राज्य निर्माण आंदोलनकारियों की नौकरियां निरस्त होने से नाराज कॉंग्रेस करेगी आंदोलन

देहरादून

राज्य निर्माण आंदोलनकारियों की नौकरियां निरस्त होने पर कॉन्ग्रेस नाराज अध्यक्ष प्रीतम सिंह की अध्यक्षता में संपन्न हुई बैठक में पार्टी का आंदोलनकारियों के पक्ष में सड़कों पर आने के फैसले का ऐलान उत्तराखंड कांग्रेस के अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने उत्तराखंड राज्य निर्माण आंदोलन के उन महान आंदोलनकारियों की सरकारी सेवाएं निरस्त होने पर राज्य की भाजपा सरकार की अपराध पूर्ण चुप्पी पर गहरी नाराजगी का इजहार करते हुए कहा है कि कांग्रेश इस मुद्दे पर खामोश नहीं बैठेगी और राज्य आंदोलनकारियों के मान और सम्मान की रक्षा के लिए हर संभव प्रयास किए जाएंगे ।

राज्य कांग्रेस के उपाध्यक्ष धीरेंद्र प्रताप ने यह जानकारी देते हुए बताया कि आज कांग्रेस मुख्यालय में कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह की अध्यक्षता में एक विशेष बैठक हुई जिसमें कांग्रेश उपाध्यक्ष धीरेंद्र प्रताप महामंत्री विजय सारस्वत और संजय पालीवाल , राजेंद्र शाह,डॉ आरपी रतूड़ी, सीताराम नौटियाल,कमर खान,गिरीश पुनेड़ा और पूर्व राज्य मंत्री अजय सिंह और मनीष कुमार शिखर शामिल हुए।

पार्टी ने एक स्वर में सर्व सम्मत प्रस्ताव पारित करके मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मांग की कि वह तत्काल राज्य आंदोलनकारियों की निरस्त की गई नौकरियों को बहाल करने हेतु कदम उठाएं ।प्रीतम सिंह ने कहा कि उत्तराखंड राज्य ,निर्माण आंदोलनकारियो की बदौलत है ।उन्होंने जो संघर्ष किया और जो त्याग किए उसी की बदौलत आज राज्य में मात्र 20 वर्षों में 11 मुख्यमंत्री ने शपथ ली है ।

प्रीतम सिंह ने कहा कि कांग्रेश इस मामले में चुप नहीं बैठेगी और 10 जुलाई को होने वाले पार्टी प्रदर्शन में इस मुद्दे को भी प्रमुखता से उठाया जाएगा।

धीरेंद्र प्रताप ने इस मौके पर बैठक का संचालन करते हुए आंदोलनकारियों की भाजपा राज में की गई दुखद स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि यह नारायण दत्त तिवारी की सरकार थी जिसमें वे हनुमान प्रसाद के पहले चेयरमैन थे, जिसने राज्य आंदोलनकारियों के हक में सन 2005 में आंदोलनकारी पेंशन आंदोलनकारी चिन्हिकरण आंदोलनकारी सम्मान के आंदोलनकारियों को नौकरी के बड़े फैसले लिए।

धीरेंद्र प्रताप ने कहा कि जहां कांग्रेस सरकार ने राज्य आंदोलनकारियों के लिए फैसले लेने का काम किया वही भाजपा की जब से सरकार आई है उसने आंदोलनकारी सम्मान परिषद को तो भंग ही कर दिया दिया है और उसके अध्यक्ष पद पर भी किसी की नियुक्ति नहीं की है ।वहीं राज्य आंदोलनकारियों के 10% आरक्षण के, उनकी नौकरियों के, उनकी चिन्हिकरण के, उनकी पेंशन 15000 प्रति मास किए जाने के प्रस्ताव को ,गैरसैंण को स्थाई राजधानी बनाए जाने जैसे महत्वपूर्ण सवालों को गर्त में डाल दिया है ।

उन्होंने कहा कि राज्य आंदोलनकारी इन मसलों को लेकर सड़कों पर आ रहे हैं और 10 जुलाई को कांग्रेस के प्रदर्शन के बाद 14 जुलाई को राजभवन पर आंदोलनकारी कूच में कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने भी शामिल होना स्वीकार कर लिया है‌ यही नहीं पार्टी के अन्य शीर्ष नेता भी इसमें हिस्सा लेंगे उन्होंने कहा वे चाहते थे कि हरीश रावत इस प्रदर्शन में शामिल हो परंतु उनकी अस्वस्थता इसमें आड़े आ रही है। धीरेंद्र प्रताप ने कहा कि पार्टी ने आंदोलनकारी मसले पर महंगाई ,बेरोजगारी और भ्रष्टाचार के साथ-साथ निकम्मे पन को लेकर भी कमर कस ली है और कॉन्ग्रेसस राज्य की जनता की मदद में हर सवाल पर संघर्ष करेंगी।

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