एम्स की महिला महिला नर्सिंग अधिकारी की रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद पुष्पवर्षा कर वेलकम किया

देहरादून/ऋषिकेश

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स ऋषिकेश में भर्ती कोरोना संक्रमित महिला नर्सिंग ऑफिसर की लगातार दो जांच रिपोर्ट नेगेटिव आने पर उसे शनिवार को अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया। इस दौरान एम्स निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत की अगुवाई में संस्थान के चिकित्सकों,नर्सिंग अफसरों एवं अन्य स्टाफ ने नर्सिंग ऑफिसर का तालियां बजाकर एव पुष्पवर्षा कर अभिनंदन किया और शुभकामनाएं दी। डिस्चार्ज की गई नर्सिंग ऑफिसर ने एम्स प्रशासन एवं संपूर्ण स्टाफ का दिल से आभार व्यक्त किया और बताया कि अस्पताल में उनका बेहतर ढंग से खयाल रखा गया। उन्होंने अन्य भर्ती कोरोना के मरीजों को संदेश दिया कि इसमें अत्यधिक घबराने वाली बात नहीं है। धैर्य एवं पौष्टिक आहार से इस बीमारी के दुष्परिणामों से बचाव संभव है। उन्होंने कोरोना से जूझ रहे अन्य स्वास्थ्य कर्मियों को संदेश दिया कि अपना संबल बनाए रखें। बताया कि कोरोना ने उनका हौसला तोड़ा नहीं बल्कि और अधिक बढ़ा दिया है। लिहाजा वह जल्द से जल्द ड्यूटी पर आने की उत्सुक हैं। एम्स में भर्ती यह दूसरा कोविड संक्रमित मरीज है,जिसे उपचार के बाद डिस्चार्ज किया गया,इससे पूर्व देहरादून निवासी कैंसर ग्रसित मरीज को भी कोविड नेगेटिव रिपोर्ट आने पर आइसोलेशन वार्ड से छुट्टी दी जा चुकी है। इस अवसर पर एम्स निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत ने कहा कि कोरोना से डरने की जरुरत नहीं है, मास्क लगाने व सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने की आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि कोरोना से तब तक समाज सुरक्षित नहीं है, जब तक इससे कम से कम 70 से 80 फीसदी लोग संक्रमित नहीं होते,मगर इससे घबराने की जरुरत कतई नहीं है, इससे संभलने व समझने की जरुरत है। ऐसी स्थिति में हमें कोरोना के साथ रहने की आदत डालनी होगी और सावधानी बरतने के साथ साथ जरुरी सावधानियां बरतनी ही होंगी। प्रो. रवि कांत ने दावा किया कि इनमें से अधिकांश लोग बिल्कुल स्वस्थ होकर अस्पताल से लौटेंगे यह गारंटी है। उनका कहना है कि इनमें 80 फीसदी लोगों को मालूम भी नहीं पड़ेगा कि वह कोरोना से ग्रसित हुए भी अथवा नहीं, मगर उनमें इसके लक्षण पाए जाएंगे। अलबत्ता अन्य गंभीर रोगों से ग्रसित लोगों पर ही इसका अधिक दुष्प्रभाव पड़ सकता है। एम्स निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत के स्टाफ ऑफिसर डा. मधुर उनियाल ने बताया कि अस्पताल से डिस्चार्ज की गई महिला नर्सिंग ऑफसर में बीते माह 27 अप्रैल को कोविड 19 के लक्षण पाए गए थे,जिसके बाद उनका टेस्ट किया गया, 28 अप्रैल को उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर उन्हें एम्स के कोविड वार्ड में भर्ती किया गया। चिकित्सकों का पैनल उनके स्वास्थ्य पर लगातार निगरानी रख रहा था। उनके स्वास्थ्य में सुधार होने पर पांच मई को उनका कोविड सैंपल लिया गया,जिसकी रिपोर्ट 6 मई को नेगेटिव आई। इसके बाद 7 मई को उनका दूसरा सैंपल लिया गया तथा 8 मई को उनकी यह रिपोर्ट भी नेगेटिव आई। लिहाजा उन्हें 9 मई शनिवार को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। उन्होंने बताया कि अब नर्सिंग ऑफिसर पूरी तरह से स्वस्थ है। गौरतलब है कि जनरल सर्जरी विभाग की इस महिला हेल्थ वर्कर यूरोलॉजी आईपीडी में ड्यूटी पर थी, जहां भर्ती हुए एक अन्य कोरोना पॉजिटिव मरीज से उसे संक्रमण हुआ था। जिसके बाद नर्सिंग ऑफिसर को 28 अप्रैल को कोविड टेस्ट रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद एम्स अस्पताल के कोविड वार्ड में भर्ती किया गया था। इस अवसर पर उप निदेशक प्रशासन अंशुमन गुप्ता, डीन (अस्पताल प्रशासन) प्रो. यूबी मिश्रा, प्रो. शैलेंद्र हांडू,डा. नम्रता गौड़,डा.प्रदीप अग्रवाल,डा. पीके पांडा, डा. मुकेश बेरवा,डा. योगेश बहुरूपी, डा. योगेश सैनी, डा. अनुभा अग्रवाल, वित्त सलाहकार पीके मिश्रा, बिमल सचान,अज्जो उन्नि कृष्णन आदि मौजूद थे।

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