स्मार्ट मीटर व बिजली बोर्ड के निजीकरण के खिलाफ माकपा ने ऊर्जा निगम पर दिया धरना, निदेशक परिचालन के माध्यम से सीएम को भेजा ज्ञापन – Latest News Today, Breaking News, Uttarakhand News in Hindi

स्मार्ट मीटर व बिजली बोर्ड के निजीकरण के खिलाफ माकपा ने ऊर्जा निगम पर दिया धरना, निदेशक परिचालन के माध्यम से सीएम को भेजा ज्ञापन

देहरादून

मार्क्सवादी कम्युनिष्ट पार्टी ने स्मार्ट मीटर एवं बिजली बोर्ड के नीजिकरण के खिलाफ राज्यव्यापी विरोध दिवस के अवसर पर आज राजधानी स्थित ऊर्जा भवन मुख्यालय पर विशाल धरना दिया तथा डबल इंजन सरकार की कोरपोरट परस्त तथा बिजली को अडाणी ,अम्बानी को सौपनें की कड़े शब्दों में निन्दा की ।

पार्टी नेताओं ने एक स्वर में ऐलान किया पार्टी सरकार के बिजली बोर्ड के नीजिकरण के खिलाफ व्यापक आन्दोलन चलाया जायेगा तथा वक्ताओं ने कहा है कि डबल इन्जन सरकार एक के बाद एक सरकारी सम्पतियों को बेचने का फैसला ले रही है जिसे कतई बर्दाश्त नहीं किया जायेगा।

प्रदर्शनकारियों के बीच पहुंचकर निदेशक (परिचालन) उत्तराखण्ड मदनलाल आर्य ने ज्ञापन लेते हुऐ आश्वासन दिया कि वे प्रदर्शनकारियों कि भावनाओं से सरकार को अवगत करायेंगे।

कार्यक्रम का संचालन जिला सचिव शिवप्रसाद देवली ने किया तथा समापन कामरेड एसएस नेगी ने किया। इस अवसर पार्टी के केन्द्रीय कमेटी सदस्य राजेन्द्र नेगी, राजेन्द्र पुरोहित, अनन्त आकाश, लेखराज ,

सुरेन्द्र सिंह सजवाण , कमरूद्दीन ,माला गुरूंग, पुरूषोत्तम बडोनी, भगवन्त पयाल,नुरैशा अन्सारी , नितिन मलेठा , दमयंती नेगी, अभिषेक भण्डारी आदि ने विचार व्यक्त किये ।

प्रदर्शन में विजय भट्ट, सुधादेवली ,कुसुम नौडियाल, एस एस रावत,अमरबहादुर शाहि,यू एन बलूनी, विनोद खंडूरी, सत्यपाल,किरण यादव ,हरिश कुमार,विप्लव अनन्त, रविन्द्र नौडियाल, अर्जुन रावत,मनमोहन सिंह,रामसिंह भण्डारी, इन्देश नौटियाल, उदयराम मंमगाई,सुरैशि,महेन्द्र कुमार, ताजवरसिंह,राजेन्द्र शर्मा, ब्रह्मानन्द, सीमा अन्सारी,चन्द्र किरण,नरेन्द्र सिंह ,कुसुम नौडियाल,अनिता रावत,दिपादेवि,अन्जलि सेमवाल बहुखण्डि,कुन्दन ,इस्लाम, गुमानसिंह,अमरजीत सिंह,प्रदीप कुमार, राजेश कुमार, कलावती ,सावित्री, उमा ,सतेश्वरि शाहराबानो,सुनिता, विमला, दुर्गा ,हेमलता, राधा,सरिता राणा ,सरिता, कमलेश,संगीता,,उषा तिवारी, शिशुपाल सिंह,भगतसिंह आदि सैकड़ों की संख्या में धरने में पार्टी कार्यकर्ता शामिल थे ।

ज्ञापन निम्नलिखित है :-

_बिषय :- बिजली बोर्ड के नीजिकरण एवं स्मार्ट मीटर से गरीब ,किसानों ,मजदूरों एवं मध्यवर्गीय परिवारों को होने वाले नुकसान के सन्दर्भ में ज्ञापन प्रेषण ।

राज्यव्यापी विद्युत मुख्यालयों पर प्रदर्शन /धरनों के माध्यम से आपसे उपरोक्त बिषय के सन्दर्भ में उत्तराखण्ड की सरकार द्वारा बिजली बोर्ड के नीजिकरण तथा स्मार्ट मीटर लगाने का पुरजोर विरोध करती है तथा इसे सरकार का जनविरोधी फैसला मानती है ।

महोदय,जैसा कि सर्वविदित हैं कि सरकार चोर दरबाजे से बिजली का सम्पूर्ण तरह से नीजिकरण करने जा रही, जिसका सीधा नुकसान राज्य की गरीब,किसान तथा मध्यवर्गीय परिवारों को होगा, यही नहीं तथाकथित स्मार्ट मीटर से लगवाने पर सरकार द्वारा बड़े – बड़े दावे किये जा रहें हैं कि उपभोक्ताओं को सुविधा होगी तथा बिजली के बिल भी सही आयेंगे एक तरफ से सब्जबाग दिखाना है । उदाहरण के तौर पर बताना जरूरी हो गया है कि पहले जिओ ने मुफ्त में सिम एवं मोबाईल बांटें और आज उपभोक्ताओं से कई गुना बसूल रही है । यही नहीं पूरे देश में बिजली क्षेत्र में रिलाइन्स,अडानी, टाटा ग्रुप आदि कम्पनियों द्वारा ज्यादा से ज्यादा आम जनता से धन कमाकर जनता पर आर्थिक बोझ डाला जा रहा है ।

एक अनुमान के अनुसार इन कम्पनियों द्वारा स्मार्ट मीटर की कीमत 7500-10500 रूपये तय की गई है तथा जिसकी कीमत भी अन्तत: जनता को ही चुकानी होगी, इस प्रकार मंहगी बिजली तथा जोर जबरदस्ती थोपा गया स्मार्ट मीटर बिना सहमति के कानूनी मीटर बन्द किया जाना स्वाभाविक प्रक्रिया है ।

ज्ञात हो कि कोरपेरेट जगत को लाभ पहुंचाने के लिऐ बिजली के निजीकरण के लिऐ पांच बार लोकसभा में बिजली बिल बहुमत होने बावजूद भी पारित नहीं पाया, इससे पहले भी बाजपेई सरकार 2003 में ऐसा कर चुकी है। उत्तराखण्ड सरकार बिजली का निजीकरण करने जा रही ‌है जो कि गैर संवैधानिक है ।

इससे पहले भाजपा की महाराष्ट्र ,उड़ीसा तथा वर्तमान दिल्ली व कांग्रेस की हिमाचल सरकारें चोर दरबाजे से निजीकरण कर कॉर्पोरेट जगत की सेवा करने के प्रयास करती रही हैं, जिसका जमकर विरोध हो रहा है ।

भारत सरकार ने बिजली सप्लाई एक्ट 1948 बनाया था जिसके तहत बिजली को गांवों ,शहरों, उद्योगों व खेती बाड़ी विकास हेतु बिजली आपूर्ति करना था ।आज 80 प्रतिशत गांवों में बिजली आपूर्ति से खाद्यान्न में भारी बृध्दि हुई जिसके तहत 5 किलो मुफ्त का अनाज देकर आपकी सरकार वोट बटोरने की राजनीति कर रही है, जबकि केरल की वामपंथी सरकार बिना राजनीति किये सभी गरीबों एवं जरूरतमन्दों को खाद्य पदार्थों सहित 25 आईटम मुफ्त दे रही है तथा सस्ती बिजली दे रही है ।

बिजली क्षेत्र स्वत: ही प्राइवेट हाथों में चले जाये और बिजली बोर्ड खत्म हो जाये परिणामस्वरूप हमारे राज्य सहित लाखों कर्मचारियों की नौकरी चली जायेगी, बिजली विभाग के सेवानिवृत्त कर्मचारियों की पेंशन पर प्रश्नचिन्ह लग जायेगा । स्मार्ट मीटर लगाने व बिजली विभाग के निजीकरण से बिजली कर्मचारियों और पेन्शन पर बिनाशकारी प्रभाव पड़ेगा, नये संविदा कर्मचारियों से कम मानदेय में ज्यादा काम लिया जायेगा तथा स्थाई रोजगार समाप्त होगा तथा बिपिएल परिवारों, भूतपूर्व सैनिकों, किसानी, लघु उद्योगों के क्षेत्र में लगे कर्मचारियों को बिजली में छूटों में कटौती होगी।

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