सराहनीय.. डीजी लॉ एंड ऑर्डर के हस्तक्षेप के बाद 9 महीने से फरार कार लोन का मुजरिम 10 दिन में अरेस्ट

देहरादून
कार लोन लेने के लिए फर्जी कोटेशन तैयार कर लोन के नाम पर भारतीय स्टेट बैंक से 32 लाख रूपये की धोखाधड़ी करने में फरार चल रहे अभियुक्त प्रदीप सकलानी को अशोक कुमार, महानिदेशक अपराध एवं कानून व्यवस्था, उत्तराखण्ड के निर्देश के बाद देहरादून पुलिस ने गिरफ्तार किया।

देहरादून के नेहरू कालोनी निवासी प्रदीप सकलानी के विरूद्ध धाखाधड़ी से सम्बन्धित माह दिसम्बर 2019 में पुलिस मुख्यालय को एक शिकायती प्रार्थना पत्र प्राप्त हुआ था। शिकायती प्रार्थना पत्र की जांच में प्रकाश में आया कि प्रदीप सकलानी के विरूद्ध वर्ष 2019 में थाना वसंत विहार, देहरादून में भारतीय स्टेट बैंक शाखा जीएमएस रोड से कार लेने के लिए फर्जी दस्तावेज बैंक में जमा कर 32 लाख रुपए की धोखाधडी करने के अलग-अलग मामलों में 6 मुकदमे माह नवम्बर में दर्ज किए गए थे। इससे पूर्व वर्ष 2017 में थाना नेहरू कालोनी में भी धोखाधड़ी के अभियोगों में अभियुक्त जेल जा चुका है।
उल्लेखनीय है कि प्रदीप सकलानी शुभ प्रीमियर धर्मपुर नाम की फर्म के नाम से फर्जी कोटेशन तैयार कर केवाईसी फॉर्म के साथ अन्य कूटरचित दस्तावेज बैंक में जमा कर छह कार लोन से कुल 31 लाख 95 हजार 1 सौ 75 रूपये की धनराशि हड़प ली गई थी। उन्होंने विभिन्न व्यक्तियों को कार दिलाने के नाम पर बैंक से ड्राफ्ट प्राप्त कर वाहन की फर्जी आरसी आदि कागज बैंक में जमा कर बिना वाहन दिए लोन की धनराशि हड़प लेते थे। उक्त प्रकरण में प्रदीप सकलानी और कृपाल सिंह निवासी दीपनगर कालोनी की भूमिका प्रकाश मे आई, जिसमें कृपाल सिंह को माह फरवरी 2020 में गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था, जबकि प्रदीप सकलानी फरार चल रहा था।
अशोक कुमार द्वारा फरार अभियुक्त प्रदीप सकलानी के ऊपर इनाम घाषित करने और कुर्की की कार्यवाही किये जाने के लिए दिनांक 7 जुलाई 2020 को वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून को निर्देशित किया गया। जिस पर देहरादून पुलिस द्वारा 10 दिन के भीतर नौ माह से फरार चल रहे अभियुक्त प्रदीप सकलानी को दीपनगर नेहरू कालोनी से गिरफ्तार कर लिया गया। अभियुक्त प्रदीप सकलानी और कृपाल सिंह के विरूद्ध गैंगस्टर एक्ट के अन्तर्गत कार्यवाही को भी निर्देशित किया गया है।

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