“गाडी खरीदें आप किस्तें देंगे हम” का झांसा देकर,लाखो लेकर फरार हुए दिल्ली में दून पुलिस ने किया गिरफ्तार
9 जुलाई को एहसान पुत्र वाहिद अहमद शेरपुर थाना सहसपुर देहरादून द्वारा एक लिखित शिकायत दी कि मैंने और मेरे परिचितों ने इन्टरनैशनल एडवर्टाइजिंग कम्पनी का एक एड “गाडी खरीदें आप किस्तें देंगे हम” देखा। इस विज्ञापन को देखने के बाद मैं इन्टरनैशनल एडवर्टाइजिंग कम्पनी के कार्यालय नीलकंठ आर्केड, राजपुर रोड में गया, जहां तीन लोग जिनके नाम क्रमशः राघव गुप्ता, उदित चड्ढा तथा सोहेल अहमद जो तीनों जम्मू कश्मीर के निवासी हैं द्वारा बताया गया कि हमारी कम्पनी एक नई स्कीम चला रही है, जिसके अन्तर्गत ग्राहक अपनी मनपसंद गाडी, जिसे वो खरीदना चाहते हैं, कि कुल कीमत का 20 प्रतिशत देकर गाडी ले सकते हैं, शेष 80 प्रतिशत का भुगतान हमारी कम्पनी द्वारा किया जायेगा। बदले में केवल इन्हें 5 वर्षों तक प्रचार हेतु कम्पनी का लोगो उक्त वाहन में लगाने की शर्त थी। इसके तहत उक्त व्यक्तियों ने हमसे गाडी की कुल कीमत का 20 प्रतिशत, जो अलग-अलग लोगों से डेढ लाख से दो लाख तक है, लिये गये और कहा कि 9 जुलाई को आपको कार की डिलीवरी दे दी जायेगी, इस दौरान आपको 11-11 हजार रूपये की धनराशि का अलग से भुगतान शोरूम में कार बुकिंग हेतु देना होगा। लेकिन जब हम लोग 9 जुलाई को कम्पनी के उक्त कार्यालय में गये तो उनका कार्यालय बन्द मिला तथा उक्त तीनों व्यक्तियों के मोबाइल फोन भी स्विच आफ मिले, साथ ही सेंवला कला में जिस फ्लैट में ये लोग किराये पर रहते थे वहां से भी ये सभी लोग फरार थे।
सूचना पर तत्काल चौकी धारा में अभियोग पंजीकृत कर घटना के अनावरण हेतु पुलिस उप महानिरीक्षक/वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून ने इस पी सिटी ,सी सीटी के नेतृत्व में कोतवाली नगर व एसओजी की संयुक्त टीम का गठन किया गया। अभियुक्तों की तलाश के दौरान उनका एक जीप संख्या: JK-01-AF-0013 से फरार होना पता चला, जिस पर तत्काल् टीमों को उक्त जीप की तलाश में लगाया गया। फरार अभियुक्तों के मोबाइल लोकेशन के द्वारा अभियुक्तोें का सहारनपुर के रास्ते दिल्ली की ओर लोकेशन मिली। जिस पर तत्काल एक टीम को अभियुक्तों की गिरफ्तारी हेतु दिल्ली रवाना किया गया। दिल्ली पहुंचकर अभियुक्तों के सम्बन्ध में जानकारी करने पर स्थानीय पुलिस की सहायता से जानकारी प्राप्त हुई की उक्त वाहन की लोकेशन एम्स हास्पिटल दिल्ली के आप-पास ट्रेस हुई। जिस पर टीम द्वारा तत्काल लोकेशन पर पहुंच कर दिल्ली एम्स के पास पार्किंग में जीप में सवार दो अभियुक्तों को मौके से गिरफ्तार कर लिया। अभियुक्तों से पूछताछ करने पर उनके द्वारा बताया गया कि घटना में सम्मिलित हम तीनो देहरादून से एक साथ ही दिल्ली को चले थे, दिल्ली पहुंचकर हमारा साथी राघव गुप्ता दिल्ली से सारा पैसा लेकर बस व अन्य माध्यमों से जम्मू की ओर रवाना हो गया है। चूंकि उसके पास सारा पैसा था तथा एक साथ जाने में चैकिंग का भी खतरा था इसी कारण हमने उसे अकेले भेज दिया। जिसके पश्चात हम दोनो की भी अपनी इसी जीप से जम्मू की ओर रवाना होने की योजना थी, किन्तु पुलिस द्वारा हमें गिरफ्तार कर लिये गए। घटना में प्रयुक्त वाहन के विषय में ज्ञात हुआ कि पूर्व में थाना सदर, थानापुर श्रीनगर में धोखाधडी का एक अभियोग दर्ज हुआ है।
पत्रकार वार्ता में पूछताछ के दौरान अभियुक्त उदित चडढा द्वारा बताया गया कि उसके द्वारा आईटी से बी-टैक किया गया है तथा वह जम्मू में गाडियों को खरीदने तथा बेचने का कार्य करता था। जम्मू में ही उसकी मुलाकात राघव गुप्ता से हुई जिसके द्वारा भी यही कार्य किया जाता था । राघव गुप्ता से मिलने के बाद उनके द्वारा जल्दी पैसा कमाने के लिये लोगों को सस्ते में गाडी खरीदने के नाम पर झांसे में लेकर उनसे पैसा एंठने की योजना बनाई। योजना में उदित द्वारा अपने एक दोस्त सोहेल को भी शामिल कर लिया जो जम्मू में एक एनजीओ में कार्य करता था। योजना के मुताबिक वह सभी मार्च में देहरादून पहुंचे क्योंकि उन्हें पता था कि देहरादून में काफी पैसे वाले रईस रहते हैं जिन्हें आसानी से झांसे में लिया जा सकता है। योजना के मुताबिक उन्होने सेंवलाकला में एक फ्लैट किराये पर लिया, परन्तु मार्च में अचानक लाॅक डाउन होने के कारण वह अपनी योजना को अमली जामा नहीं पहना पाये। माह जून में अनलाक प्रक्रिया शुरू होते ही राजपुर रोड पर नीलकंठ आर्केड में एक आफिस किराये पर लिया तथा ओयो के माध्यम से उसमें स्टाफ नियुक्त करने हेतु लोगों के आवेदन मांगे, प्राप्त आवेदनों में से हमारे द्वारा दो युवतियों को अपने स्टाफ में तथा एक व्यक्ति को चपरासी के रूप में नियुक्त किया गया। साथ ही समाचार पत्रों के माध्यम से लोगों को सस्ते में कार खरीदने हेतु विज्ञापन प्रकाशित कराये गये। कई लोगों द्वारा उक्त विज्ञापनों को देखकर हमसे सम्पर्क किया जिन्हें हमारे द्वारा सस्ती कार दिलाने का झांसा देकर उनसे कार की लागत की 20 प्रतिशत धनराशि अग्रिम धनराशि के तौर पर ले ली गयीं तथा लोगों को गाडी की डिलीवरी करने से पूर्व ही हम सभी योजना के अनुसार शहर से फरार हो गये। पुलिस टीम में Co सिटी शेखर सुयाल,कोतवाल शिशुपाल नेगी, जितेन्द्र चौहान, शिशुपाल राणा,एसओजी प्रभारी
एश्वर्य पाल मौजूद थे।