अल्मोड़ा में गुलदार का निवाला बना युवक, एक किलोमीटर तक घसीटा युवक को,गांव में दहशत का माहौल

देहरादून/अल्मोड़ा

अल्मोड़ा के फयाटनौला गांव में एक ग्रामीण युवक को गुलदार ने निवाला बना लिया।

ग्रामीण का शव गांव के पास ही झाड़ियों में क्षत विक्षत अवस्था में मिला है। इस घटना के बाद ग्रामीणों के होश उड़े हुए हैं. ग्रामीण अब घर से बाहर निकलने में भी कतरा रहे हैं।गांव में सन्नाटा पसरा हुआ है।

इस बात की जानकारी ग्रामीणों को तब मिली, जब मंगलवार को प्राइमरी स्कूल कनोली के बच्चे और अध्यापक अपने स्कूल में पहुंचे।

स्कूल के पास ही खून के निशान मिले। इसके बाद अध्यापकों ने इसकी सूचना ग्रामीणों को दी।

ग्रामीण राजेंद्र मावड़ी ने बताया कि खून के निशान मिलने पर ग्रामीणों ने खोजबीन शुरू की। खोजबीन के दौरान कहीं चप्पल तो कहीं पर फटे कपड़े पड़े मिले।

काफी खोजबीन के बाद गांव के ही एक नौले के पास झाड़ियों में एक शव पड़ा मिला। जिसके बाद ग्रामीणों को पता लगा कि यह शव गांव के ही जगदीश चंद्र असनोड़ा का है। जिसे गुलदार ने अपना निवाला बना लिया है। इसके बाद फयानौला के ग्रामीणों ने इसकी सूचना वन विभाग को दी।

वन क्षेत्राधिकारी तापस मिश्रा ने बताया कि ग्रामीणों से सूचना मिली थी कि गुलदार ने एक शख्स को निवाला बनाया है. जिसके बाद टीम को फयाटनौला गांव भेजा गया है। शव झाड़ियों के बीच फंसा है। शव को निकालने की कोशिश की जा रही है, लेकिन बारिश होने के कारण दिक्कतें आ रही हैं। प्रथम दृष्टया शख्स गुलदार का शिकार बना लगता है। शव को झाड़ियों से निकालकर रानीखेत अस्पताल ले जाया जाएगा। उन्होंने बताया कि गुलदार को पकड़ने के लिए क्षेत्र में पिंजरा लगाया जाएगा। वहीं, मृतक के आश्रितों को नियमानुसार मुआवजा राशि भी उपलब्ध कराई जा रही है।

गुलदार ने जहां जगदीश पर हमला किया वो इलाका गांव से एक किलोमीटर से भी ज्यादा दूर ऊंचाई पर स्थित है। घटनस्थाल पर खून के निशान देखकर पता चल रहा है कि गुलदार पहले जगदीश पर हमला कर उसे पहाड़ी की दूसरी तरफ कनोली की ओर ले गया। उसके बाद वो उसे घसीटकर वापस घटनास्थल से पहाड़ी के दूसरी तरफ यानी जगदीश के गांव की ओर ले गया होगा। घर से समानांतर करीब एक किलोमीटर और घटनास्थल से एक किलोमीटर से ज्यादा दूरी पर झाड़ियों में शव मिला है।

जगदीश असनोड़ा एक पढ़ा-लिखा नौजवान था। कुछ समय दिल्ली में रहने के बाद वो गांव लौट आया था। जगदीश के दो बड़े भाई दिल्ली और राजस्थान में प्राइवेट जॉब करने वाले मोहन चंद्र असनोड़ा और चंद्रा दत्त असनोड़ा हैं। पिता का काफी समय पहले निधन हो चुका है।

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