विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोरोना को महामारी घोषणा के बाद भारत में भी इसको महामारी मान लिया गया है।उत्तराखण्ड भी इससे अछूता नही रहा ओर शनिवार को बैठक के बाद सरकार ने भी इसको महामारी घोषित कर दिया।
खबरों के अनुसार अकेले भारत में 13 राज्य में अभी तक इंफेक्शन के मामले सामने आ चुके हैं।
भारत में अभी तक 15 राज्यों के स्कूल और कॉलेज बंद किए जा चुके हैं अगर आंकड़ों की बात करें तो लगभग 96 लोग इस इस वायरस की चपेट में आ चुके हैं और दो मौतें हो चुकी हैं ।अगर बात करें तो भारत में अभी सेकंड स्टेज पर करोड़ों वायरस का लेवल बताया जा रहा है इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के अनुसार जाने पर यह गंभीर महामारी का रूप ले सकती है और खतरा बढ़ सकता है इसकी एक पर वायरस इनफेक्टेड ट्रांसलेट होता है वही दो पर स्थानीय लोगों में यह फैसला शुरू हो जाता है और नए के सामने आने लगते हैं स्टेज 3 पर बड़े पैमाने पर अलग-अलग समुदायों के बीच यह फैलना शुरू हो जाता है और अगर अंतिम चार की बीमारी यह बीमारी महामारी का रूप लेती है और यह कोई नहीं बता पाता कि कब कैसे खत्म होगी।
अब बात करते हैं उत्तराखंड की यहां पर भी करना वायरस को महामारी के रूप में घोषित किया जा चुका है सरकार ने राज्य में कोणों वायरस को महामारी घोषित करने के बाद मेडिकल कॉलेज को कॉलेजों को छोड़कर सभी स्कूल कॉलेज और सिनेमाघरों को 31 मार्च तक के लिए फिलहाल बंद कर दिया है सरकारी समारोह, प्रशिक्षण शिविर, वर्कशॉप, सेमिनार आदि के लिए सरकार से परमिशन लेना अनिवार्य कर दिया गया है। कोविड 19 को कोरोना वायरस विनियम 2020 नियमावली बनाकर नोटिफिकेशन भी जारी कर दिए गए हैं। इसके तहत सरकार कभी भी किसी भी व्यक्ति को उसकी जांच के लिए हॉस्पिटल में रख सकती है नोटिफिकेशन के अनुसार अधिकार है वह कभी भी कुछ भी आपको बता दें कि फिलहाल सरकार ने कक्षा 8 तक के पूर्व के मूल्यांकन के आधार पर पास करने के लिए नोटिफिकेशन जारी किया है वहीं निजी स्कूलों में कक्षा 9 और 11 के एग्जाम कराए जा सकते हैं बोर्ड एग्जाम के अलावा को छुट्टी देने का आदेश दिया गया है, आठवीं वलास के स्टूडेंट्स को पूर्व के मूल्यांकन के आधार पर पास किया जाएगा और इन नियमों को ना मानने वाले उल्लंघन करने वाले को 1 महीने से लेकर 6 महीने तक की सजा का प्रावधान किया गया है जबकि सरकार ने इमरजेंसी कंडीशन में खरीद ओर हॉस्पिटल बनाए जाने के लिए 50 करोड़ का प्रावधान किया हैै।