हमेशा जिज्ञासु बने रहें और जीवन में सीखने का निरंतर प्रयास कर नए ज्ञान को अपनाएं। प्रत्येक व्यक्ति की समस्याओं को अवश्य सुनें, उन्होंने कहा कि चिकित्सा का क्षेत्र निरंतर विकास की स्थिति में है…राज्यपाल गुरमीत सिंह

देहरादून

सोमवार को हेमवती नंदन बहुगुणा चिकित्सा शिक्षा विश्वविद्यालय का छठा दीक्षांत समारोह संपन्न। हो गया।

समारोह के मुख्य अतिथि प्रदेश के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) और

चिकित्सा एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत विशिष्ट अतिथि के रूप में मौजूद रहे। सोमवार को हिमालयन सांस्कृतिक केन्द्र(सभागार) गढ़ी कैंट में आयोजित दीक्षांत समारोह में राज्यपाल ने विभिन्न विषयों में उत्तीर्ण 1350 छात्र-छात्राओं को उपाधियां व सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले 23 छात्र-छात्राओं को गोल्ड मेडल प्रदान किए।

इस अवसर पर मुख्य अतिथि राज्यपाल ने चिकित्सा एवं चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में अतुलनीय योगदान देने वाले डॉ. युगल के. मिश्रा, प्रो. वाई के. गुप्ता, और प्रो. सूर्यकांत को डॉक्टर ऑफ साइंस(डीएससी) की मानद उपाधि एवं मेजर जनरल स्मिता देवरानी(रि.) व ब्रिगेडियर अमिता देवरानी(रि.) को डॉक्टरेट की मानद उपाधि से सम्मानित किया। इसके अलावा राज्यपाल ने डॉ. अभिलाष धारीवाल और डॉ. अनिशा नौटियाल को प्रो. एम.सी पंत सर्वश्रेष्ठ शोध पुरस्कार प्रदान किए।

दीक्षांत समारोह में उपस्थित छात्र-छात्राओं को बधाई देते हुए राज्यपाल ने कहा कि चिकित्सा के महत्वपूर्ण क्षेत्र में देश की सेवा करने का आपको यह सुअवसर प्राप्त हो रहा है। चिकित्सा पेशे के रूप में पहला कदम रखते ही आप एक बड़ी जिम्मेदारी निभाएंगे। उन्होंने कहा कि मरीजों की सेवा करना, उन्हें ठीक करना, उनके जीवन में एक सार्थक बदलाव लाना आपकी प्राथमिक जिम्मेदारी रहेगी।

राज्यपाल ने डिग्रीधारकों से कहा कि आपके द्वारा अर्जित किए गए ज्ञान को वास्तविक रूप में इस्तेमाल किए जाने का समय प्रारंभ हो चुका है। उन्होंने छात्र-छात्राओं से कहा कि हमेशा जिज्ञासु बने रहें और जीवन में सीखने का निरंतर प्रयास करते रहें। निरंतर नए ज्ञान को अपनाएं। प्रत्येक व्यक्ति की समस्याओं को अवश्य सुनना चाहिए। उन्होंने कहा कि चिकित्सा का क्षेत्र निरंतर विकास की स्थिति में है और अनुकूलन व नवप्रवर्तन की आपकी इच्छा सफलता को परिभाषित करेगी।

राज्यपाल ने सभी सफल अभ्यर्थियों से कहा कि आप सभी भारत के अमृतकाल के समय में पास आउट हुए हैं। विश्वगुरू भारत और विकसित भारत के लक्ष्यों को पूरा करने में आपकी बड़ी भूमिका रहेगी। उन्होंने कहा कि भविष्य के लिए आपका कौशल, कार्यों में उत्कृष्टता हमारे समाज के स्वास्थ्य और कल्याण में बहुत योगदान देने वाला होगा।

चिकित्सा एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने सभी उत्तीर्ण छात्र-छात्राओं और उनके अभिभावकों को बधाई एवं शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि चिकित्सक का पेशा एक बेहद ही संवेदनशील पेशा है। व्यक्ति को सबसे बड़ा भरोसा अपने चिकित्सक पर रहता है। उन्होंने कहा कि किसी भी व्यक्ति के भरोसे को हमेशा बनाए रखना आप सभी की पहली जिम्मेदारी होनी चाहिए। इस अवसर पर उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के किए जा रहे नवीन गतिविधियों की जानकारी प्रदान की।

दीक्षांत समारोह में मानद उपाधि प्राप्त करने वाले महानुभावों ने भी अपने-अपने विचार व्यक्त किए। विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. हेमचंद्र ने विश्वविद्यालय की उपलब्धियों एवं गतिविधियों की जानकारी दी। इस अवसर पर कुलसचिव प्रो. आशीष उनियाल सहित विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राएं एवं उनके अभिभावक उपस्थित रहे।

दीक्षांत समारोह में 1350 अभ्यर्थियों को उपाधियां प्रदान की गई जिनमें पी.एच.डी के 01, एम.डी/एम.एस के 61, एम.बी.बी.एस के 489, एम.फिल के 10, एम.एस.सी नर्सिंग 60, एन.पी.सी.सी के 02, एम.एच.ए के 16, बी.एस.सी नर्सिंग के 600 एवं पोस्ट बेसिक बी.एस.सी नर्सिंग के 111 अभ्यर्थी शामिल हैं।

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