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चारधाम यात्रा की तैयारियों में जुटी सरकार के सामने संकट,यात्रा शुरू होने से पूर्व ही केदारसभा और कई एसोसिएशन ने शुरू किया विरोध

रुद्रप्रयाग/देहरादून।

प्रदेश सरकार के समक्ष चारधाम यात्रा की तैयारियो के बीच नया संकट खड़ा हो गया है, मुख्य सचिव राधा रतूड़ी के केदारनाथ दौरे के बाद केदारसभा ने धाम में तीसरे चरण के निर्माण कार्यों को लेकर तोड़े जा रहे भवनों के मुद्दे पर यात्रा के पूर्ण बहिष्कार की चेतावनी दे दी है।

साथ साथ श्रद्धालुओं की संख्या सीमित करने को लेकर दून व हरिद्वार टूर, टैक्सी, होटल एसोसिएशन ने भो सरकार को पत्र भेजकर अपना विरोध दर्ज करा दिया है। एसोसिएशन का कहना है कि इससे आजीविका समेत तीर्थ यात्रा व पर्यटन पर विपरीत असर पड़ेगा।

निर्माण को लेकर बिना नोटिस केदारनाथ धाम में भवनों की तोड़-फोड़ की कार्यवाही से नाराज केदारसभा ने प्रदेश के मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर दस मई से शुरू होने वाली यात्रा के पूर्ण बहिष्कार की चेतावनी दे दी है।

केदारसभा के अध्यक्ष राजकुमार तिवारी ने कहा कि सरकारी मशीनरी द्वारा बिना किसी योजना के केदारनाथ धाम में भवन तोड़े जा रहे हैं। जो कि निंदनीय है।

उन्होंने कहा कि यात्रा शुरू होने पर यात्रा मार्ग के सभी व्यापारिक प्रतिष्ठान, भवन, विश्राम गृह आदि बंद रखे जाएंगे।

यहां उल्लेखनीय है कि केदारनाथ का पुनर्निर्माण पीएम मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट है और वह खुद भी इसका अपडेट लेते रहते हैं,जिसके लिए केंद्र व राज्य सरकार लगातार कसरत में जुटी है। इसको लेकर खुद पीएम और सीएम के साथ ही अधिकारियों की लगातार आवाजाही लगी रहती है।

दो चरणों के निर्माण के बाद तीसरे चरण के अंतर्गत केदारनाथ धाम में पुनर्निर्माण कार्य चल रहे हैं जिसको लेकर पुराने भवनों को तोड़ने की प्रक्रिया चल रही है। आरोप लगाया जा रहा है कि इसमें तीर्थ पुरोहित समाज एवं हक-हकूक धारियों से कोई सलाह नहीं ली गयी।

केदारसभा के अनुसार केदारनाथ धाम में भवनों के आगे गड्डे बनाए जा रहे हैं, जिससे उनके भवनों को क्षति पहुंच रही है। तीर्थ पुरोहित राजेन्द्र तिवारी,उमेश पोस्ती, संतोष त्रिवेदी ने भी प्रशासन की कार्रवाई पर अपना विरोध दर्ज किया है।

नाराज तीर्थपुरोहितों ने पुलिस अधीक्षक को दी तहरीर में कहा है कि केदारनाथ में भूमिधरी का अधिकार मिलने के बावजूद शासन-प्रशासन लगातार अपनी मनमर्जी कर रहा है। वह जमीन कब्जे की नहीं है। जिस तरह से अधिकारी बिना नोटिस के कार्यवाही कर रहे हैं, उसको लेकर जल्दी ही न्यायालय की शरण ली जाएगी।

चार धाम यात्रा में धामों पहुंचने वाले श्रद्धालुओं की संख्या सरकार द्वारा सीमित किए जाने का भी विरोध शुरू हो गया है। टूर ऑपरेटर, होटल व टैक्सी एसोसिएशन ने प्रदेश के राज्यपाल, मुख्यमंत्री से ऑनलाइन के साथ ही ऑफलाइन यात्रा पंजीकरण की भी व्यवस्था को सुनिश्चित किए जाने की मांग की है।

विगत दिनों ही मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने केदारधाम का दौरा किया था उनको भी इन बातों से अवगत कराया गया था।

टूर ऑपरेटर एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड ने कहा कि धामों में दर्शन करने वालों की संख्या सीमित न की जाय। वहीं उन्होंने हेली सेवाओं में होने वाली कालाबाजारी पर भी पूरी तरह रोक लगाने को भी कहा है।

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