Breaking…एम्स ऋषिकेश में वायरोलॉजी लेब शुरू,वायरस कोविड 19 की जांच यही हो सकेगी…निदेशक पद्मश्री रविकान्त – Latest News Today, Breaking News, Uttarakhand News in Hindi

Breaking…एम्स ऋषिकेश में वायरोलॉजी लेब शुरू,वायरस कोविड 19 की जांच यही हो सकेगी…निदेशक पद्मश्री रविकान्त

देहरादुन/ऋषिकेश


Opअखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में सोमवार से कोरोना वायरस कोविड 19 की जांच के लिए वायरोलॉजी लैब ने विधिवत कार्य करना शुरू कर दिया है। अब संस्थान में आने वाले मरीजों की कोरोना जांच के लिए नमूने अन्यत्र प्रयोगशालाओं में नहीं भेजने पड़ेंगे। संस्थान में मरीजों के कोविड 19 संक्रमण की जांच निशुल्क होगी, मगर संस्थान के चिकित्सकों के परामर्श पर ही मरीजों को इस जांच की सुविधा मिल सकेगी। उधर एम्स के ट्रॉमा सेंटर में 100 बेड के कोविड 19 आइसोलेशन वार्ड भी शुरू कर दिया गया है।
एम्स निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत ने बताया कि संस्थान के माइक्रो बायोलॉजी विभाग की देखरेख में कोरोनो वायरस कोविड 19 के नमूनों की जांच के लिए वायरोलॉजी लैब में परीक्षण का कार्य विधिवत शुरू हो गया है। जिसमें कोरोनो के अलावा अन्य तरह के वायरस की टेस्टिंग भी की जा रही है। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) के सहमति के बाद एम्स संस्थान में वायरोलॉजी लैब में मरीजों के नमूनों का परीक्षण विधिवत शुरू कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में कोरोना वायरस के बढ़ते दुष्प्रभाव के चलते संस्थान में मरीजों के सैंपल की टेस्टिंग के लिए वायरोलॉजी लैब की नितांत आवश्यकता थी, लिहाजा इसके लिए आवश्यक संसाधन जुटाने के बाद आईसीएमआर, भारत सरकार से इसकी एप्रूवल ली गई। एम्स निदेशक प्रो. रवि कांत ने बताया कि संस्थान में वायरोलॉजी लैब प्रारंभ कराने के लिए एम्स को इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च की ओर से प्रथम चरण में 150 और द्वितीय चरण में 300 पीसीआर किट (पॉलीमारेज चैन रिएक्शन) उपलब्ध कराई गई हैं। उन्होंने बताया कि नवसृजित प्रयोगशाला में क्वालिटी टेस्टिंग का रिजल्ट बीते 26 मार्च को आईसीएमआर को भेजा गया,जिस पर 27 को आईसीएमआर द्वारा सहमति दे दी गई थी। उन्होंने बताया कि अब एम्स अस्पताल में आने वाले कोविड 19 से ग्रसित मरीजों की सैंपल की जांच अन्यत्र नहीं भेजनी पड़ेगी और रिपोर्ट के लिए लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा। संस्थान में कोविड 19 प्रयोगशाला के प्रभारी डा. दीपज्योति कलिता ने बताया कि दुनियाभर में कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप के मद्देनजर एम्स में वायरोलॉजी लैब की स्थापना को लेकर निदेशक पद्मश्री प्रो. रवि कांत प्रयासरत थे, लिहाजा निदेशक एम्स के प्रयासों से आईसीएमआर द्वारा संस्थान में वायरोलॉजी लैब की स्थापना व टेस्टिंग की मंजूरी मिल सकी,जिसका लाभ यहां आने वाले कोरोना आशंकित व संक्रमित मरीजों की सैंपल जांच में मिल सकेगा। उन्होंने बताया कि अब तक संस्थान में कोविड 19 की जांच के सैंपल वायरोलॉजी लैब हल्द्वानी व पूणे भेजने पड़ते थे, लिहाजा रिपोर्ट आने में चार से 10 दिन का समय लगता था। उन्होंने बताया कि वर्तमान में संस्थान में एक दिन में 25 टेस्ट किए जा सकते हैं। जबकि दो सप्ताह बाद प्रतिदिन 50 टेस्ट की सुविधा मिल सकेगी। इसके लिए संस्थान की ओर से 10 पीजी चिकित्सकों, जूनियर रेजिडेंट्स व पीएचडी विद्यार्थियों को टेस्टिंग का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि आईसीएमआर के प्रोटोकॉल के तहत संस्थान में मरीज की नेगेटिव टेस्ट रिपोर्ट में दो दिन व पॉजीटिव टेस्ट रिपोर्ट में तीन दिन का समय लगेगा। उधर निदेशक के स्टाफ ऑफिसर डा. मधुर उनियाल ने बताया कि एम्स संस्थान के ट्रॉमा सेंटर में कोविड-19 से आशंकित व ग्रसित मरीजों के लिए 100 बेड का आइसोलेशन वार्ड शुरू कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि पेसेंट की संख्या के मद्देनजर जल्द ही वार्ड में बेडों की संख्या में और अधिक इजाफा किया जाएगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published.