
कांग्रेस ने अपनी सरकारों के रहते राजधानी पर कोई निर्णय नहीं लिया और अब जब मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने गैरसैण को ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित कर दिया है तो यह अवसर कांग्रेस के हाथ से निकल गया है कांग्रेस चूक गई है।
पूर्व महापौर और धर्मपुर विधायक विनोद चमोली ने स्थानीय होटल में प्रेस वार्ता करते हुए कहा कि कुछ विषय दलों से ऊपर उठकर राज्यहित होते हैं जब कांग्रेस ने हमारे द्वारा दिए गए नाम उत्तरांचल को बदलकर उत्तराखंड कर दिया था तो हम भी विरोध कर सकते थे पर हमने राज्य हित में ऐसा नहीं किया अब जब मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित कर दिया है तो कांग्रेस को इसका स्वागत करना चाहिए था कांग्रेस ने कहा कि 2022 में यदि हम आएंगे तो स्थाई राजधानी करेंगे मतलब नहीं आए तो नहीं करेंगे यह सीधे-सीधे वोट बैंक की राजनीति है जबकि गैरसैण कि जो आज स्थिति है उसके अव
स्थापना कार्यों में कांग्रेस की भी भागीदारी रही है उसने वहां सत्र भी आयोजित किए हैं परंतु उसने यह नहीं कहा कि हम स्थाई राजधानी का समर्थन करते हैं।
विधायक चमोली ने कहा कि हम राज्य आंदोलन को पार्टियों में बांटकर नहीं देख सकते आंदोलन राजधानी आदि पूरे राज्य का विषय है और आने वाले 6 माह के भीतर राजधानी का रोड मैप जारी कर देंगे एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा की सरकार ने मिनी सचिवालय भवन निर्माण के लिए 53 करोड़ की घोषणा कर दी है कदम दर कदम हम अवस्थापना कार्यों के लिए बजट जारी करते जाएंगे।
देहरादून के संबंध में बोलते हुए विधायक ने कहा कि देहरादून में लगातार जन दबाव बढ़ता जा रहा है सीमित क्षेत्र है यह जनदबाव कम होना ही चाहिए।
कर्मचारी आंदोलन से जुड़े एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि कर्मचारियों की समस्याओं का निस्तारण शीघ्र ही होने जा रहा है पर इसे ग्रीष्मकालीन राजधानी की घोषणा से इतर देखा जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि आंदोलनकारियों ने उन्हें अपना सुझाव पत्र दिया है जिस पर वे सरकार से बात कर 12 मार्च के बाद एक बैठक आयोजित कराने का प्रयास करेंगे ताकि इन सुझावों पर कार्य किया जा सके।
पत्रकार वार्ता में महानगर अध्यक्ष सीताराम भट्ट महामंत्री रतन सिंह चौहान महानगर मीडिया प्रभारी राजीव उनियाल सहित भाजपा पार्षद एवं मंडल अध्यक्ष भी मौजूद रहे।