देहरादून
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने मुख्यमंत्री आवास में उत्तराखण्ड अटल आयुष्मान योजना के तहत जनता को बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने वाले चिकित्सा संस्थानों एवं चिकित्सालयों को उत्कृष्ट सेवा सम्मान से सम्मानित किया। मुख्यमंत्री ने सम्मानित होने वाले चिकित्सा संस्थानों का राज्य की जनता को स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के लिये उनके योगदान की सराहना की तथा आशा व्यक्त की कि वे भविष्य में भी अपनी सेवाओं का लाभ राज्य की जनता को उपलब्ध कराने में मददगार होंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की जनता को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के लिये राज्य में स्वास्थ्य के क्षेत्र में इंश्योरेंस के बजाय ट्रस्ट के माध्यम से यह योजना लागू की गई है जिससे जनता को बेहतर स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध हो रही है। राज्य में इस योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के लिये उन्होंने राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण के अध्यक्ष डी.के कोटिया के प्रयासों की भी सराहना की।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि अटल आयुष्मान उत्तराखण्ड योजना के तहत उत्तराखण्ड अकेला राज्य है जहाँ राज्य के 23 लाख परिवारों को इसके तहत स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध करायी जा रही है। आज हिमाचल सहित कई अन्य राज्य उत्तराखण्ड की भांति इस योजना को अपने राज्य में लागू करने की सोच रहे हैं। मुख्यमंत्री ने इस पर भी प्रसन्नता व्यक्त की कि इस योजना के अधीन एक हफ्ते में आवेदकों को देयों का भुगतान किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत धनराशि की व्यवस्था की गई है। योजना का लाभ ले चुके अनेक लोगों ने इस योजना को राज्य सरकार की मानव सेवा की महत्वपूर्ण पहल बताया है। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि इस योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के लिये आम जनता तक इसकी जानकारी होना जरूरी है। इसके लिये व्यापक जन जागरूकता की उन्होंने जरूरत बतायी। उन्होंने अस्पतालों को इस सम्बन्ध में अपने सुझाव भी देने को कहा।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने अटल आयुष्मान योजना के तहत स्वामी राम हिमालयन यूनिवर्सिटी जौलीग्रान्ट को स्वर्ण प्रमाण पत्र, कृष्ण मेडिकल सेन्टर देहरादून व चामुण्डा हॉस्पिटल एंड लेप्रोस्कोपिक सेन्टर काशीपुर को रजत प्रमाण पत्र तथा हंस फाउंडेशन जनरल हॉस्पिटल सतपुली को कांस्य प्रमाण पत्र से सम्मानित किया। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने ऑल इंडिया मेडिकल सांइस ऋषिकेश के साथ ही राज्य के 13 विभिन्न जिला एवं सामुदायिक केन्द्रों एवं मंहत इंद्रेश हॉस्पिटल सहित 5 अन्य निजी चिकित्सालयों को भी प्रशस्ति पत्र प्रदान किये।
इस अवसर पर राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण के अध्यक्ष डी के कोटिया ने कहा कि राज्य में अटल आयुष्मान योजना के तहत जिन हॉस्पिटल ने उल्लेखनीय कार्य किया है उन्हों सम्मान देने का यह प्रयास है ताकि राज्य की जनता को इनके स्तर पर और बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध हो सके। उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत पूर्व में राज्य के 5.37 लाख परिवार ही शामिल थे जबकि उत्तराखण्ड अटल आयुष्मान योजना के अन्तर्गत 11 लाख परिवारों को भी शामिल किया गया है। 01 जनवरी 2021 से राज्य के 2.50 लाख कार्मिकों एवं पेशंनर्स को भी इस योजना में शामिल किया गया है। इस योजना में अब तक 41.70 लाख कार्ड बनाये जा चुके हैं। 2.36 लाख लोगों को इसका लाभ दिया जा चुका है जिस पर 270 करोड़ रूपये व्यय हो चुका है। उन्होंने कहा कि राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण के अन्तर्गत भुगतान सम्बन्धी दावों का त्वरित निस्तारण किया जा रहा है।
एम्स ऋषिकेश के निदेशक पद्मश्री रविकांत ने इस योजना को राज्य सरकार की सराहनीय पहल बताते हुए इसमें प्रिसर्जरी, डायलिसिस आदि को भी शामिल करने की अपेक्षा की। उन्होंने इस योजना को स्वास्थ्य के क्षेत्र में क्रान्तिकारी कदम बताया है, जबकि स्वामी राम हिमालयन यूनिवर्सिटी के प्रो. विजय धस्माना ने कहा कि राज्य के दूर-दराज के क्षेत्रों के लोगों को स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने में यह योजना वरदान सिद्ध हुई है।