प्रदेश के विभिन्न विभागों में कार्मिकों को मार्च का वेतन न मिलने से बच्चो के एडमिशन,ड्रेस कॉपी किताबों के खर्च में आ रही समस्या..अरुण पांडे

देहरादन

राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के प्रदेश अध्यक्ष अरूण पांडे ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि प्रदेश के विभिन्न विभागों में कार्मिकों को आतिथि तक माह मार्च 2023 का वेतन निर्गत नहीं किया गया है। जबकि इस माह में कार्मिकों के ऊपर अपने पाल्यों की शिक्षा सम्बन्धी विभिन्न व्यवस्थाओं यथा-बच्चों की एडमिशन फीस,ड्रेस व कापी किताबों आदि पर व्यय के साथ-साथ अन्य पारिवारिक व्ययों की अधिकता होती है।

पांडे ने बताया कि पूर्व में शासन के वित्त विभाग द्वारा कोषागार को जारी किये गये निर्देश के अनुसार बजट की प्रत्याशा में माह मार्च का वेतन निर्गत कर दिया जाता था जिसका समायोजन वित्तीय वर्ष के बजट से कर लिया जाता था। किन्तु नई व्यवस्था के अन्तर्गत वित्त विभाग द्वारा शासन के समस्त प्रशासकीय विभागों(सचिव) को बजट आवंटन कर दिया जाता है एवं तद्परान्त अपने अधीनस्थ विभागों को शासन के प्रशासकीय विभागों(सचिव) द्वारा बजट आवंटन किये जाने पर ही कार्मिकों का वेतन आहरित होना सम्भव हो पाता है। परिषद द्वारा इस सम्बन्ध में शासन स्तर पर सम्पर्क किये जाने पर अवगत कराया गया कि विभागों द्वारा गत वित्तीय वर्ष का लेखा-जोखा शासन स्तर पर समय पर प्रस्तुत न किये जाने के कारण विभागों को बजट आवंटन में देरी हो रही है] जिससे कार्मिकों को वेतन नहीं मिल पा रहा है। इस सम्बन्ध में परिषद द्वारा मुख्यमंत्री एवं मुख्य सचिव से अनुरोध किया जा रहा है कि प्रकरण का संज्ञान लेते हुए प्रदेश के कार्मिकों को वेतन भुगतान में आने वाली इस प्रकार की अनावश्यक बाधाओं को दूर करने हेतु सम्बन्धित को निर्देशित करें जिससे की प्रदेश के कार्मिकों को माह मार्च का लम्बित वेतन भुगतान किया जा सके।

2- प्रदेश की सरकार/शासन द्वारा वेतन विसंगतियों के निराकरण हेतु गठित वेतन समिति को वेतन विसंगतियों के निराकरण पर आख्या के साथ ही अन्य विभिन्न कार्य यथा-वित्तीय हस्तपुस्तिका में संशोधन पर सुझाव] कामन सेवा नियमावली बनाये जाने पर सुझाव एवं विभागीय ढाचों के पुनर्गठन पर सुझाव आदि कार्य सौपें गये थे। परिषद के संज्ञान में आया है कि वेतन समिति द्वारा वेतन विसंगतियों के निराकरण, वित्तीय हस्तपुस्तिका में संशोधन] कामन सेवा नियमावली बनाये जाने पर अपने सुझाव सरकार/शासन को सौप दिये गये हैं। किन्तु इन सुझावों पर कार्यवाही की जानी तो दूर इन्हें प्रदेश के कार्मिक संगठनों द्वारा लगातार मांग करने के वावजूद अभी तक सार्वजनिक भी नहीं किया गया है। इस प्रकार वेतन समिति द्वारा इन कार्यो को किये जाने हेतु परिश्रम एवं इस पर आने वाला व्यय व्यर्थ साबित हो रहा है। परिषद की मांग है कि वेतन समिति के सुझावों को सार्वजनिक किया जाय जिससे कि कार्मिकों को उनकी उपयोगिता ज्ञात हो सके।

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