चारधाम होटल एसोशिएशन ने सरकार के ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन और यात्री संख्या निर्धारण पर उठाए सवाल,कहा सरकार के इस निर्णय का होगा चारधामों में विरोध

देहरादून
उत्तराखंड में चारधाम यात्रा के लिए पंजीकरण अनिवार्य करने और संख्या बल तय करने का विरोध शुरू हो चुका है।
बुधवार को चारधाम होटल एसोशिएशन द्वारा यहां संयुक्त प्रेसवार्ता कर सरकार को दोनों निर्णय वापस लेने की मांग रखी गई। ऐसा न करने पर होटल एसोसिएशन ने उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है।
राजधानी देहरादून स्थित प्रेस क्लब में चारधाम होटल एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने प्रेसवार्ता में चारधाम यात्रा को लेकर सरकार द्वारा की जा रही तैयारियों पर सवाल खड़े करने के साथ ही सुझाव भी दिये।
बताते चलें कि उत्तराखंड सरकार द्वारा चारधाम यात्रा के लिए ऑनलाईन पंजीकरण की अनिवार्यता एवं चारधाम में संख्या बल की बाध्यता रखी गई है।
उत्तरांचल प्रेस क्लब में आयोजित प्रेसवार्ता को सोबन सिंह राणा, अध्यक्ष-यमुनोत्री, शैलेन्द्र सिंह मटूड़ा अध्यक्ष-गंगाघाटी, प्रेम गोस्वामी, अध्यक्ष-केदारनाथ राजेश मेहता अध्यक्ष-बद्रीनाथ ने संबोधित किया। इस दौरान चारधाम होटल एसोसिएशन के अन्य पदाधिकारी भी मौजूद रहे।
चारधाम होटल एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने कहा चारधामों में आने वाले श्रद्धालुओं की सीमित संख्या बल की बाध्यता समाप्त हो। पूर्व की तरह ही यथावत यात्रा का संचालन किया जाये। अगर पंजीकरण करवाना ही है तो चारोधामों के प्रथम पड़ाव में पंजीकरण की व्यवस्था की जाए ताकि श्रद्धालुओं को यात्रा के दौरान किसी प्रकार की समस्या का सामना न करना पड़े। भारतवर्ष के किसी भी राज्य में धार्मिक स्थलों व पर्यटक स्थलों पर ऑनलाईन पंजीकरण व सीमित संख्या नहीं है। लाखों लोग एक दिन में दर्शन कर सकते हैं तो चारधाम पर क्यों नहीं। पूर्व में जो बायोमैट्रिक सिस्टम को लागू कर यात्रा मार्गों के मुख्य पड़ाव / बैरियर पर ऑफलाईन व्यवस्था हो।
चारधाम होटल एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने कहा हरिद्वार, ऋषिकेश में एक बार वाहनों के ट्रिप कार्ड व ग्रीन कार्ड बन जाने के उपरान्त बैरियरों पर पुलिस प्रशासन द्वारा यात्रियों को अनावश्यक न रोका जाए।
संगठन की उपरोक्त मांगों पर सरकार द्वारा गम्भीरता से विचार-विमर्श न किया गया तो सरकार को चारो धामों में सभी संगठनों के विरोधस्वरूप एक विशाल जनआन्दोलन का सामना करने के लिए तैयार रहना चाहिए।

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