थारू एवं बोक्सा अनुसूचित जनजाति की समस्याओं एवं उनके पारम्परिक ज्ञान का वैज्ञानिक आंकलन कर विज्ञान एवं तकनीकी के सहयोग से उनका जीवन और भी बेहतर हुआ है… डॉ बृज मोहन शर्मा – Latest News Today, Breaking News, Uttarakhand News in Hindi

थारू एवं बोक्सा अनुसूचित जनजाति की समस्याओं एवं उनके पारम्परिक ज्ञान का वैज्ञानिक आंकलन कर विज्ञान एवं तकनीकी के सहयोग से उनका जीवन और भी बेहतर हुआ है… डॉ बृज मोहन शर्मा

देहरादून/खटीमा

उत्तराखण्ड राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद (यू-कोस्ट) एवं स्पेक्स देहरादून के संयुक्त तत्वाधान में रविवार को जनपद उधमसिंह नगर के खंड विकास अधिकारी कार्यालय खटीमा के सभागार में ‘थारू एवं बोक्सा अनुसूचित जनजाति की समस्याओं एवं उनके पारम्परिक ज्ञान के वैज्ञानिक आंकलन कर विज्ञान एवं तकनीकी के सहयोग हेतु कार्यशाला’ का आयोजन ‘सहयोग फ़ाउंडेशन’ के समन्वयन में सम्पन्न हुई।

कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलित कर अतिथि दान सिंह राणा, रमेश सिंह राणा, मदन सिंह राणा, पूनम राणा एडवोकेट,संगीता राणा, व स्पेक्स के डॉ बृज मोहन शर्मा, अजय कुमार, हरिराज सिंह, नीरज उनियाल द्वारा किया गया। तद पश्चात थारु समाज की महिलाओं द्वारा स्वागत व होली गीत गाया गया।

उदघाटन सत्र में आमत्रित अतिथि दान सिंह राणा (प्रेसिडेंट थारु विकास परिषद), महेंद्र सिंह राणा (पूर्व उप आयुक्त राइलाय रेलवे), रमेश सिंह राणा (पूर्व जिला पंचायत सदस्य) व देवराज सिंह राणा (ग्राम प्रधान बाजपुर) ने थारु व बुक्सा समुदाय की मूलभूत समस्याओं की पहचान पर बात रखते हुए स्पेक्स के वैज्ञानिक समूह को बताया कि जनजाति क्षेत्र के लिए भूमि, वन संबंधी हक , रोजगार व विकासीय प्रक्रिया में प्रतिनिधित्व व ढांचागत विकास सबसे महत्वपूर्ण विषय हैं जिस पर चिंतन एवं मंथन की आवश्यकता है।

अतिथि पूर्व जिला पंचायत सदस्य रमेश राणा ने थारू समाज की समस्याओं पर चर्चा की जिसमें नौकरी में आरक्षण, अपने हक के लिए जंगल के कानून में बदलाव व भूमि कानून में बदलाओं की मांग की गई। एडवोकेट पूनम राणा द्वारा सामाजिक,आर्थिक, खेत खलिहान व वनाधिकारों के विषय में बात रखी और धर्मांतरण व राजनीतिक मुद्दे पर चर्चा की।

डॉ बृज मोहन शर्मा द्वारा कार्यशाला के मुख्य उद्देश्य थारू एवं बोक्सा अनुसूचित जनजाति की समस्याओं एवं उनके पारम्परिक ज्ञान के वैज्ञानिक आंकलन कर विज्ञान एवं तकनीकी के सहयोग से उनके जीवन की गुणवत्ता को बेहतर करने पर विस्तृत जानकारी दी।

तकनीकि सत्र में डॉ अजय कुमार द्वारा 5 समूहों में चर्चा कराई जो इस प्रकार रहे… जल-जंगल-जमीन का कृषि व भूमि उपयोग से जुड़ी समस्या, शिक्षा व प्रशिक्षण,सरकारी योजनाओं का लाभ,महिला, बाल स्वास्थ्य व पोषण, एवम बुक्सा

समाज की चुनौतियाँ।

इस चर्चा में पूनम राणा, कृष्णा नेगी, संगीता राणा, किरण, चंचल सिंह, किरण राणा, कमलजीत सिंह, राजकुमारी, रेशमा, नीतू, राखी राणा, राजीव गांधी नवोदय विद्यालय खटीमा की छात्रा हिमांशी राणा व अदिति राणा सहित 60 प्रतिभागियों ने विंदुवार समस्याओं का आंकलन किया। इस चर्चा को डॉ हरि राज सिंह व नीरज उनियाल द्वारा विस्तृत रूप से संकलित रिपोर्ट तैयार कर भारत सरकार की विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद को प्रेषित किया जाएगा जिसे समग्र विचार कर क्रियांवयन किया जा सकेगा।

थारू एवं बोक्सा अनुसूचित जनजाति की समस्याओं एवं उनके पारम्परिक ज्ञान के वैज्ञानिक आंकलन कर विज्ञान एवं तकनीकी के सहयोग से उनके जीवन की गुणवत्ता को बेहतर करने संबंधी इस कार्यशाला का संचालन विज्ञान संचारक निर्मल न्योलिया द्वारा किया गया।

समापन सत्र का संचालन स्थानीय संयोजक अंजू भट्ट (अकादमिक निदेशक, हिन्द पब्लिक स्कूल) द्वारा किया और उपस्थित सभी जनों सहित यूकोस्ट स्पेक्स का धन्यवाद ज्ञापित किया।

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