली ने कार्यक्रम पर प्रकाश डाला तथा सभी संस्थाओं का संक्षिप्त परिचय कराया।
कार्यक्रम में सनराइज एकेडमी की प्रबंध निदेशिका तथा मंथन की उपाध्यक्ष पूजा पोखरियाल तथा कुसुम कान्ता फाउन्डेशन की संस्थापक विदुषी निशंक एवं मोना बाली ने मुख्य अतिथि डॉ. खरे को समृद्धि सूचक देकर स्वागत किया।
कार्यक्रम में डॉ पारूल सिंहल ने अपने वक्तव्य में 19 वीं सदी से 21 वीं सदी तक विभिन्न क्षेत्रों में भारतीय नारियों के विभिन्न क्षेत्रों में किए गए कार्यों का उदाहरण देकर महिला सशक्तिकरण की यात्रा का वर्णन किया।
डॉ.अलका पाण्डेय ने स्वरोजगार के लिए विद्यार्थियों को प्रेरित करने की आवश्यकता पर जोर दिया।
शिवानी कोटनाला ने विशेष जरूरतमंद बच्चों के लिए विद्यालय की आवश्यकता का जिक्र करते हुए छात्राओं को अपने सपनों को पूरा करने के लिए प्रयासरत रहने के लिए कहा।
इस अवसर पर सनराइज स्कूल की छात्राएं और शिक्षिकाएं भी मौजूद थी। यहां बताया गया कि स्कूल में स्टाफ और शिक्षिकाओ में केवल महिलाओं को ही हर क्षेत्र में रखा गया है।

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