पीएमओ का फर्जी अधिकारी बन गुजराती ठग ने कई राज्यों के साथ उत्तराखंड पुलिस को भी बनाया बेवकूफ,जम्मू से उत्तराखंड तक बुलेट प्रूफ और Z प्लस के लिए मजे,अब पहुंचे जेल

देहरादून।

पीएम ऑफिस का वरिष्ठ अधिकारी बताकर देशभर में जेड प्लस सुरक्षा से लेकर मेहमानवाजी का लुत्फ उठाने वाले गुजरात के ठग किरण पटेल ने उत्तराखंड में भी खूब सैर की। सूत्रों पर भरोसा करें तो किरण पटेल ने यहां भी पीएमओ की धौंस दिखाकर सुख सुविधाएं ली होंगी। अब पुलिस पुराना रिकॉर्ड खांगाल कर ठग के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी में जुट गई है। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि यदि किरण पटेल ने उत्तराखंड में भी फर्जी तरीके से सुविधाएं ली होंगी तो कड़ी कार्रवाई तय है।

गौरतलब है कि गुजरात के ठग किरण पटेल ने स्वयं को पीएमओ का वरिष्ठ अधिकारी बताकर जम्मू कश्मीर से लेकर उत्तराखंड तक मौज ली है। आरोपी ने जम्मू प्रशासन से जेड-प्लस सुरक्षा, एक बुलेटप्रूफ महिंद्रा स्कॉर्पियो एसयूवी, पांच सितारा होटल में आधिकारिक प्रवास की सुविधा समेत और भी बहुत सी सुविधा लेने और सुरक्षा व्यवस्था का खुले तौर पर मजाक उड़ाने पर गत दिनों जम्मू पुलिस ने ठग किरण भाई पटेल को गिरफ्तार कर लिया। आरोपी को गिरफ्तार करने के बाद 15 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।

यह जानकारी मीडिया में प्रसारित होते ही ठग किरण पटेल ने जिस राज्य में मौज की वहां के पुलिस प्रशासन में हड़कंप मच गया। आरोपी के ट्वीटर एकाउंट में उसकी सरकारी सुविधाओं यहां तक सेना और पुलिस से जेड प्लस सुरक्षा की मौज मस्ती करती कई वीडियो और फ़ोटो वॉयरल हो रही है। इनमें उत्तराखंड की फ़ोटो भी शामिल हैं। यहां जुलाई, अगस्त से दिसम्बर 2022 तक किरण पटेल ने ऋषिकेश परमार्थ निकेतन, देहरादून के मालदेवता, केदारनाथ धाम समेत कई जगह की फ़ोटो ट्वीट की है।

श्रीनगर पुलिस ने आरोपी ठग किरण पटेल को एक आलिशान होटल से उस वक्त गिरफ्तार किया, जब वह पीएमओ का अफसर बनकर वहां सरकारी सुविधाओं में ठहरा था। आरोपी जम्मू में कई बार पीएमओ का अफसर बनकर पहुंचा, तो गत दिनों श्रीनगर पुलिस को उस पर शक हुआ। इसी बीचश्रीनगर पुलिस ने जांच की तो आरोपी के फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ। मीडिया के माध्यम से इसकी जानकारी उत्तराखंड तक पहुंची तो यहां भी पुलिस प्रशासन में हड़कंप मचा है। पुष्ट सूत्रों का कहना है कि किरण पटेल ने उत्तराखंड में भी सरकारी सुविधाओं पर केदारनाथ धाम की यात्रा हेलीकॉप्टर से की है। जहां आरोपी ने स्वयं को पीएमओ का अफसर बताकर पुलिस सुरक्षा के बीच दर्शन किये होंगे।

हालांकि एडीजी लॉ एंड ऑर्डर वी मुरुगेशन का कहना है कि ट्वीटर फ़ोटो और लोकेशन के आधार पर जांच कराई जाएगी। यदि आरोपी ने यहां भी फर्जी तरीके से सरकारी सुख सुविधाएं ली होंगी तो कार्रवाई होगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published.