देहरादून
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के नेतृत्व में पटवारी भर्ती पेपर लीक मामले में राज्य सरकार द्वारा अभीतक कोई भी ठोस कदम ना उठाये जाने पर मंगलवार को गांधी पार्क में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा के समक्ष सैकड़ों कांगे्रस कार्यकर्ताओ के साथ एक घण्टे का मौन उपवास किया।
मौन उपवास के उपरान्त कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए हरीश रावत ने कहा कि राज्य की भाजपा सरकार पूरी तरह से फेल हो चुकी है। उन्होंने कहा कि सरकार का अधिकारियों पर बिलकुल भी अंकुश नही रह गया है। उन्होंने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सूबे के मुख्यमंत्री लगातार सुशासन देने की बात कर रहे हैं पर इन सात वर्षो में भाजपा की सरकार ने राज्य की जनता को मंहगाई, बेरोजगारी जैसे जख्म देकर निराश और हताश करने का काम किया है। रावत ने कहा कि अब अपनी मेहनत और ईमानदारी से परीक्षा पास करने वाले बेरोजगार युवाओं के लिए भाजपा सरकार ने रास्ते बन्द कर दिये हैं। उन्होंने का कि पहले से ही बेरोजगार नौजवानों को यूकेएससएससी, सहकारिता, विधानसभा भर्ती घोटालों से राहत नही मिल पा रही थी परन्तु राज्य सरकार के नाक के नीचे एक और पटवारी घोटाले ने देवभूमि उत्तराखण्ड को पूरे देश में कलंकित करने का काम किया है। उन्होंने कहा कि पटवारी घोटाले ने राज्य सरकार की जीरो टाॅलरेन्स एवं भ्रष्टाचार मुक्त सरकार देने की वायदे की पोल खोल दी है।
रावत ने कहा कि पटवारी घोटाले में एक अधिकारी का नाम सामने आया है। परन्तु इस घोटले में मात्र एक ही अधिकारी नही बल्कि और लोगों की भी मिलीभगत होगी। उन्होंने कहा कि सरकार को इस घोटले के तह तक जाकर जाॅच करनी चाहिए। जिससे दूध का दूध और पानी का पानी हो सके। उन्होंने कहा कि जाॅच धीमी गति से होने के कारण सरकार स्वयं घिरती नजर आ रही है। श्री रावत ने धामी सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार राज्य के युवाओं के धैर्य का इंतिहान ले रही है। उन्होंने कहा कि मुझे ऐसा लगता है कि कहीं ना कहीं हाकम सिंह का हाकम जरूर कोई और है जिसके तार भाजपा के बडे़ नेताओं से जुडे हुए लगते हैं।
उन्होंने सार्वजनिक मंच पर मुख्यमंत्री द्वारा दिये गये उस बयान की भी आलोचना की जिसमें उन्होंने कहा था कि अब भर्तियों में धांधली के बारे में कोई सोच भी नही सकता है। रावत ने राज्य सरकार को आडे़ हाथों लेते हुए कहा कि उत्तराखण्ड राज्य आज भ्रष्टाचारियों का चराहगाह बन चुका है। उन्होंने कहा कि आंखिर प्रदेश का युवा कब तक सरकार की मीठी बातों में आकर अपने भविष्य के साथ खिलवाड करेगा।
हरीश रावत ने कहा कि अखबारों मेें प्रकाशित खबरों से ज्ञात हुआ है कि परीक्षा घोटाले के अभियुक्तों ने खुलेआम एक रिजोर्ट में परीक्षा से पहले अभ्यर्थियों को प्रश्नों के उत्तर रटवायें।
उन्होंने कहा कि में स्वयं आश्चर्य चकित हूॅ कि लोक सेवा आयोग जैसी संस्था में इस तरह का गोरखधंधा चल रहा है। जो राज्य की सरकार पर सवालिया निशांन लगाता है। उन्होंने कहा कि यह घोटोला बिना बडे अधिकारियों और नेताओं के संरक्षण का संभव नही हो सकता है। उन्होंने कहा कि परीक्षा घोटालों के अभियुक्तों को गिरफतार कर इतिश्री कर देने से देवभूमि पर लगे दाग को धोया नही जा सकता है। उन्होंने कहा कि सरकार को महत्वपूर्ण साक्ष्यों को जुटाकर अभियुक्तों के खिलाफ सख्त कार्यवाही करने की जरूरत है।
रावत ने कहा कि नकल माफियाओं को सरकार और कानून की कोई भी भय और परवाह नही रह गई है। उन्होंने कहा कि लोक सेवा आयोग में गोपनीय विभाग में कार्यरत अधिकारी ने इस तरह का कायरतापूर्ण कार्य किया है। इससे सिद्व होता है कि नकल करने वालों की जड़ें कितनी दूर तक फैली हुई हैं।
उन्होंने कहा कि सरकार लगातार नकल माफियाओं की कमर तोडने की बात करती रही है परन्तु नकल माफियाओं ने सरकार के नाक नीचे इस तरह कायरता पूर्ण कार्य कर सरकार के दावों की पोल खोल दी है। अब शनै-शनै युवाओं का इस झूठे सरकार से मोह भंग होने लगा है। राज्य में जितने भी घोटाले हुए हैं उनका कोई ठोस समाधान सरकार को निकालना चाहिए ताकि लोकतंत्र में राज्य की जनता का विश्वास बना रहे। यदि सरकार चाहे तो उक्त प्रकरण में विपक्ष से भी सुझाव ले सकती है।
इस असवर पर पूर्व अध्यक्ष गणेश गोदियाल, पूर्व विधायक मनोज रावत एवं विधायक अनुपमा रावत ने भी अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि पूरे विश्व में उत्तराखण्ड को देवभूमि के नाम जाना और पहचाना जाता है और हर वर्ष लाखों लोग पर्यटक के रूप में उत्तराखण्ड के चार धामों के दर्शन करने आते हैं पर इस तरह के रोज हो रहे घोटालों से पूरे देश में देवभूमि उत्तराखण्ड का नाम बदनाम हुआ है। जिसकी भरपाई करना काफी कठिन है। उन्होंने कहा कि पहले से ही बेरोजगारी, महंगाई से जनता की कमर टुटी हुई है पर अब इस तरह के घोटोंलों से राज्य सरकार के प्रति लोगों का विश्वास समाप्त हो गया है तथा कांगे्रस युवाओं की ताकत बनकर सड़क से लेकर सदन तक भाजपा सरकार की ईट से ईट बजाने का काम करेगी।
उन्होंने एक स्वर में कहा कि पटवारी भर्ती घोटाले से लोक सेवा अयोग की प्रतिष्ठा एवं विश्वसनीयता में जो प्रश्नचिन्ह लग गया है उसकी भरपाई किया जना कठिन है। वक्ताओं ने एक स्वर में कहा कि इस पूरे प्रकरण की सीबीआई या हाईकोर्ट के सिंटिंग जज की अध्यक्षता वाली कमेटी से जाॅच कराई जाय जिससे स्वच्छ लोकतांत्ररिक परंपरा कायम रहे।
धरने में मुख्य रूप से पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल,पूर्व विधायक मनोज रावत, विधायक अनुपमा रावत,मथुरादास जोशी, विजय सारस्वत, धीरेंद्र प्रताप, गरिमा दसौनी, डॉ. जसविंदर सिंह गोगी, याकूब सिद्धकी, रजनीश जुयाल, अशोक वर्मा, मनीष नागपाल, टीटू त्यागी,महेंद्र नेगी, प्रदीप जोशी, शीशपाल सिंह बिष्ट, शिवा वर्मा, उर्मिला थापा, लक्ष्मी अग्रवाल, शांति रावत, सोनिया आनंद , शिवानी मिश्रा,सुनीता प्रकाश,सुशील राठी, कमल रावत, प्रिया थापा, नजमा खान, आशा मनोरमा डोबरियाल, पुष्पा पवार चंद्रकला नेगी, श्याम सिंह चैहान, अमित रावत, रितेश छेत्री, यामीन अंसारी, मोहन काला, अनूप पासी,आदर्श सूद, मदनलाल धनीलाल शाह, सुमित देवरानी, अरविंद गुरु, मेघ सिंह, अनुराधा तिवारी, सुशील, साधु राम, रेनू रोहिल्ला, आनंद मेहरा, वीरेंद्र पवार,शकील अहमद और बेरोजगार युवा (अभ्यर्थी) शामिल रहे।