एम्स और उत्तराखण्ड सरकार मिलकर ट्रामा ओर इमरजेंसी सेवाओ के लिए नई पालिसी बनाएंगे…पद्मश्री रविकान्त – Latest News Today, Breaking News, Uttarakhand News in Hindi

एम्स और उत्तराखण्ड सरकार मिलकर ट्रामा ओर इमरजेंसी सेवाओ के लिए नई पालिसी बनाएंगे…पद्मश्री रविकान्त

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत व एम्स निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत के निर्देशन में उत्तराखंड राज्य में ट्रॉमा एंड इमरजेंसी केयर सुविधा विकसित करने के लिए उत्तराखंड सरकार व एम्स संस्थान की एक टीम खूनकान, थाइलैँड से प्रशिक्षण प्राप्त कर चुकी है। बताया गया कि राज्य सरकार उत्तराखंड में ट्रॉमा एंड इमरजेंसी सेवाओं के लिए जल्द नई पॉलिसी तैयार करेगी। जिससे आपदा व सड़क दुर्घटनाओं के समय मृत्यु दर को कम किया जा सके। हाल ही में वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (डब्ल्यूएचओ) के रीजनल कॉर्डिनेटर सिस्टम थाइलैंड में ट्रॉमा एंड इमरजेंसी केयर पर आधारित कार्यशाला आयोजित की गई थी। जिसमें अपर सचिव स्वास्थ्य अरुणेंद्र कुमार चौहान, निदेशक स्वास्थ्य डा. एसके गुप्ता व एम्स के ट्राॅमा एंड इमरजेंसी विभाग के विशेषज्ञ डा. मधुर उनियाल ने इस कार्यशाला में उत्तराखंड, भारत का प्रतिनिधित्व किया। थाइलैंड में कार्यशाला के सफल आयोजन के बाद लौटी राज्य की टीम के सदस्यों ने बताया कि थाईलैंड चूंकि एक विकासशील देश है, जिसकी अर्थव्यवस्था व संसाधन भारत से काफी मेल खाते हैं, लिहाजा थाईलैंड प्रशिक्षण के दौरान उत्तराखंड के दल को वहां से कई ऐसी चीजें सीखने को मिली जिन्हें देश में बिना अत्यधिक संसाधनों व धन खर्च किए बिना लागू की जा सकती हैं। थाईलैंड के प्रोफेसर विटाया चादबुन चाचाई के नेतृत्व में देश में ट्रॉमा एंड इमरजेंसी केयर के लिए एक ऐसा ही सतत मगर बहुत ही बेहतर किस्म का सिस्टम डेवलप किया गया है। एम्स निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत ने कहा कि अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स ऋषिकेश ट्रॉमा एंड इमरजेंसी केयर में देश में किसी भी अन्य इंस्टीट्यूट से पीछे नहीं रहना चाहता है, उन्होंने बताया कि एम्स संस्थान उत्तराखंड की जनता की सेवा के लिए पूरी तरह से तत्पर है। एम्स के ट्रॉमा एंड इमरजेंसी विभाग के विशेषज्ञ डा. मधुर उनियाल ने बताया कि प्रशिक्षण प्राप्त कर स्वदेश लौटी टीम प्रशिक्षण के दौरान के अपने अनुभवों पर एक रिपोर्ट तैयार कर रही है,जिससे राज्य सरकार को अवगत कराया जाएगा, जिससे उत्तराखंड में ट्रामा केयर से जुड़ी व्यवस्थाओं को सुदृढ़ बनाया जा सके। बताया गया कि रिपोर्ट के आधार पर सरकार द्वारा पॉलिसी तैयार कर राज्य में लागू की जाएगी।

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