56 लाख का कीर्तिमान बना सोमवार को बद्रीनाथ के कपाट बंद होने के साथ ही चारो धाम के कपाट शीतकाल के लिए हुए बंद,अब चारो धाम के देवी देवताओं के दर्शन शीतकाल प्रवास तक श्रद्धालु यहीं दर्शन कर सकेंगे

देहरादून/बद्रीनाथ

श्री बदरीनाथ धाम के कपाट शनिवार 18 नवंबर को शीतकाल हेतु बंद हो गये । सोमवार की दोपहर को श्रद्धालुओं को दर्शन देते हुए गढ़वाल स्काउट के बैंड के साथ रावल तथा आदि गुरु शंकराचार्य की गद्दी समारोह पूर्वक श्री नृसिंह मंदिर जोशीमठ पहुंच गयी।

जोशीमठ पहुंचने पर श्रद्धालुओं ने आदि गुरु शंकराचार्य जी की गद्दी के दर्शन किये तथा रावल धर्माधिकारी वेदपाठियों का स्वागत किया आदि गुरु शंकराचार्य की गद्दी को कुछ देर श्री नृसिंह मंदिर प्रांगण महालक्ष्मी मंदिर के सामने दर्शन हेतु रखा गया इस दौरान रावल ईश्वर प्रसाद नंबूदरी,धर्माधिकारी आचार्य राधाकृष्ण थपलियाल,वेदपाठी रविंद्र भट्ट नायब रावल अमरनाथ नंबूदरी सहित प्रियांशु सती एवं सौरभ कोठियाल, श्री नृसिंह मंदिर पुजारी हनुमान प्रसाद डिमरी ने पूजा- अर्चना स़पन्न की। इस दौरान माहौल भक्तिमय हो गया।

कपाट बंद होने के बाद गढ़वाल स्काउट के बैंड के साथ बीते रविवार 19 नवंबर को श्री उद्धव श्री कुबेर तथा रावल सहित आदि गुरु शंकराचार्य की गद्दी के साथ सैकड़ो श्रद्धालुओं हक हकूक धारियों के साथ योग बदरी मंदिर पांडुकेश्वर पहुंचे थे

तथा एक दिन प्रवास के बाद आदि गुरू शंकराचार्य की गद्दी के साथ बदरीनाथ धाम के रावल धर्माधिकारी, वेदपाठी समारोह पूर्वक श्री नृसिंह मंदिर जोशीमठ पहुंचे। मार्ग में मारवाड़ी, जेपी कार्यालय, सीमासड़क संगठन, गढ़वाल स्काउट /सेना ने आदि गुरु शंकराचार्य की डोली के दर्शन किये तथा रावल धर्माधिकारी वेदपाठियों एवं आगंतुक श्रद्धालुओं का स्वागत किया। गढ़वाल स्काउट कैंप स्थित दुर्गा मंदिर में पूजा अर्चना संपन्न हुई इस अवसर पर सहायक कमांडिंग आफिसर अंकित सिह तथा सेना पंडित भूपेश कुमार दुबे तथा सेना के वरिष्ठ अधिकारी जेसीओ व जवान मौजूद रहे।

सीमा सड़क संगठन ( ग्रीफ) कैंप में सीओ भूषण बधान के नेतृत्व में आदि गुरु शंकराचार्य गद्दी रावल धर्माधिकारी वेदपाठियों का स्वागत हुआ।

श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति ( बीकेटीसी) उपाध्यक्ष किशोर पंवार एवं मंदिर अधिकारी राजेंद्र चौहान देवडोलियों के साथ ही बदरीनाथ धाम से योग बदरी पांडुकेश्वर के बाद आज सोमवार को आदि गुरु शंकराचार्य की गद्दी के साथ श्री नृसिंह मंदिर जोशीमठ पहंचे।

कपाट बंद होने के बाद शनिवार 18 नवंबर शाम को श्री कुबेर जी रात्रि प्रवास हेतु बामणी गांव प्रस्थान किया था।

19 नवंबर रविवार की प्रात: 10 बजे को श्री उद्धव एवं आदि गुरु शंकराचार्य की पवित्र गद्दी ने रावल सहित पांडुकेश्वर हेतु प्रस्थान किया।

रविवार को ही श्री कुबेर ने बामणी गांव से पांडुकेश्वर प्रस्थान किया था। जबकि उद्वव एवं शंकराचार्य की गद्दी मंदिर परिसर से पांडुकेश्वर रवाना हुई थी।

श्री उद्धव योग बदरी मंदिर एवं कुबेर जी अपराह्न अपने पांडुकेश्वर स्थित मंदिर में पहुंचे

श्री कुबेर जी श्री उद्धव जी शीतकाल छ:मास पांडुकेश्वर में प्रवास करेंगे। जबकि श्री गरूड़ शीतकाल में मंदिर खजाने के साथ जोशीमठ प्रवास करेंगे।

बीकेटीसी मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ ने बताया कि सोमवार 20 नवंबर दोपहर को आदि गुरु शंकराचार्य जी की गद्दी सोमवार प्रात: को योग बदरी पांडुकेश्वर से श्री नृसिंह मंदिर जोशीमठ पहुंच गयी तथा शीतकाल छ: माह श्री नृसिंह मंदिर स्थित आदि गुरु शंकराचार्य गद्दीस्थल प्रवास करेंगी। इसके पश्चात योग बदरी पांडुकेश्वर तथा श्री नृसिंह मंदिर जोशीमठ में शीतकालीन पूजाये शुरु हो गयी है‌। इसी के साथ श्री बदरीनाथ यात्रा वर्ष 2023 का भी समापन हो गया।

इस अवसर पर स्थानीय लोग और श्रद्धालुओं के साथ ही बीकेटीसी उपाध्यक्ष किशोर पंवार, मंदिर अधिकारी राजेंद्र चौहान, स्वामी मुकुंदानंद स्वामी आत्मानंद, देवपुजाई समिति अध्यक्ष भगवती नंबूदरी, कांति थपलियाल, मुख्य प्रशासनिक अधिकारी गिरीश चौहान, वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी विराज बिष्ट, एवं दीपक नौटियाल,प्रशासनिक अधिकारी कुलदीप भट्ट एवं विवेक थपलियाल,श्री नृसिंह मंदिर प्रभारी संदीप कपरवाण, लेखाकार भूपेंद्र रावत,पुजारी हनुमान प्रसाद डिमरी, संतोष तिवारी,मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़, प्रबंधक भूपेंद्र राणा, आनंद सती, विकास सनवाल कुलानंद पंत, राजेश नंबूदरी, दर्शन कोटवाल सहित मंदिर समिति के अधिकारी कर्मचारी आदि मौजूद रहे।

यहां उल्लेखनीय है कि

मुख्यालय पुलिस महानिदेशक, उत्तराखण्ड।

आज वैदिक मंत्रोच्चार एवं विधि-विधान के साथ श्री बदरीनाथ धाम के कपाट शीतकाल हेतु बंद किये गए। इस वर्ष हमें 18 लाख से अधिक श्रद्धालुओं की सेवा करने का सुअवसर मिला।

देश-विदेश से विश्वप्रसिद्ध चारधाम दर्शन हेतु आ रहे श्रद्धालुओं की संख्या ने इस वर्ष नया कीर्तिमान स्थापित किया है। 56 लाख से अधिक श्रद्धालु ने इस बार चारधाम दर्शन करने उत्तराखण्ड पहुंचे। सबसे ज्यादा 19 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने इस वर्ष केदारनाथ धाम के दर्शन किए हैं, जबकि 18 लाख से अधिक तीर्थयात्रियों ने बदरीनाथ धाम में बाबा बदरी विशाल की पूजा अर्चना की है।

जबकि गंगोत्री में 9 लाख से अधिक और यमुनोत्री में 7 लाख से ज्यादा श्रद्धालु तीर्थयात्रा के लिए पहुंचे हैं। वहीं, हेमकुण्ड साहिब में इस वर्ष एक लाख 77 हजार से ज्यादा श्रद्धालुओं ने मत्था टेका।

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