देहरादून/नैनीताल
जयेंद्र रमोला, अभिनव थापर व गरिमा दसौनी- पर पुलिस मुकदमें में हाईकोर्ट से बड़ी राहत
गुरुवार को हाई कोर्ट नैनीताल ने कांग्रेसी नेता जयेंद्र रमोला, अभिनव थापर व गरिमा दसोनी के मुकदमे को ख़ारिज करने की याचिका पर सुनवाई करते हुए गंभीर आदेश दिए हैं।
विगत दिनों प्रदेश के वित्त मंत्री प्रेम चंद्र अग्रवाल के पुत्र पियूष अग्रवाल ने अभिनव थापर, जयेंद्र रमोला व गरिमा दसोनी पर कोतवाली, देहरादून में मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया था कि इन लोगों ने पियूष व इनके पिता प्रेमचंद का सार्वजनिक अपमान किया। शिकायत में खा गया था कि पियूष व इनके पिता वित्त मंत्री की मानहानि कर कांग्रेस नेताओ ने कांग्रेस मुख्यालय, देहरादून में 28.12.2022 को प्रेस करके फर्जी तथ्यों के साथ पियूष अग्रवाल पर राजस्व चोरी व सरकारी धन के लूट के आरोप लगाए।
इस राजनैतिक FIR के विरुद्ध अभिनव थापर, जयेंद्र रमोला और गरिमा दासोनी तीनों कांग्रेसी नेताओ ने हाई कोर्ट नैनीताल में याचिका दायर की थी जिस पर गुरुवार को कोर्ट में सुनवाई हुई। हाईकोर्ट में दायर याचिका में मुख्य बिंदु थे कि जयेंद्र रमोला ने प्रेमचंद अग्रवाल के खिलाफ 2022 में विधानसभा लड़ा व उनके चुनाव को खारिज हेतु हाई कोर्ट में इलेक्शन पिटीशन भी दाखिल कर रखी है तथा अभिनव थापर ने विधानसभा भर्ती घोटाले को हाईकोर्ट के पटल पर खोला है जिसके पूर्व स्पीकर प्रेमचंद अग्रवाल मुख्य आरोपियों में से एक है इसलिए उनके बेटे ने इन पर राजनीतिक रंजिश के तहत यह मुकदमा पुलिस से करवाया था। उन्होंने यह भी बताया कि जो प्रेस वार्ता की गई वह सरकारी certified दस्तावेजों के आधार पर की गई और कोई अनर्गल आरोप नहीं लगाये।
सुनवाई के दौरान जस्टिस संजय मिश्रा ने आदेश दिये व इन तीनों के खिलाफ पूरी पुलिस जांच को स्टे (स्थगन) कर दिया।
हाई कोर्ट ने यह भी आदेश दिया की 4 हफ्ते के अंदर पुलिस और पियूष अग्रवाल ये बताए की यह FIR इन कांग्रेसी नेताओ पर किन तथ्यों के आधार पर दर्ज की थी
इस हाई-प्रोफाइल मामले में इन तीनों के लिए हाईकोर्ट से यह बड़ी राहत भरी खबर है।
मुख्य अपीलकर्ता अभिनव थापर के अधिवक्ता अभिजय नेगी ने बताया कि जस्टिस संजय मिश्रा की बेंच ने यह आदेश दिए है की पुलिस जांच फिलहाल स्थगित की जाए और चार हफ्ते में सरकार को जवाब देने के लिए नोटिस जारी किया है।