पर्यावरणविद् सुन्दरलाल बहुगुणा ने शुक्रवार को दोपहर करीब 12 बजे एम्स ऋषिकेश में ली अंतिम सांस,पहाड़ मैदान हर तरफ शोक की लहर

देहरादून/ऋषिकेश

दुनिया के कई पुरुस्कारों से सम्मानित चिपको आंदोलन के प्रणेता पर्यावरणविद सुंदरलाल बहुगुणा का ऋषिकेश एम्स में कोरोना संक्रमण की वजह से शुक्रवार को निधन हो गया।

संक्रमित होने के बाद से एम्स में उनका इलाज चल रहा था। उनके निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा कई लोगो ने भी शोक व्यक्त किया है।

पीएम मोदी ने ट्वीट में लिखा, ”श्री सुंदरलाल बहुगुणा जी का निधन हमारे देश के लिए एक बड़ी क्षति है. उन्होंने प्रकृति के साथ सद्भाव में रहने के हमारे सजदियों पुराने लोकाचार को प्रकट किया. उनकी सादगी और करुणा की भावना को कभी भुलाया नहीं जा सकेगा. मेरे विचार उनके परिवार और कई प्रशंसकों के साथ हैं. ओम शांति.”

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने बहुगुणा के निधन पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए कहा कि चिपको आंदोलन को जन जन का आंदोलन बनाने वाले सुंदरलाल बहुगुणा का निधन न केवल उत्तराखण्ड और भारतवर्ष बल्कि समस्त विश्व के लिये अपूरणीय क्षति है। सामाजिक सराकारों व पर्यावरण के क्षेत्र में आई इस रिक्तता को कभी नहीं भरा जा सकेगा।

उत्तराखण्ड के गौरव चिपको आन्दोलन के सिपाही व महान पर्यावरणविद सुन्दरलाल बहुगुणा निधन पर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत,त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कॉंग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह,भाजपा अध्यक्ष बंशीधर भगत,सतपाल महाराज,हीरा सिंह बिष्ट आदि के साथ उत्तराखण्ड मंत्री मण्डल के अनेक मंत्रियों विधायको ने भी गहरा शोक व्यक्त कर श्रद्धा सुमन अर्पित किये हैं।

ताउम्र बहुगुणा गांधीवादी विचारों से प्रेरित रहे,श्रीदेव सुमन के साथी रहे बहुगुणा ने एक मुलाकात के दौरान चर्चा में जिक्र किया था कि उनकी एक बार गांधी जी से मुलाकात हुई और उन्होंने गांधी जी को बताया कि वे पर्वतीय अचंलों में स्वराज कायम कर रहे हैं, तो गांधी जी ने उन्हें धन्यवाद देते हुए कहा था कि हिमालय की जितनी ऊंचाई पर तुम रहते हो तुमने उतना ही ऊंचा काम किया है, साथ ही गांधी जी ने उनसे कहा कि मेरी अहिंसा को तुम धरती पर लाए हों।

पर्यावरणविद् सुन्दरलाल बहुगुणा का शुक्रवार को दोपहर करीब 12 बजे अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, एम्स ऋषिकेश में उपचार के दौरान देहांत हो गया। वह डायबिटीज व हाईपरटेंशन के पेशेंट थे और उन्हें कोविड निमोनिया की शिकायत थी। गौरतलब है कि 94 वर्षीय बहुगुणा को कोरोना संक्रमित होने के बाद से बीती 8 मई को एम्स, ऋषिकेश में भर्ती किया गया था। बहुगुणा को उपचार के दौरान शुक्रवार को निधन हो गया। वह मधुमेह व उच्चरक्तचाप के मरीज थे व पिछले कुछ दिनों से लाइफ सपोर्ट पर थे।

इस अवसर पर उत्तराखण्ड न्यूज कैमरामैन एसोसिएशन ने भी श्रद्धांजलि अर्पित की, UNCA के कार्यकारी अध्यक्ष मंगेश कुमार ने कहा कि देश,दुनिया के लोगो के साथ ही उत्तराखण्ड पर्यावरण सुधार को लेकर किये गए उनके योगदान को कभी नही भुला पायेगा।
उत्तराखण्ड राज्य आदोलनकारी संघ ने श्रद्धानजली सभा आयोजित की संघ के अध्यक्ष जगमोहन सिंह नेगी ने कहा कि सुंदरलाल बहुगुणा के निधन से उत्तराखण्ड ही नही बल्कि पूरे समाज को पर्यावरण की रक्षा करने के साथ ही हमे बेहतरीन सीख देने वाले महान व्यक्तित्व की कमी कभी पूरी नही हो पायेगी।डालनवाला जनकल्याण समिति के अध्यक्ष टीटू त्यागी ने बहुगुणा के निधन को अपूरणीय क्षति बताया।
रामलाल खंडूड़ी व प्रदीप कुकरेती के साथ ओमी उनियाल ने कहा चिपको आन्दोलन से लेकर टिहरी बांध का संघर्ष व अनेक समाजिक आन्दोलन की लो जलाने वाले एक अंतर्राष्टीय हस्ती का जाना हमारे लिए एक बड़ी क्षति है़ जिसे कभी हम ताउम्र पूरी नही कर पाएंगे। सुंदरलाल बहुगुणा ने इतनी बड़ी शख्सियत होते हुए भी हमेशा सामान्य जीवन यापन किया और हमेशा पूरी दुनिया को पेड़ लगाने से लेकर हमारी नदियो व गाड़ गधेरे को बचाने के साथ पर्यावरण पर सकारात्मक सन्देश दिया और पहाडो पर चीड़ से होने वाले नुकसान से बार बार अवगत कराते थे।
राज्य आंदोलनकारी मंच उनके योगदान को हमेशा याद रखते हुए श्रद्धा सुमन करने वालो में सुशीला बलूनी , रविन्द्र जुगरान , मोहन खत्री , पुष्कर बहुगुणा , सुरेश नेगी , भानु रावत , सुरेश कुमार , वेदा कोठारी , शिवानंद चमोली , जयदीप सकलानी , अरुणा थपलियाल , राकेश नौटियाल , सुलोचना भट्ट , विजय लक्ष्मी गुंसाई , वीरेन्द्र सकलानी , गौरव खंडूड़ी , सुमित थापा , सतेन्द्र भण्डारी , कमला कंडारी , प्रभात डन्ड्रियाल आदि थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published.