विधायक उमेश और पूर्व विधायक चैंपियन के बीच चल रहे विवाद के बाद उत्तराखंड हाईकोर्ट ने लिया स्वतःसंज्ञान,12 फरवरी को पेश होंगे डीएम, SSP

देहरादून/नैनीताल

उत्तराखंड उच्च न्यायालय नैनीताल ने रुड़की में निर्दलीय विधायक उमेश कुमार और पूर्व विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन के बीच हुए गोलीकांड के साथ ही गाली गलौज और मारपीट का स्वतः संज्ञान लिया है।

जिसके बाद कोर्ट द्वारा स्वतः संज्ञान लेते हुए हरिद्वार के डीएम और एसएसपी को आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही करने के निर्देश भी दिये गए हैं।

हेग कोर्ट का कहना है कि देवभूमि में बाहुबल का ऐसा प्रदर्शन बेहद शर्मनाक है। खानपुर विधायक और पूर्व विधायक के बीच सरेआम हुई ताबड़तोड़ गोलीबारी, गाली गलौच और पथराव के वीडियो राष्ट्रीय न्यूज चैनलों और समाचार पत्रों की सुर्खियां बनने से उत्तराखंड की छवि खराब होने से चिंतित न्यायधीश राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने घटना का स्वतः संज्ञान लिया है।

मंगलवार की सुबह घटना का संज्ञान लेते हुए न्यायालय ने सुप्रीमकोर्ट द्वारा अश्विनी कुमार उपाध्याय बनाम यूनियन ऑफ इंडिया में पारित आदेशों का पालन न होने पर चिंता व्यक्त की। इस आदेश में राजनीति का अपराधीकरण रोकने को लेकर दिशा निर्देश जारी हैं ।

मामले की सुनवाई दोपहर बाद करने का निर्णय लेते हुए न्यायालय ने डीएम जिलाधिकारी हरिद्वार और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक हरिद्वार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये न्यायालय में पेश होने और इस मामले में की गई कार्यवाही की पूरी जानकारी देने को कहा।

डीएम और एसएसपी हरिद्वार ने वर्चुअली रूप से न्यायालय के समक्ष पेश होकर बताया कि वर्तमान विधायक उमेश कुमार और पूर्व विधायक प्रणव चैंपियन गिरफ्तार किए जा चुके हैं जिसमें प्रणव सिंह फिलहाल जेल में है और उमेश कुमार जमानत में हैं।

जिलाधिकारी ने बताया कि दोनों के शस्त्र लाइसेंस रद्द कर दिए गए हैं और उनको दी गई सुरक्षा को हटाने के लिये सरकार समीक्षा कर रही है। बताया कि दोनों के खिलाफ विभिन्न न्यायालयों में 19-19 मुकदमे लंबित हैं ।

न्यायालय ने इस मामले की सुनवाई की अगली तिथि 12 फरवरी निर्धारित कर हरिद्वार के डीएम और एसएसपी हरिद्वार को आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं।

वहीं न्यायालय द्वारा दोनों आरोपियों के खिलाफ चल रहे मुकदमों, आपराधिक रिकॉर्ड, 25-26 जनवरी को हुई घटनाओं की वीडियो क्लिप, आरोपियों के खिलाफ की गई कार्यवाही रिपोर्ट आदि शपथपत्र के साथ न्यायालय में पेश करने का आदेश दिया गया है।

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