देहरादून
भारत की महिला क्रिकेट वर्ल्ड चैम्पियन टीम की खिलाड़ी स्नेह राणा का यूनिवर्सिटी ग्राफिक एरा की पूर्व छात्रा का यहां पहुंचने पर फूलों की बारिश कर जोरदार स्वागत हुआ।
विश्व विजेता क्रिकेटर स्नेह राणा ने कहा कि उन्होंने जब कैरियर स्टार्ट किया तब कोई नहीं मानता था कि महिला क्रिकेट में भी कैरियर हो सकता है। इसके बावजूद परिवार और मित्रों ने उन्हें आगे बढ़ने में पूरा सहयोग दिया।
ग्राफिक एरा के सिल्वर जुबली कंवेंशन सेंटर पहुंचने पर छात्र छात्राओं ने स्नेह राणा पर फूल बरसाये और ढोल नगाड़ों के साथ उनका स्वागत किया। इस अवसर पर आयोजित भव्य समारोह में ऑल राउंडर स्नेह राणा ने छात्र छात्राओं से बातचीत करते हुए कहा कि उनके मित्रों ने हमेशा उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया और कभी गुमराह नहीं होने दिया। जब भी ऐसा कुछ लगा दोस्तों ने लप्पड़ मारकर ठीक कर दिया। उनसे पूछा गया था कि वह तैयारी कैसे करती हैं। स्नेह ने कहा कि महिला क्रिकेट की पहचान बनाना उनके जीवन की सबसे बड़ी चुनौती रहा है। जब उन्होंने क्रिकेट शुरू किया, तब उत्तराखंड में महिला क्रिकेट के प्रति जागरुकता नहीं थी, इसलिए उन्हें पंजाब जाना पड़ा। छोटी सी उम्र में घर से बाहर जाना भी कम चुनौतीपूर्ण नहीं था।
स्नेह ने कहा कि युवा जिस क्षेत्र में कैरियर बनाना चाहें, पूरी लगन और फोकस के साथ धैर्य रखकर कार्य करें। जो भी करें, दिल से करें। कभी हार नहीं माननी चाहिए। सफलता एकदम नहीं मिलती। स्नेह ने कहा कि सच हम नहीं, सच तुम नहीं, सच हैं मगर संघर्ष।
स्रेह राणा ने ग्राफिक एरा से मिले सहयोग और प्रेम के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में खेलों की बहुत संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि हर विकेट लेने के बाद वे एक खास चिह्न बना कर अपने दिवंगत पिता का आभार व्यक्त करती हैं। वह ग्राफिक एरा की एम बी ए की छात्रा हैं।
ग्राफिक एरा ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस के चेयरमैन डॉ कमल घनशाला ने कहा कि घायल होने के बाद दुबारा नेशनल टीम में शामिल होना एक बहुत बड़ी चुनौती थी। स्नेह राणा ने पैर की चोट ठीक होने पर पांच साल बाद दुबारा नेशनल टीम में अपनी जगह बनायी। ये आसान नहीं था। अभिभावकों ने 15-16 साल पहले जब महिला क्रिकेट कैरियर नहीं होता था, तब स्नेह राणा पर विश्वास जताते हुए उन्हें इस क्षेत्र में आगे बढ़ने का अवसर दिया, यह बहुत बड़ी बात है। स्नेह राणा देश और खासकर उत्तराखंड की लड़कियों के लिए बहुत बड़ी प्रेरणा हैं, अब लड़कियां भी क्रिकेट में कैरियर बनाने का सपना देख और पूरा कर सकती हैं।
डॉ घनशाला ने युवाओं से अपने भीतर खेल भावना विकसित करने का आह्वान करते हुए कहा कि खेल भावना ही हमें हार से जीत की ओर बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करती है। युवा चाहे किसी भी फील्ड में कार्य करें, उन्हें खेलना भी चाहिये क्योंकि खेल मानसिक और शारीरिक रूप से मजबूत बनाते हैं। जहां लोग कोई असफलता मिलने पर निराश हो जाते हैं और मनोबल खोने लगते हैं, वहीं खिलाड़ी हर हार के बाद और ज्यादा मेहनत करके आगे बढ़ते हैं।
चेयरमैन डॉ कमल घनशाला और ग्राफिक एरा ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस की वाइस चेयरपर्सन डॉ राखी घनशाला ने स्नेह राणा और उनकी मम्मी विमला राणा का अभिनंदन किया तथा स्नेह राणा को 11 लाख रुपये प्रोत्साहन राशि के रूप में भेंट किये। स्नेह राणा ने ग्राफिक एरा के बैट, बॉल और टी शर्ट पर हस्ताक्षर भी किये।
इस अवसर पर ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी के प्रो-चांसलर डॉ राकेश शर्मा, कुलपति डॉ नरपिंदर सिंह, प्रो-वीसी डॉ संतोष एस. सर्राफ, कुलसचिव डॉ नरेश कुमार शर्मा, स्नेह राणा की मैनेजर दिव्या बाजपेई, अभिषेक और अन्य पदाधिकारी, शिक्षक व छात्र-छात्राएं मौजूद रहे। संचालन साहिब सबलोक ने किया।
