शनिवार को बंशीधर तिवारी, महानिदेशक, विद्यालयी शिक्षा उत्तराखण्ड द्वारा आदर्श राजकीय इण्टर कालेज मालदेवता, राजकीय इण्टर कालेज भगद्वारीखाल के साथ ही प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालय सरखेत का औचिक निरीक्षण किया गया।
निरीक्षण के समय आदर्श राजकीय इण्टर कालेज मालदेवता में शिक्षक उपस्थित पंजिका पूर्ण नहीं की गयी थी, जिस पर महानिदेशक द्वारा प्रभारी प्रधानाचार्य को उपस्थिति पंजिका को पूर्ण करने के निर्देश दिये गये साथ ही निर्देशित किया गया कि जिन शिक्षकों के अवकाश प्रार्थना पत्र नहीं हैं उन पर कार्यवाही की जाये। विद्यालय के शैक्षिक कार्यों का भ्रमण के समय विज्ञान विषय के अध्यापकों को निर्देशित किया गया कि विद्यालय में उपलब्ध प्रयोगशाला का उपयोग बच्चों को प्रयोगात्मक कार्यों के लिये कराना सुनिश्चित करें। महानिदेशक द्वारा प्रभारी प्रधानाचार्य एवं शिक्षकों को निर्देशित किया गया कि समयान्तर्गत विद्यालय में उपस्थित होकर शिक्षण कार्य करना सुनिश्चित करें। पुस्तकालय की पुस्तकों के सम्बन्ध मंे भी जानकारी प्राप्त की गयी तथा छात्र छात्राओं को पुस्तकालय से पुस्तकें उपलब्ध कराने की व्यवस्था सुनिश्चित कराये जाने के निर्देश दिए गए। प्रार्थना होने के उपरान्त भी बच्चे विद्यालय में विलम्ब से पहुंच रहे थे साथ ही विद्यालय में प्रथम वादन में ‘आनन्दम‘ की कक्षायें संचालित नहीं की जा रही थीं। महानिदेशक, विद्यालयी शिक्षा द्वारा मुख्य शिक्षा अधिकारी देहरादून को निर्देश दिए गए कि प्रधानाचार्य, राजकीय इण्टर कालेज मालदेवता से इस संदर्भ में स्पष्टीकरण लिया जाये साथ ही विद्यालय में व्यवस्थायें सुधारे जाने हेतु आवश्यक कार्यवाही की जायें।
राजकीय इण्टर कालेज भगद्वारीखाल में महानिदेशक, विद्यालयी शिक्षा द्वारा विद्यालय में शिक्षण कार्य का अवलोकन किया गया। साथ ही विद्यालय में 2 जीर्ण शीर्ण भवनों का तत्काल ध्वस्तीकरण कराये जाने के निर्देश दिए गए तथा 2 कक्षा कक्षों का प्रस्ताव उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए। तत्पश्चात बच्चों के साथ मध्याह्न भोजन ग्रहण किया गया साथ ही बच्चों को स्वच्छता, विशेष रूप से खाने से पहले खाने के बाद हाथ धोने के सम्बन्ध में जानकारी दी गयी। विद्यालय में बॉयोमैट्रिक मशीन खराब पायी गयी।
महानिदेशक, विद्यालयी शिक्षा द्वारा शिक्षको के साथ शैक्षिक सम्वाद किया गया, जिसमें सभी शिक्षकों से अपेक्षा की गयी कि राजकीय विद्यालयों में छात्र छात्राओं के नामांकन मंे वृद्धि की जाये। इस हेतु प्रधानाचार्य से लेकर शिक्षकों, कर्मचारियों को योगदान देना होगा। विद्यालयों के भौतिक रखरखाव के लिए भी सभी को सचेत होना होगा। ऑनलाईन सम्बन्धित सूचनाओं यथा यू डायस, छात्र विवरण, ऑनलाईन प्रशिक्षण को समय पर पूर्ण करना होगा ताकि पी0जी0आई0 आंकलन में प्रदेश की स्थिति संतोषजनक हो। महानिदेशक, विद्यालयी शिक्षा द्वारा शिक्षकों से उनके पदोन्नति के सम्बन्ध में भी चर्चा की गयी एवं विभिन्न न्यायालयी वादों के कारण पदोन्नति न होने के कारण विद्यालयों में प्रवक्ता/प्रधानाचार्याें की नियुक्ति नहीं हो रही है, इस सम्बन्ध मेें शिक्षकों को आपस में समय-समय पर न्यायालय प्रकरणों में कमी लानी होगी। महानिदेशक, विद्यालयी शिक्षा द्वारा शिक्षा विभाग मंे होने वाले क्रियाकलापों के सम्बन्ध में सभी शिक्षा से जुडे हुए कार्मिकों को सकारात्मक सोच पैदा करनी होगी। महानिदेशक द्वारा शिक्षकों से यह भी अपेक्षा की गयी कि विद्यालय में अध्ययनरत छात्र-छात्रायें समय पर विद्यालय में उपस्थित होवें साथ ही अनुशासन का पूर्ण ध्यान रखा जाये।
महानिदेशक, विद्यालयी शिक्षा द्वारा रा0प्रा0वि0 एवं रा0उ0प्रा0वि0 सरखेत का अनुश्रवण किया गया जो आपदा के कारण ध्वस्त हो गये हैं एवं एक साथ संचालित हो रहे हैं। इसके भवन एवं भूमि की उपलब्धता के सम्बन्ध में शीघ्र कार्यवाही किये जाने के निर्देश जिला शिक्षा अधिकारी (प्रारम्भिक) को दिये गये। महानिदेशक द्वारा जिला स्तर एवं विकासखण्ड स्तर के अधिकारियों को समय-समय पर विद्यालयों का निरीक्षण किये जाने के निर्देश भी दिए गए।
निरीक्षण के दौरान परमेन्द्र बिष्ट, संयुक्त निदेशक, पी0एम0 पोषण, आकाश सारस्वत, उप राज्य परियोजना निदेशक एवं भगवती प्रसाद मैन्दोली, स्टॉफ आफिसर, समग्र शिक्षा उपस्थित रहे।