देहरादून/भुवनेश्वर
ओलम्पिक क्वालीफायर और कीट की छात्रा सी. ए. भवानी देवी का कीट और कीस में भव्य स्वागत किया गया।
अकेले आसमान पर सितारे नहीं चमकते। कड़ी मेहनत और दृढ़निश्चय ने कई बार लोगों को बुलन्दियों तक ले जाने के लिए मदद की है जहां से वे एक प्रतीक बनकर उभरे हैं। सी.ए. भवानी देवी भी उन्हीं खेल सितारों की आकाशगंगा में से एक हैं, जिन्होंने तलवारबाजी में टोक्यो ओलंपिक 2021 में क्वालीफाई किया है।
ये पल केवल भवानी के लिए ही गर्व का पल नहीं है, बल्कि कीट डीम्ड विश्वविद्यालय की एक छात्रा होने के नाते भवानी जैसे बच्चों की प्रतिभा को निखारने के लिए एक विश्वसनीय एवं अनुभवी परामर्शदाता की भांति कीट और कीस को दो नियमित लांच पैड बनने का गौरव प्राप्त हुआ है।
कहते है कि कोई भी उपरोक्त दो संस्थानों के संस्थापक डाॅ . अच्युत सामंत को उनके अपने गौरव का आभास नहीं करा सकता कि न केवल खेल में भवानी की लम्बी शानदार यात्रा के लिए, बल्कि उन सभी के लिए अनकही मदद करने के लिए, जिन्होंने पहले से ही खेल के साथ-साथ सभी क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है, चाहे वह राष्ट्रीय या अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर।
सोचें तो क्रेडिट स्कोर रुकता नहीं है, क्योंकि वर्ष 2021 टोक्यो ओलम्पिक के लिए भवानी, तलवारबाजी में क्वालीफाई करने वाली पहली भारतीय महिला बन गई है।सभी के लिए वह पल कैसा होगा जब भारत की एक युवा महिला खिलाड़ी लाखों के सामने अपने प्रतिद्वन्द्वियों के खिलाफ कृपाण की तेजस्वी कला की चमक बिखेरेगी।
तमिलनाडु की रहने वाली और कीट डीम्ड विश्वविद्यालय की छात्रा, भवानी 25 मार्च की सुबह इटली से सीधे भुवनेश्वर पहुंची। भुवनेश्वर के बीजू पटनायक हवाई अड्डे पर पहुंचने पर भवानी के साथ उनकी माँ और कोच का जोरदार स्वागत किया गया।
भवानी के लिए स्वागत समारोह का आयोजन कीट डीम्ड विश्वविद्यालय परिसर में किया गया, जहां पर कीट और कीस के संस्थापक डाॅ अच्युत सामंत, इंडियन फेन्सिंग एसोसिएशन के जनरल सेक्रटरी, बशीर ए. खान, ओडिशा फेन्सिंग एसोसिएशन के सेक्रेटरी, देबेन्द्र साहू, जाने माने पर्यावरणविद ग्रीन मैन डाॅ. अब्दुल घनी, तेज धाविका दुती चांद, कीट डीम्ड विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर प्रो. ऋषिकेश मोहंती, कीट डीम्ड विश्वविद्यालय की प्रो-वाइस चां सलर प्रो . सस्मिता सामंत इत्यादि की उपस्थिति में भवानी देवी को सम्मानित किया गया।
तमिलनाडु की रहने वाली भवानी ने कीट में अपने नामांकन के बाद टोक्यो ओलम्पिक के लिए क्वालीफाई किया। यह किसी गर्व से कम नहीं जैसा भावुक होकर वह स्वयं बताती है,बचपन से ही मैं ओलम्पिक में भाग लेने का सपना देखती रही हूँ और उस सपने को पूरा करने के लिए मुझे बहुत सारे संघर्षों एवं प्रतिकूल परिस्थितियों का सामना करना पड़ा भवानी ने अपने सम्बोधन में यह बात कही।
इस तरह की सफलता को साकार करने में वह अपने माता-पिता और कोच को सारा श्रेय देती है, जिन्होंने बचपन से ही उनका साथ दिया है। वह दावा करती हैं कि ओलम्पिक के लिए क्वालीफाई करने के पीछे दुती चांद उनकी प्रेरणा स्रात रही है। उन्होंने यह भी कहा कि मेरे लिए ही नहीं बल्कि भारत में हजारों नवोदित एथलीटों और खिलाड़ियों के लिए दुती एक रोल माॅडल रही हैं, जिनका उदय इसी संस्थान से एक सर्वश्रेष्ठ धाविका के रुप में हुआ है ।
भवानी को बधाई देते हुए डाॅ. अच्युत सामंत ने कहा शिक्षा के अलावा कीट और कीस ने खेल और खिलाड़ियों को बढ़ावा देने पर जोर दिया है। वास्तव में कीट और कीस को इस बात का गर्व है कि उनके परिसर में अत्याधुनिक खेल इन्फ्रास्ट्रक्चर उपलब्ध है।
5 हजार से अधिक खिलाड़ियों को पहले से ही कीट और कीस से तैयार किया जा चुका है। डाॅ. सामंत ने उम्मीद जताई कि दुती और भवानी निश्चित रुप से आगामी ओलम्पिक में मेडल्स जीतेंगी। अन्य लोगो में भवानी की माँ सीए रमानी, कीट के स्पोर्ट्स डायरेक्टर गगनेन्दु दाश, रजिस्ट्रार ज्ञान रंजन मोहंती और कई वरिष्ठ पदाधिकारी इस अवसर पर उपस्थित थे।