देहरादून
बुधवार को आयोजित कवि गोष्ठी मे होली और सामाजिक प्रतिबद्धता पर काव्य पाठ किया गया।
गोष्ठी में कवयित्री रंजना शर्मा ने कविता प्रस्तुत की रोज़ की जिंदगी से थका न करे/ और पतंगे सृजन की उड़ाया करे / प्रश्न चिन्हों के घेरो मे घिर जाये तो/ बतकही चीड़ वन की हवा से करें।
कवि नीरज नैथानी ने सशक्त रचना का पाठ किया हां मै कविता / उनके लिए नही लिखता / जिन्हे उजाले/ के बावजूद नही दिखता।
जनकवि डा अतुल शर्मा ने फागुनी दोहे प्रस्तुत किये, हंसी पड़ी है काले रंग मे पीला रंग है मूक / लाल रंग मे खून मिला है / कहाँ हो गयी चूक। कवि विरेंद्र डंगवाल पार्थ ने काव्य पाठ किया, फागुन ने छेड़ी तान/ घुघुती गाये मीठे गान/ खिला है ड्यूटी और बुरांस / प्रकृति मे नवयौवन की आस / होली आयी रे।
गोष्ठी की अध्यक्षता नीरज नैथानी ने की और संचालन रंजना शर्मा ने किया। धरातल की अध्यक्ष कहानी कार रेखा शर्मा ने आए हुए सभी का धन्यवाद दिया।