कांग्रेस आलाकमान ने हरीश रावत को आगामी 2022 चुनाव की कमान,प्रीतम सिंह को नेता प्रतिपक्ष,गणेश गोदियाल को पीसीसी अध्यक्ष बना प्रदेश कार्यकारिणी लिस्ट जारी की

देहरादून/दिल्ली

 

2022 विधानसभा चुनाव की कमान और संगठन में फेरबदल को लेकर आलाकमान से लेकर प्रदेश कांग्रेस तक चल रही मैराथन बैठकों का परिणाम आखिरकर दस जनपथ से बाहर पहुंच ही गया।

हाकांकि इस फेरबदल के बाद कुछ लोगों को मायूसी जरूर हुई होगी लेकिन कुछ के हाथ इस कमान को मिलने के उपरांत कांग्रेस को सत्ता में लाने की बड़ी चुनौती भी मिली है।

 

हरीश रावत को 2022 के आगामी चुनाव की कमान दी गयी है ।

1973 में छोटी उम्र में ब्लॉक प्रमुख बनने से लेकर केंद्रीय मंत्री और उत्तराखंड केे मुख़्यमंत्री बनने तक हरीश रावत ने तमाम उतार चढ़ाव देखे। 1980 और् 1989 में अल्मोड़ा लोकसभा सीट से चुनाव जीतकर संसद पहुंचे हरीश रावत 1992 में कांग्रेस सेवा दल के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बने। 2001 से 2007 तक उत्तराखंड कांग्रेस के अध्यक्ष और इसी बीच 2002 में उत्तराखंड से राज्यसभा के लिए चुने गए। 2009 में हरिद्वार लोकसभा सीट से जीतकर लोकसभा पहुंचे और मनमोहन सिंह की सरकार में राज्य मंत्री बने। 2012 में रावत को केंद्रीय जल संसाधन जैसा बड़ा मंत्रालय की जिम्मेदारी दे दी गई। 2014 में रावत को उत्तराखंड का मुख़्यमंत्री बने। 2016 में केंद्र सरकार द्वारा बर्खास्त उत्तराखंड सरकार को बहाल करने में हरीश रावत की बड़ी भूमिका रही। सरकार की बहाली के बाद कांग्रेस ने 2017 के विधानसभा चुनाव हरीश रावत के नेतृत्व में ही लड़ा।

 

 

प्रीतम सिंह को नेता प्रतिपक्ष की महत्त्वपूर्ण जिम्मेदारी मिली।

देहरादून की चकराता विधानसभा सीट से पांच बार विधायक चुने गए हैं। वर्ष 2002 में तिवारी व 2012 से 2017 तक विजय बहुगुणा और हरीश रावत सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे। 2017 में प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष बने।

 

गणेश गोदियाल को उत्तराखंड कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है।

वर्ष 2002 में पहली बार जनपद पौड़ी की थलीसैण विधानसभा सदस्य चुने गये। 2002 के अलावा 2007 में भी थलीसैण से ही चुनाव लड़ा। 2011 में विधानसभा सीटों के परिसीमन होने से थलीसैण सीट का नाम श्रीनगर हो गया। 2012 व 2017 के चुनाव श्रीनगर से लड़े। इस वीच जनपद पौड़ी के कांग्रेस के जिलाध्यक्ष भी रहे है। 2014 में हरीश रावत के मुख़्यमंत्री काल में श्री बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष भी रहे। यह पद कैबिनेट मंत्री के स्तर का है। 2012 से 2017 तक विधायक रहते हुए गोदियाल ने राठ क्षेत्र को ओबीसी की श्रेणी में शामिल कराया। इसे राठ के विकास में महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इसके अलावा पहली बार राठ क्षेत्र में पैठाणी में महाविद्यालय खोलने का श्रेय भी गणेश गोदियाल को ही जाता है।

कार्यकारणी अध्यक्ष के रूप में जीत राम , भुवन कापड़ी,तिलक राज बेहड़ और रंजीत रावत को जिम्मेदारी दी गयी है । साथ ही चुनाव प्रचारक में हरीश रावत, अध्यक्ष, प्रदीप टम्टा- उपाध्यक्ष एवम दिनेश अग्रवाल संयोजक की भूमिका में रहेंगे ।

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