बड़ी कारवाही… धामी सरकार ने बड़ी करवहीँ करते हुए UKSSSC में पूर्व सचिव रहे संतोष बडोनी को किया सस्पेंड,वर्तमान में उत्तराखण्ड शासन में संयुक्त सचिव पद पर हैं

देहरादून

 

UKSSSC में भर्ती प्रकरण में अभी तक STF की बड़ी कार्यवाही से 31लोग जेल पहुंच चुके हैं। हालांकि अभी तक अधीनस्थ चयन आयोग साफ बचता दिख रहा था। परन्तु आयोग के तत्कालीन सचि व के निलंबन की कार्यवाही से सीएम का संदेश कुछ कहता नज़र आता है। अब देखना होगा कि इसमें कितनी बड़ी मछलिया और भी सामने आने वाली है क्योंकि अब ये मामला खाली उत्तराखंड में ही नही इस प्रदेश से बाहर भी फैल चुका है। केंद्र तक इसकी धमक सुनी जा रही है। वही विधान सभा भर्ती मामले में स्पीकर लौट रही हैं देखिये अब वहां क्या होने वाला है। लेकिन जल्द ही कुछ न कुछ नया देखने को मूल सकता है। उत्तराखण्ड में हुई भर्तियों की कालिख किस किस को लग सकती है ये तो वक्त ही बताएगा।

आइए इस खत का मजमून पढ़ते है जिससे UKSSSC के पूर्व सचिव को निलंबित किया गया है जो कि वर्तमान में उत्तराखण्ड शासन में संयुक्त सचिव हैं।

 

उत्तराखण्ड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग, देहरादून द्वारा आयोजित कतिपय परीक्षाओं में विभिन्न प्रकार की गडबडियों एवं अनियमित्ताएं प्रकाश में आई है। इस सम्बन्ध में विभिन्न जाँच एजेन्सियों के माध्यम से जाँच की कार्यवाही प्रचलित है। इन अनियमित्ताओं की अवधि में श्री संतोष बड़ोनी, संयुक्त सचिव, उत्तराखण्ड शासन प्रतिनियुक्ति के आधार पर उत्तराखण्ड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग में सचिव के पद पर कार्यरत रहे। उत्तराखण्ड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग, देहरादून में सचिव के पद पर कार्यरत होने के नाते श्री बडोनी द्वारा अपने पदीय कर्तव्यों एवं दायित्वों के प्रति घोर लापरवाही एवं उदासीनता बरती गई है। श्री बडोनी द्वारा अपने पदीय दायित्वों का पर्यवेक्षण उचित एवं सही प्रकार से न करने के फलस्वरूप श्री संतोष बडोनी, संयुक्त सचिव उत्तराखण्ड शासन (तत्कालीन सचिव उत्तराखण्ड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग, देहरादून) को उत्तराखण्ड राज्य कर्मचारियों की आचरण नियमावली-2002 के नियम-3 के उपनियम (1) एवं (2) तथा उत्तराखण्ड सरकारी सेवक (अनुशासन एवं अपील) संशोधन नियमावली-2010 के नियम-4 के उपनियम (1) में उल्लिखित प्राविधानान्तर्गत तात्कालिक प्रभाव से निलम्बित किया जाता है।

 

 

2 निलम्बन अवधि में श्री संतोष बडोनी, संयुक्त सचिव उत्तराखण्ड शासन (तत्कालीन सचिव उत्तराखण्ड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग, देहरादून) को वित्तीय नियम संग्रह खण्ड-2 (भाग 2 से 4) के मूल नियम 53 के प्राविधानुसार जीवन निर्वाह भत्ते की धनराशि अर्द्धवेतन पर देय अवकाश वेतन की राशि के बराबर देय होगी तथा श्री बडोनी को जीवन निर्वाह भत्ते की धनराशि पर मंहगाई भत्ता, यदि ऐसे अवकाश वेतन देय है, भी अनुमन्य होगा, किन्तु ऐसे कार्मिक को जीवन निर्वाह के साथ कोई मंहगाई भत्ता देय नही होगा, जिन्हें निलम्बन से पूर्व प्राप्त वेतन के साथ महंगाई भत्ता अथवा महगाई भत्ते का उपातिक समायोजन प्राप्त नही था। निलम्बन के दिनांक को प्राप्त वेतन के आधार पर अन्य प्रतिकर भत्ते भी निलम्बन की अवधि में इस शर्त पर देय होंगे कि जब इसका समाधान हो जाय कि उनके द्वारा इस मद में व्यय वास्तव में किया जा रहा है, जिसके लिये उक्त प्रतिकर भत्ते अनुमन्य हैं।

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