कार्रवाई..दून पुलिस के चार कर्मचारी मोर्चा बनाने के आरोप में हुए सस्पेंट,4600 ग्रेड पे को लेकर सन्डे को परिजनों ने की थी प्रेस कॉन्फ्रेंस

देहरादून

 

पुलिसकर्मियों के परिजनों द्वारा सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलना महंगा पड़ा. विभाग ने मामले में चार पुलिस कर्मचारियों को सस्पेंड कर दिया है।

 

निलंबित होने वालो में एसडीआरएफ यमुनोत्री में तैनात कुलदीप भंडारी, पुलिस लाइन चमोली में तैनात दिनेश, पीएचक्यू में तैनात हरिंदर रावत और लक्खीबाग पुलिस चौकी में तैनात मनोज बिष्ट शामिल हैं।

 

इन चारों पुलिसकर्मियों के परिजनों पर विगत रविवार को देहरादून के एक रेस्टोरेंट में पत्रकार वार्ता करने का आरोप हैं।

पुलिस विभाग के निर्णय का पुलिसकर्मियों के परिजनों ने विरोध करते हुए विभाग की ओर से सस्पेंशन का आदेश जारी होने के बाद सोमवार शाम को पुलिसकर्मियों के परिजन शकुंतला रावत, आशी भंडारी और उर्मिला चंद पुलिस हेड क्वार्टर पहुंचीं और डीजीपी से मुलाकात कर उन्होंने कहा कि सीएम ने रिजर्व ‘पुलिस लाइन में पुलिस स्मृति दिवस पर मंच से वर्ष 2001 बैच के पुलिसकर्मियों को 4600 ग्रेड पे देने की घोषणा की थी। लेकिन, चुनाव के बाद मामले में किसी तरह की कोइ कारवाई के संकेत नही मिल पाए हैं।

 

वही पुलिस के परिजन लगातार पुच्छल काफी समय से आदोलन कर रहे है। उपचुनाव क दोरान भी पूरे प्रदेश भर में भाजपा को वोट न करने की अपील जनता से कर रहे थे। पुलिसकर्मियों के सरकार के खिलाफ एकतरफा वोट डालने के बावजूद सरकार पूर्ण बहुमत से सत्ता में आ गई।

 

यहां अब देखना ये होगा कि पुलिसकर्मियों पर हुई इस कार्रवाई के बाद अब इस आंदोलन में क्या नया होगा , इसमें पुलिस कर्मियों के परिजन आंदोलन को तेज करते हैं या विभागीय कारवाई होने का डर आंदोलन को बन्द कर डालेगा।

 

 

अधिकारियों का कहना है कि, कुलदीप और उसकी पत्नी को कई बार समझा चुके हैं कि फोर्स का अनुशासन ना तोड़ें, लेकिन उनका आंदोलन लगातार जारी रहा।

 

डीजीपी अशोक कुमार ने बताया कि सिपाहियों को निलंबित किया गया है। उनके परिजनों का एक प्रतिनिधि मंडल मिलने लल्लबभी आया था, उन्हें भी समझाया गया कि वह अपनी मांग उपयुक्त तरीके से रखें। कर्मचारी आचरण नियमावली का उल्लंघन या अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

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